अभिषेक प्रकाश के निलंबन पर UP सरकार ने केंद्र को भेजी रिपोर्ट, 36 पेज में जानकारी
यूपी के निलंबित आईएएस अधिकारी अभिषेक प्रकाश की फाइल राज्य सरकार ने केंद्र सरकार को सौंप दी है।;
Abhishek Prakash News: प्रदेश सरकार ने निलंबित आईएएस अभिषेक प्रकाश के मामले में केंद्रीय कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग (डीओपीटी) को अपनी रिपोर्ट भेज दी है। 36 पन्नों की इस रिपोर्ट में निलंबन के कारणों का विस्तार से उल्लेख किया गया है। बता दें कि किसी भी आईएएस अधिकारी के निलंबन की समय-समय पर डीओपीटी द्वारा समीक्षा की जाती है।
निलंबन के कारण और आरोप
20 मार्च को इन्वेस्ट यूपी के सीईओ अभिषेक प्रकाश को सोलर कंपनी से सब्सिडी के एवज में रिश्वत मांगने के आरोप में निलंबित कर दिया गया था। इससे पहले, 2021 में लखनऊ के भटगांव में हुए जमीन अधिग्रहण घोटाले में भी उन्हें जिम्मेदार ठहराया गया था।
डिफेंस कॉरिडोर के लिए अधिग्रहीत इस जमीन में नियमों को दरकिनार कर फर्जी तरीके से नौकरशाहों और राजनेताओं के करीबी लोगों को लाभ पहुंचाया गया था। जिनके पास जमीन नहीं थी, उन्हें फर्जी पट्टों के आधार पर पहले मालिकाना हक दिया गया और फिर जमीन को उनके करीबी लोगों के नाम कर दिया गया।
भटगांव जमीन घोटाले की जांच की जरूरत
भटगांव जमीन अधिग्रहण घोटाले में उन लोगों की भी जांच आवश्यक है, जिन्होंने फर्जी पट्टेदारों से जमीन खरीदकर करोड़ों रुपये का मुआवजा प्राप्त किया। इन बिचौलियों के संबंध सत्ता पक्ष के एक एमएलसी से जुड़े होने की बात कही जा रही है। जानकारों का मानना है कि यदि इनकी जांच की जाए, तो कई और महत्वपूर्ण तथ्य उजागर हो सकते हैं।
निलंबन पर आगे की प्रक्रिया
नियुक्ति विभाग के उच्च पदस्थ सूत्रों के अनुसार, भटगांव घोटाले के मामले में भी अभिषेक प्रकाश को आरोपपत्र दिया जा चुका है। उनके निलंबन की विस्तृत जानकारी डीओपीटी को भेजी गई है। मामले की स्थिति पर एक माह के भीतर डीओपीटी को दोबारा रिपोर्ट दी जाएगी। यदि निलंबन जारी रहता है, तो मुख्य सचिव की अध्यक्षता में गठित उच्चस्तरीय कमेटी चार माह बाद अपनी रिपोर्ट केंद्रीय विभाग को भेजेगी।गौरतलब है कि किसी भी आईएएस अधिकारी का निलंबन एक वर्ष से अधिक समय तक बनाए रखने के लिए डीओपीटी की सहमति आवश्यक होती है।