कभी दोस्त अब दुश्मन,अभय सिंह- धनंजय सिंह में क्यों ठन गई

यूपी की सियासत में अपराधियों की एंट्री कोई नई बात नहीं है.यहां पर हम दो ऐसे चेहरों की बात करेंगे जो पहले एक दूसरे के दोस्त थे. लेकिन अब एक दूसरे को रास नहीं आते

By :  Lalit Rai
Update: 2024-04-29 08:55 GMT

मौका चुनाव का है, जाहिर सी बात गली, चौक छोटे बड़े कस्बों में बात सियासत की हो रही है. किसके हाथ जीत और किसे हार का सामना करना पड़ेगा नतीजा 4 जून को सामने होगा. लेकिन यहां हम बात करेंगे यूपी की राजनीति की. यूपी की राजनीति में अपराध और नेताओं का रिश्ता नया नहीं है. अपराधी पहले नेताओं के इशारे पर काम किया करते थे. लेकिन उन्हें समझ में आने लगा कि जब वो खौफ के जरिए नेताओं के रास्ते को आसान बना सकते हैं तो वो क्यों नहीं सियासी पिच पर बोलिंग- बैटिंग कर सकते हैं. यहां हम बात धनंजय सिंह और अभय सिंह की करेंगे. इन दोनों लोगों का नाता अपराध से है. दर्जनों मुकदमे हैं. कभी एक दूसरे के जिगरी हुआ करते थे. लेकिन समय के साथ दोस्ती, दुश्मनी में बदल गई. हाल ही में अभय सिंह ने धनंजय सिंह को उत्तर भारत के सबसे बड़ा डॉन बता दिया.

कौन हैं धनंजय सिंह

धनंजय सिंह का नाता यूपी के जौनपुर जिले से है.वे यहां से कई दफा सांसद रहे हैं. हालांकि सात साल की सजा इन्हें सुनाई गई. फिलहाल जमानत पर बाहर हैं. 2024 के आम चुनाव में वो ताल ठोंकने के लिए तैयार थे. लेकिन एनएचएआई से संबंधित एक शख्स को धमकी देने वाले मामले में सात साल की सजा मिली लिहाजा चुनाव के लिए अयोग्य हो गए. लेकिन राजनीति की कमान अपनी पत्नी श्रीकला को सौंप दी जो बीएसपी की टिकट पर किस्मत आजमा रही हैं. बता दें कि धनंजय सिंह के बारे में टिप्पणी करते हुए अदालत ने तो यहां तक कह दिया था कि इस तरह के शख्स को तो जेल के बाहर रहने का कोई औचित्य नहीं है. 

कौन हैं अभय सिंह

अभय सिंह, धनंजय सिंह के पड़ोसी जिले अयोध्या के रहने वाले हैं. सियासत में एंट्री करने से पहले अपराध की दुनिया में हाथ आजमाए. लखनऊ विश्वविद्यालय की राजनीति में धनंजय सिंह के साथ इनकी पक्की यारी थी. लेकिन कहा जाता है कि अपराध की बुनियाद पर रिश्तों की इमारत मौका सधने तक ही खड़ी रहती है. जब मौका खिलाफ हो तो इमारत गिर जाती है. अभय सिंह आरोप लगाते हैं कि उनके एक खास करीबी को धोखे से मार दिया गया था जिसके बारे में धनंजय सिंह को पता था.अभय सिंह तो सीधे सीधे आरोप लगाते हैं कि धनंजय सिंह के इशारे पर ही लॉरेंस बिश्वोई ने उनके ऊपर हमला किया था. सवाल यह है कि अभय सिंह इस तरह की बात क्यों कर रहे हैं. यूपी की सियासत को समझने वाले कहते हैं कि राज्यसभा सांसदों के चुनाव के बाद जिस तरह समाजवादी पार्टी की भूमिका नजर आई और केंद्र सरकार की तरफ से वाई कैटिगरी की सुरक्षा मिली. उसके बाद जाहिर सी बात है कि वो इस तरह की बातें करते हैं जो बीजेपी को सूट करे.

Tags:    

Similar News