हिमाचल: भाजपा ने बांटे मुफ्त समोसे, विधायक ने सीएम सुखू को ऑनलाइन भेजे 11 समोसे
हमीरपुर से भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) विधायक आशीष शर्मा ने कांग्रेस सरकार पर कटाक्ष करते हुए सुक्खू के लिए 11 समोसे का ऑनलाइन ऑर्डर दिया.
By : Abhishek Rawat
Update: 2024-11-09 18:32 GMT
Himachal Pradesh Samosa Enquiry : हिमाचल प्रदेश में समोसा प्रकरण ठंडा होने का नाम नहीं ले रहा है. जहाँ शुक्रवार को कांग्रेस और सीआईडी इस बात पर सफाई देते हुए थक गयी कि समोसा मामले पर किसी तरह की सीआईडी जाँच नहीं करायी गयी है और न ही ऐसे कोई आदेश दिए गए हैं, तो वहीँ शनिवार को प्रदेश में भाजपा ने इस मुद्दे पर जमकर राजनीती की.
भाजपा ने शिमला में मुफ्त में समोसे बांटे. इतना ही नहीं पार्टी के एक विधायक ने मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू को ओन लाइन 11 समोसे भी भिजवाये. इसके अलावा कुछ ने तो सुखु के पोस्टर को भी समोसे खिलाए.
हमीरपुर के विधायक ने ओन लाइन भेजे समोसे
मुख्यमंत्री के लिए भेजे गए समोसे को उनके सुरक्षा कर्मचारियों को परोसे जाने के मामले की सीआईडी द्वारा जांच किए जाने को लेकर हमीरपुर से भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) विधायक आशीष शर्मा ने कांग्रेस सरकार पर कटाक्ष करते हुए सुक्खू के लिए 11 समोसे का ऑनलाइन ऑर्डर दिया.
फेसबुक पर हिंदी में लिखे पोस्ट में शर्मा ने कहा, ‘‘राज्य पहले से ही बेरोजगारी, वित्तीय संकट, कर्मचारियों की पेंशन में देरी और डीए भत्ते के बकाया जैसी समस्याओं से जूझ रहा है और ऐसे समय में मुख्यमंत्री सुखू के लिए लाए गए समोसे की सीआईडी जांच का आदेश देना बेहद निराशाजनक है.’’ उन्होंने कहा कि जब पहाड़ी राज्य के लोग अपने अधिकारों के लिए लड़ रहे हैं, तो सरकार को वास्तविक मुद्दों पर ध्यान देना चाहिए, न कि ऐसे छोटे-मोटे मामलों पर.
हमीरपुर विधायक ने कहा, "इसके खिलाफ विरोध जताते हुए मैंने मुख्यमंत्री को 11 समोसे भेजे हैं, ताकि मैं उन्हें याद दिला सकूं कि लोगों की वास्तविक समस्याओं का समाधान करना अधिक महत्वपूर्ण है."
इस बीच, भगवा पार्टी की युवा शाखा भारतीय जनता युवा मोर्चा (BJYM) ने राज्य की राजधानी में समोसा वितरण कार्यक्रम आयोजित किया. संगठन के सदस्यों ने शहर के निचले बाजार क्षेत्र में स्टॉल लगाए और लोगों के बीच मुफ़्त में समोसे बांटे.
भाजयुमो सदस्यों ने सुखू के पोस्टर को समोसे भी खिलाए.
कांग्रेस ने फिर कहा नहीं दिए किसी तरह की जाँच के आदेश
हालांकि, कांग्रेस ने कहा कि सरकार ने ऐसी किसी जांच का आदेश नहीं दिया है और यह सीआईडी का आंतरिक मामला हो सकता है. सीआईडी के एक शीर्ष अधिकारी ने भी कहा है कि घटना की कोई औपचारिक जांच का आदेश नहीं दिया गया है.
