इन तीन रोगों से गोवा में 47 फीसद लोगों की मौत, चौंकाने वाली जानकारी
गोवा के आर्थिक सर्वेक्षण में यह जानकारी सामने आई है कि जनसंख्या में बढ़ोतरी सामान्य है। लेकिन प्राकृतिक मौत में हृदय रोग और कैंसर की हिस्सेदारी अधिक है।;
Goa Economic Survey: आर्थिक सर्वेक्षण 2024-25 के अनुसार, गोवा की जनसंख्या 2025 तक बढ़कर 15.96 लाख होने की संभावना है, लेकिन स्वास्थ्य संकेतकों में चिंताजनक प्रवृत्तियाँ देखने को मिल रही हैं। राज्य में शिशु मृत्यु दर बढ़ी है, और हृदय रोग, कैंसर और मधुमेह जैसी बीमारियों के कारण होने वाली प्राकृतिक मौतों का प्रतिशत लगभग आधे तक पहुँच गया है।
विधानसभा में प्रस्तुत आर्थिक सर्वेक्षण 2024-25 के अनुसार, 2025 में गोवा की अनुमानित जनसंख्या 15.96 लाख होगी, जो पिछले वर्ष की 15.87 लाख जनसंख्या से अधिक है। हालांकि, रिपोर्ट में स्वास्थ्य संबंधी चिंताजनक पहलू भी उजागर किए गए हैं, जिसमें शिशु मृत्यु दर में वृद्धि और हृदय रोग, कैंसर तथा मधुमेह जैसी बीमारियों से होने वाली मौतों में वृद्धि शामिल है। इन बीमारियों के कारण गोवा में होने वाली कुल प्राकृतिक मौतों का 47% से अधिक हिस्सा है।
मृत्यु दर और स्वास्थ्य स्थिति
आर्थिक सर्वेक्षण के अनुसार, "2022 में राज्य में मृत्यु दर प्रति हजार जनसंख्या पर 9.40 थी, लेकिन 2023 में यह बढ़कर 9.50 प्रति हजार हो गई।""राज्य में प्राकृतिक मौतों का प्रमुख कारण हृदय रोग, हृदयाघात, कैंसर और मधुमेह हैं, जो कुल मौतों का 47.44% हैं। इनमें से 42.33% पुरुष और 54.46% महिलाएं हैं।"
इसके विपरीत, 6.15% मौतें अप्राकृतिक कारणों जैसे कि डूबने, जहरीले जीव-जंतुओं के काटने, दुर्घटनाग्रस्त जलने, जहरीले पदार्थों के सेवन, सड़क दुर्घटनाओं और आत्महत्या के कारण हुईं।
शिशु मृत्यु दर में गिरावट
सर्वेक्षण के अनुसार, गोवा की शिशु मृत्यु दर 2023 में और अधिक बिगड़ गई। राज्य में 2023 में प्रति हजार जीवित जन्मों पर 10.73 शिशु मौतें दर्ज की गईं, जबकि 2022 में यह दर 8.83 थी। शिशु मृत्यू दर में गिरावट के लिए महिलाओं के बेहतर पोषण और प्राइमरी सेक्टर में हेल्थ सुविधा की तारीफ की गई है। लेकिन राज्य मे होने वाली मौतों में जिस तरह से दिल की बीमारी, डायबिटीज और कैंसर की बढ़ोतरी हुई उसे लेकर चिंता जताई गई है। जानकारों का कहना है कि पहली नजर में हार्ट अटैक और डायबिटीज का मामला हेल्थ स्टाइल से जुड़ा हुआ है। लेकिन सरकार को बुनियादी सुविधाओं पर और जोर देना होगा।