Gujarat Medical College Ragging: पीड़ित के भाई का छलका दर्द, ये लोग कैसे डॉक्टर होंगे

पाटन स्थित जीएमईआरएस मेडिकल कॉलेज में रैंगिंग का मामला सामने आया था। इस केस में पहले साल के छात्र अनिल मेथानिया का निधन हो गया। कुल 15 सीनियर्स की गिरफ्तारी हुई है।

By :  Lalit Rai
Update: 2024-11-20 08:24 GMT

उसका सपना डॉक्टर बनकर लोगों की सेवा करना था। कमरतोड़ पढ़ाई कर मेडिकल एग्जाम को पास किया। सपनों को उड़ान देने के लिए गुजरात के पाटन स्थित मेडिकल कॉलेज में दाखिला लिया। लेकिन उसे क्या पता था कि उसकी जिंदगी वहीं खत्म हो जाएगी। पाटन के जीएमईआरएस मेडिकल कॉलेज-अस्पताल में पहले वर्ष के छात्र अनिल मेथानिया अब इस दुनिया में नहीं हैं। उनके परिवार ने आरोप लगाया था कि रैगिंग के नाम पर अनिल को तीन घंटे तक खड़ाकर रखा गया और उसकी वजह से मौत हो गई। अनिल के भाई का कहना है कि जो लोग खुद को डॉक्टर कह रहे हैं क्या वास्तव में वो डॉक्टर कहने के लायक हैं। वो किस तरह के डॉक्टर बनते। यह गुस्सा और दर्द अनिल के भाई का है।

वैसे तो सभी शैक्षणिक संस्थानों में रैगिंग पर रोक है। लेकिन अब सीनियर छात्र इंट्रोडक्शन जिसे शॉर्ट में इंट्रो भी कहते है। वैसे तो कॉलेज कैंपस में रैगिंग या एंट्रो पर भी रोक है। हालांकि देखा गया है कि व्यवहारिक तौर पर इस पर लगाम नहीं लग सका है। पाटन के मेडिकल कॉलेज में जो कुछ हुआ वो बेलगाम छात्रों के मनमाने का नतीजा था। पीड़ित के परिवार का कहना है कि उनका बच्चा बेहद होनहार था। लेकिन कुछ छात्रों की सनक के आगे वो खुद को एडजस्ट नहीं कर सका और इतनी बड़ी घटना हो गई। 

लगातार कई घंटों तक खड़े रहने के बाद अनिल बेहोश हो गया। उसे अस्पताल में भर्ती कराया गया और उसने पुलिस को बताया कि उसे तीन घंटे तक खड़ा रखा गया। कुछ ही देर बाद उसकी मौत हो गई। इस मामले में 15 सीनियर छात्रों को गिरफ्तार किया गया है। उन पर गैर इरादतन हत्या समेत कई धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया है। अनिल के चचेरे भाई गौरव मेथानिया ने शनिवार रात को आए चौंकाने वाले फोन कॉल को याद किया। गौरव ने कहा, "हमें रात में फोन आया और बताया गया कि मेरे भाई को अस्पताल में भर्ती कराया गया है। हमें जल्द से जल्द अस्पताल पहुंचने के लिए कहा गया।" अनिल का परिवार गुजरात के सुरेंद्रनगर जिले में रहता है, जो मेडिकल कॉलेज से 150 किलोमीटर दूर है।

गौरव ने कहा, "हम चारों सुबह करीब 4 बजे अस्पताल पहुंचे और हमें पता चला कि मेरे भाई की मौत हो गई है और शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है। वहां डीन और पुलिस की मौजूदगी में हुई बैठक में हमें पता चला कि रैगिंग हुई है। सीनियर्स से पूछताछ की गई।" यह पूछे जाने पर कि अब परिवार क्या चाहता है, उन्होंने कहा, "जो लोग ये हरकतें कर रहे हैं, उनका दिमाग अपराधी है, चिकित्सा एक सेवा क्षेत्र है, वे वहां कैसे काम करेंगे? क्या वे देश के भविष्य को सुधारेंगे या नुकसान पहुंचाएंगे? ऐसे अपराधी दिमाग वाले वे किस तरह के डॉक्टर बनेंगे, उनकी पढ़ाई बंद कर देनी चाहिए और उन्हें आजीवन कारावास की सजा दी जानी चाहिए।" गौरव ने कहा कि अनिल एक बेहतरीन छात्र था।

वह दो-तीन गांवों में अव्वल छात्र था, हमारे परिवार में एमबीबीएस करने वाला पहला छात्र था। हमने उसमें भविष्य का डॉक्टर देखा।  कॉलेज की एंटी-रैगिंग कमेटी ने 26 छात्रों के बयान दर्ज किए और पाया कि 15 सीनियर्स ने 11 नए छात्रों की रैगिंग की थी। एफआईआर के अनुसार प्रथम वर्ष के छात्रों को घंटों खड़े रहने के लिए मजबूर किया गया और उन्हें गाने, नाचने और गाली-गलौज करने के लिए मजबूर किया गया। र उच्च शिक्षा नियामक विश्वविद्यालय अनुदान आयोग ने शैक्षणिक परिसरों में हर तरह की रैगिंग पर प्रतिबंध लगा दिया है और संबद्ध संस्थानों को रैगिंग या रैगिंग को बढ़ावा देने के दोषी पाए जाने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने को कहा गया है।

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