क्या है मामला
21 अक्टूबर को सुक्खू शिमला स्थित सीआईडी मुख्यालय में एक कार्यक्रम में शामिल होने गए थे, जहां मुख्यमंत्री के लिए लाए गए समोसे और केक उनके स्टाफ को परोस दिए गए. इसके बाद सीआईडी अधिकारियों ने इस प्रकरण की जांच के आदेश दिए. जांच रिपोर्ट पर एक वरिष्ठ अधिकारी की टिप्पणी में कहा गया कि यह कृत्य सरकार और सीआईडी विरोधी है. धर्मशाला से भाजपा विधायक सुधीर शर्मा ने कहा कि कांग्रेस सरकार ने हिमाचल प्रदेश को देश में हंसी का पात्र बना दिया है. दोनों विधायक ( आशीष शर्मा और सुधीर शर्मा ) सुक्खू के आलोचक माने जाते हैं. वे कांग्रेस के बागी और निर्दलीय समेत नौ विधायकों में शामिल थे, जिन्होंने साल की शुरुआत में हुए राज्यसभा चुनाव में कांग्रेस के खिलाफ वोट दिया था. बाद में वे भाजपा में शामिल हो गए और उपचुनाव जीते. राज्य भाजपा उपाध्यक्ष और कांगड़ा से सांसद राजीव भारद्वाज ने पूछा कि समोसे के साथ डिब्बे में ऐसा क्या था, जिसके कारण सरकार को जांच के आदेश देने पड़े.
राज्य की कानून व्यवस्था को छोड़ समोसों पर की जा रही है जाँच
भाजयुमो सदस्यों ने गंभीर मुद्दों की अनदेखी करने और छोटे मामलों की जांच करने पर सरकार के खिलाफ नारे लगाए. राज्य भाजयुमो अध्यक्ष तिलक राज ने कहा कि लोग सरकार से नाखुश हैं, शिक्षित और बेरोजगार युवा नौकरी पाने के लिए संघर्ष कर रहे हैं, लेकिन सीआईडी समोसे न परोसने की जांच कर रही है. उन्होंने दावा किया कि राज्य में कानून-व्यवस्था की स्थिति खराब हो गई है, स्कूली बच्चों सहित युवाओं में नशे की लत बढ़ रही है, पुनर्वास केंद्रों में भर्ती 15-30 वर्ष आयु वर्ग के 1,170 युवाओं में से 35 प्रतिशत "चिट्टे" के आदी हैं, लेकिन सरकार को इसकी कोई चिंता नहीं है. प्रदेश भाजपा मीडिया प्रभारी करण नंदा ने कहा कि सरकार सभी मोर्चों पर विफल रही है. उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश जिसे "देवभूमि" के नाम से जाना जाता है, इन दिनों गलत कारणों से चर्चा में है, जैसे शौचालय कर, माल ढुलाई कर और समोसे की जांच.
कांग्रेस ने कहा राजनीती के लिए उठाया जा रहा है मुद्दा
दूसरी ओर, कांग्रेस नेताओं ने भाजपा पर आरोप लगाया कि वह मुख्यमंत्री को राजनीतिक रूप से परेशान करने के लिए यह विवाद उठा रही है. कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा कि भाजपा राज्य सरकार को नुकसान पहुंचाने पर तुली हुई है. मुख्यमंत्री के मीडिया सलाहकार नरेश चौहान ने कहा कि सरकार ने ऐसी किसी जांच का आदेश नहीं दिया है और यह सीआईडी का आंतरिक मामला हो सकता है, एजेंसी का भी यही रुख है. सुक्खू ने शुक्रवार को कहा था कि जांच अधिकारियों के 'दुर्व्यवहार' को लेकर है, लेकिन मीडिया ने इसे गायब समोसे की जांच के रूप में प्रस्तुत किया और दावा किया कि भाजपा विधानसभा चुनाव में उनकी पार्टी के बहुमत हासिल करने के बाद से कांग्रेस सरकार के खिलाफ बदनाम करने का अभियान चला रही है.
सीआईडी महानिदेशक ने क्या कहा था
सीआईडी महानिदेशक रंजन ओझा ने शुक्रवार को शिमला में कहा कि यह एक आंतरिक मामला है, "मुख्यमंत्री साइबर अपराध शाखा के लिए डेटा सेंटर के शुभारंभ पर मुख्य अतिथि थे. कार्यक्रम के बाद, अधिकारी कार्यालय में चाय पी रहे थे, तभी किसी ने पूछा कि समारोह के लिए खाने-पीने का सामान कहां से लाया गया और हमने कहा - 'पता करो क्या हुआ'." "न तो हमने कोई नोटिस जारी किया है और न ही कोई स्पष्टीकरण मांगा है. मामले का राजनीतिकरण नहीं किया जाना चाहिए. हमने केवल स्पष्टीकरण मांगा है कि क्या हुआ और एक लिखित रिपोर्ट प्रस्तुत की गई है. हमारा किसी के खिलाफ कार्रवाई करने का कोई इरादा नहीं है." पीटीआई
(शीर्षक को छोड़कर, इस कहानी को फेडरल स्टाफ द्वारा संपादित नहीं किया गया है और एक सिंडिकेटेड फीड से स्वतः प्रकाशित किया गया है।)