दिल्ली में तेज बारिश ने फिर खोली सरकारी दावों की पोल, जगह जगह जल भराव

दिल्ली में पिछले दो महीनों से मानसून की तैयारियों पर तरह तरह से दावे किये जा रहे हैं, कभी नालों से गाद को साफ़ करने का तो कभी किसी और तरह का लेकिन जैसे एक तेज बारिश आती है तो इन दावों की कलई खोल जाति है.

Update: 2024-08-20 03:31 GMT

ये तस्वीर मिंटो ब्रिज की है, जहाँ भारी बारिश के बाद हुए जल भराव की वजह से मार्ग को बंद कर दिया गया है. 

Water Logging in Delhi: दिल्ली में मंगलवार सुबह हुई तेज बारिश ने कई जगहों पर जल भराव की स्थिति पैदा कर दी. जल भरवा भी ऐसा कि पैदल तो क्या वाहनों से भी आना जाना मुश्किल हो जाए. ये हाल तब है, जब दिल्ली में बल भराव की समस्या पर जम कर राजनीती हो चुकी है. ओल्ड राजेंद्र नगर में आईएएस की पढाई कर रहे तीन छात्रों को जान गवानी पड़ी है. दिल्ली की सत्ता और एमसीडी पर काबिज आम आदमी पार्टी तरह तरह के दावें कर चुकी है लेकिन अतिजा आज भी वाही ढाक के तीन पात.


दिल्ली में मंगलवार सुबह लगभग लगभग सवा 6 बजे जोरदार बारिश आई. इस बारिश की वजह से कई महत्वपूर्ण स्थानों में पानी भर गया, जैसे आईटीओ, नयी दिल्ली रेलवे स्टेशन आदि. ये जगह वो हैं जो दिल्ली के काम काजी लोगों के हिसाब से काफी महत्व पूर्ण हैं. इस जल भराव की वजह से यातायात प्रभावित होना लगभग तय है.

सबसे बड़ा सवाल ये है कि आखिर दो महीने बाद भी दिल्ली में जल भराव की समस्या से निजात क्यों नहीं मिली है, जबकि एमसीडी और दिल्ली सरकार कई बार ये दावा कर चुके हैं कि नालों से गाद निकालने का काम हो चुका है. एमसीडी की मेयर हों या फिर दिल्ली सरकार के मंत्री हर कोई इस दावे से पीछे नहीं हटा है कि दिल्ली में नालों की साफ़ सफाई का काम हो चुका है, लेकिन इन सबके बावजूद एक तेज बारिश ने दिल्ली सरकार और एमसीडी के दावों की धुलाई कर दी है.
सुबह हुई बारिश की तस्वीरों से ये देखने को मिला है कि कई महत्वपूर्ण जगहों पर जल भराव हुआ है, जैसे मिंटो बृज जहाँ पर ऑटो के डूबने की सूचना है.



 एलजी की तरफ से दिल्ली सरकार को लिखा गया पत्र

पत्र में कहा गया है कि एलजी ने महसूस किया है कि इस मानसून में नागरिक बुनियादी ढांचा पूरी तरह से ध्वस्त हुआ है, जिससे नागरिकों की दुर्भाग्यपूर्ण और टाली जा सकने वाली मौत हुई हैं।नालों से संबंधित समस्याएं स्थानिक उपेक्षा के लक्षण हैं।
दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना के प्रधान सचिव ने दिल्ली सरकार को पत्र लिखते हुए नालों की साफ़ सफाई को लेकर रिपोर्ट तलब की है. पत्र में ये साफ़ लिखा गया है कि वर्षों से नालियों से गाद नहीं निकाली गई है, सीवर लाइनें जाम हैं, जिससे नियोजित कालोनियों में भी भारी जलभराव हुआ है.
वहीँ दिल्ली हाई कोर्ट ने भी दिल्ली में नालों से गाद निकालने के मामले को गंभीरता से लिया है और तीखी टिप्पणियां की हैं.


आरोप प्रत्यारोप के सिवा कुछ नहीं
सबसे बड़ी बात ये है कि दिल्ली की जनता जल भराव की समस्या से परेशान रहती है लेकिन तमाम राजनितिक पार्टियों को सिर्फ और सिर्फ आरोप प्रत्यारोप से ही मतलब रहता है.
जहाँ पहले दिल्ली सरकार में काबिज आम आदमी पार्टी ये कहती थी कि एमसीडी उसके पास नहीं है इसलिए दिल्ली में ये समस्या आये डन होती है, तो वहीँ अब जब से एमसीडी की सत्ता पर भी आप का कब्ज़ा हुआ तो आम आदमी पार्टी के स्वर बदल चुके हैं. वो इस जल भराव के लिए कभी पुराने समय को ज़िम्मेदार ठहरती है तो कभी गेंद एलजी के पाले में फेंक देती है. कुल मिला कर दिल्ली की जनता की समस्या से किसी को कोई लेना देना नहीं है सिर्फ और सिर्फ राजनीती से मतलब है.


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