PDA पाठशाला को लेकर क्या है समाजवादी पार्टी का बड़ा प्लान?

क्या सपा के मैनिफेस्टो में शामिल होगी PDA पाठशाला? सपा ने स्कूल मर्जर के विरोध में शुरू पीडीए पाठशाला को जारी रखने का फैसला किया है। इसको लेकर सपा का बड़ा प्लान जल्दी सामने आ सकता है।;

By :  Shilpi Sen
Update: 2025-08-04 17:30 GMT
पीडीए पाठशाला लेकर जनता के बीच सपा कार्यकर्ता

यूपी में स्कूल मर्जर के मुद्दे पर सियासी घमासान मच गया है।इस मुद्दे पर सरकार को घेरते हुए शुरू की गई समाजवादी पार्टी की ‘पीडीए पाठशाला’ जहाँ चर्चा और विवादों में हैं वहीं अब यह पाठशाला सपा के लिए विधानसभा चुनाव से पहले पीडीए के मंत्र को साधने का ज़रिया भी बन गई है।सपा कार्यकर्ता पीडीए पाठशाला के ज़रिए लगातार लोगों के बीच पहुँच रहे हैं।इसकी सफलता से उत्साहित सपा नेतृत्व इसको विधानसभा चुनाव के अपने मैनिफेस्टो का हिस्सा बना सकती है।

सपा का ‘पीडीए पाठशाला प्लान’

यूपी में स्कूल मर्जर के विरोध में शुरू की गई सपा की पीडीए पाठशाला( PDA Pathshala) क्या पार्टी के लिए पीडीए वर्ग तक पहुँचने का ज़रिया साबित होगा? अगर सूत्रों की मानें तो कुछ ही दिनों में प्रदेश के अलग-अलग हिस्सों में पीडीए पाठशाला को मिले समर्थन के बाद अब सपा ‘पीडीए पाठशाला’ के प्लान को ‘नेक्स्ट लेवल’ तक ले जाने की तैयारी में है।सपा इसको विधानसभा चुनाव के मैनिफेस्टो में शामिल कर सकती है।अखिलेश यादव की नज़र इस पर है।इसलिए अब प्रदेश भर में लगातार पीडीए की पाठशाला चलायी जाएगी।

लोकसभा चुनाव में पीडीए का नारा कुछ ऐसा हिट रहा कि समाजवादी पार्टी को एक नया फार्मूला मिल गया।अब उसी पीडीए मंत्र के सहारे विधानसभा चुनाव में कामयाबी को दोहराने की तैयारी है।इसके लिए अब स्कूल मर्जर के विरोध में शुरू की गई पीडीए पाठशाला को जारी रखा जाएगा।सूत्रों के अनुसार बच्चों की शिक्षा और उनके भविष्य से जुड़े इस मुद्दे पर लोगों को जोड़ने के लिए समाजवादी पार्टी पीडीए पाठशाला को सपा के मैनिफेस्टो( Manifesto) का हिस्सा बना सकती है।समाजवादी पार्टी प्रदेश में सरकार बनने पर ‘पीडीए पाठशाला’ खोलने की घोषणा कर सकती है।सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव लगातार पीडीए पाठशाला का समर्थन करते हुए सोशल मीडिया पर पोस्ट कर रहे हैं।इससे भी भविष्य के सियासी संकेत मिल रहे हैं।स्कूल मर्जर के मुद्दे को अखिलेश पीडीए से जोड़ते हुए इन पाठशालाओं को ज़रूरी बता रहे हैं और कह रहे हैं कि स्कूल मर्जर का सबसे ज़्यादा नुकसान पीडीए वर्ग का ही होगा।

स्कूल मर्जर पीडीए के ख़िलाफ़ साज़िश-अखिलेश यादव

अखिलेश यादव ने एक्स पर स्कूल मर्जर को पीडीए वर्ग पर प्रहार और यहाँ तक कि वोट न डालने देने की साज़िश से भी जोड़ दिया।अखिलेश यादव ने सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स पर लिखा ‘उप्र की जनता समझ गयी है कि स्कूल बंद करना दरअसल पीडीए समाज के ख़िलाफ़ भाजपा की एक बहुत बड़ी साज़िश है जिससे एकतरफ़ पीडीए समाज के लोग पढ़ न पाएं और मानसिक रूप से भाजपा का विरोध न कर पाएं, दूसरी तरफ़ इन स्कूलों में बनने वाले बूथ न बन पाएं जिससे पीडीए समाज वोट न डाल सके।’ अखिलेश यादव ने यह भी कहा है कि ‘भाजपा का ये सामाजिक-मानसिक और राजनीतिक षड्यंत्र हम कभी सफल नहीं होने देंगे।’

दरअसल छात्रों की कम संख्या को आधार बनाकर बेसिक शिक्षा परिषद के स्कूलों के मर्जर का फ़ैसला यूपी सरकार के लिए अब चुनौती बन गया है।कांग्रेस और आम आदमी पार्टी तक ने सड़क पर उतर कर प्रदर्शन निया तो वहीं सरकार को भी इस मामले पर स्थिति स्पष्ट करनी पड़ी।बावजूद इसके सपा लगातार पीडीए पाठशाला को जारी रखे है।जानकारी के अनुसार प्रदेश भर में हर जिले में पीडीए पाठशालाएँ चल रही हैं।बच्चों को स्कूल तक लाने ले लिए सपा कार्यकर्ता लोगों के बीच पहुंच रहे हैं।लखनऊ के बख्शी का तालाब के उमरभारी गाँव में पीडीए पाठशाला चला रहीं पूजा शुक्ला कहती हैं ‘सरकार के फ़ैसले के ख़िलाफ़ यह एक सकारात्मक आंदोलन है।सरकार कह रही है कि बच्चे स्कूल में नहीं आ रहे इसलिए उनको मर्जर करना पड़ा।जबकि हम जा रहे हैं तो बच्चे आ रहे हैं।वो पढ़ना चाहते हैं।हम बच्चों को पढ़ा रहे हैं।हम अगर इस मुद्दे का सड़क पर विरोध करते तो शायद उतने दिन नहीं चल पाता।पर इस सकारात्मक आंदोलन से हम लगातार सरकार का विरोध भी कर रहे हैं।’

प्रतापगढ़ में विधायक के ख़िलाफ़ केस दर्ज़:

इस बीच प्रतापगढ़ में स्कूल का ताला तोड़ कर बच्चों की पीडीए पाठशाला लगाने पर विधायक आर के वर्मा पर केस दर्ज हो गया।आरोप है कि मर्जर के तहत बंद हुए स्कूल में विधायक आर के वर्मा अपने समर्थकों के साथ पहुंचे और स्कूल का ताला तोड़कर बच्चों की क्लास लगायी।पुलिस ने BNS की धारा 329(4), 189(2), 127( 2)की धाराओं में मुक़दमा दर्ज किया है।जबकि विधायक का कहना है कि विद्यालय में छात्र थे जिन्होंने बताया कि टीचर नहीं हैं तो उन्होंने छात्रों को प्रार्थना करायी।मामले में विद्यालय के हेड मास्टर को निलंबित भी किया गया है।इससे पहले सहारनपुर और कानपुर में वर्णमाला को परिवर्तित करके राजनीति का पाठ पढ़ाने के मामले में सपा नेताओं पर केस दर्ज़ जो चुका है।


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