कुलपति सम्मेलन पर टकराव, राज्यपाल और तमिलनाडु सरकार के बीच बढ़ता विवाद

यह विवाद राज्यपाल और राज्य सरकार के बीच बढ़ते तनाव को दर्शाता है। शैक्षिक स्वतंत्रता और संविधानिक अधिकारों की रक्षा के लिए यह आवश्यक है कि दोनों पक्ष आपसी समझ और संवाद के माध्यम से समाधान खोजें।;

Update: 2025-04-26 05:56 GMT

तमिलनाडु के राज्यपाल आरएन रवि ने आरोप लगाया है कि राज्य सरकार ने विश्वविद्यालयों के कुलपतियों को पुलिस कार्रवाई की धमकी देकर उन्हें उधगमंडलम (ऊटी) में आयोजित वार्षिक कुलपति सम्मेलन में भाग लेने से रोका। यह सम्मेलन दो दिन का था और 25 अप्रैल को राज्यपाल के कार्यालय में शुरू हुआ। उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने इसका उद्घाटन किया।

सम्मेलन में कुलपतियों की अनुपस्थिति

इस सम्मेलन में राज्य और केंद्रीय विश्वविद्यालयों के कुलपतियों को आमंत्रित किया गया था। लेकिन अधिकांश राज्य विश्वविद्यालयों के कुलपति इसमें शामिल नहीं हुए। कुछ ने सम्मेलन में भाग लेने के लिए यात्रा की। लेकिन रास्ते में ही वापस लौट गए। कुल मिलाकर 57 आमंत्रितों में से केवल 32 प्रतिनिधि उपस्थित हुए, जिनमें से अधिकांश केंद्रीय और निजी विश्वविद्यालयों के थे।

राज्यपाल का आरोप

राज्यपाल रवि ने सम्मेलन के दौरान आरोप लगाया कि राज्य सरकार ने कुलपतियों को सम्मेलन में भाग लेने से रोकने के लिए धमकी दी। उन्होंने कहा कि कुछ कुलपतियों को पुलिस स्टेशन में बुलाया गया और उन्हें बताया गया कि यदि वे सम्मेलन में भाग लेंगे तो वे अपने घर नहीं लौट पाएंगे। राज्यपाल ने राज्य सरकार की आलोचना करते हुए कहा कि राज्य के स्कूलों और विश्वविद्यालयों की स्थिति बहुत खराब है। उन्होंने बताया कि सरकारी स्कूलों के आधे से अधिक छात्र दो अंकों की संख्याओं को पहचान नहीं सकते और राज्य विश्वविद्यालयों में PhD धारकों की संख्या बहुत अधिक है। लेकिन उनमें से बहुत कम लोग NET JRF परीक्षा में उत्तीर्ण होते हैं।

मुख्यमंत्री पर हमला

राज्यपाल ने मुख्यमंत्री एम.के. स्टालिन पर भी हमला किया और कहा कि उन्होंने पुलिस का उपयोग करके कुलपतियों को सम्मेलन में भाग लेने से रोका। उन्होंने इसे आपातकाल के दिनों की याद दिलाने वाला कदम बताया।

DMK की प्रतिक्रिया

DMK और उसके सहयोगियों ने राज्यपाल के आरोपों को निराधार बताते हुए उनकी आलोचना की। DMK के राज्यसभा सांसद पी. विल्सन ने कहा कि राज्यपाल के बयान संविधान का उल्लंघन हैं और वे विश्वविद्यालयों में एक विशेष विचारधारा थोपने की कोशिश कर रहे हैं।

शिक्षाविदों की प्रतिक्रिया

पूर्व कुलपति डॉ. ई. बालागुरुसामी ने राज्यपाल के अधिकारों का समर्थन करते हुए कहा कि राज्यपाल को कुलपतियों से शैक्षिक मुद्दों पर चर्चा करने का अधिकार है। उन्होंने राज्य सरकार की ओर से कुलपतियों को धमकी देने की घटना को शर्मनाक बताया।

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