रामदेव को दिक्कत नहीं तो रहमान को क्यों, नेमप्लेट मुद्दे पर बोले 'योग गुरु'

यूपी सरकार ने कांवड़ वाले रूट पर पड़ने वाले सभी दुकानदारों से नेमप्लेट लगाने का आदेश दिया है. इस फैसले में बाबा रामदेव को कुछ गलत नहीं लगता.

By :  Lalit Rai
Update: 2024-07-21 07:24 GMT

Kanwar Yatra 2024: कांवड़ यात्रा की शुरुआत 22 जुलाई सोमवार से होने जा रही है. कांवड़ रूट के संबंध में योगी आदित्यनाथ सरकार और उत्तराखंज की सरकार ने आदेश दिया कि सभी दुकानदार नेमप्लेट लगाएंगे ताकि आस्था शुचिता प्रभावित ना हो. हालांकि इस आदेश पर विरोधी दल निशाना साध रहे हैं. विपक्ष का कहना है कि यह दमनकारी और विभाजनकारी नीति है. इसके जरिए मुसलमानों पर निशाना साधा जा रहा है. उनके व्यवसाय को नुकसान पहुंचाने की कोशिश है. लेकिन सत्ता पक्ष यानी बीजेपी इसे सिर्फ राजनीतिक बयानबाजी बता रही है. इन सबके बीच योग गुरु बाबा रामदेव ने बड़ी बात कही है.

रहमान बताने में क्या है दिक्कत
योग गुरु बाबा रामदेव का कहना है कि अगर उन्हें रामदेव बोलने या लिखने में यूं कहें कि पहचान बताने में परेशानी नहीं है तो रहमान को क्यों होनी चाहिए."हर किसी को अपने नाम पर गर्व होना चाहिए। नाम छिपाने की जरूरत नहीं है, सिर्फ काम में पवित्रता चाहिए। अगर हमारा काम पवित्र है तो इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि हम हिंदू हैं, मुसलमान हैं या किसी और समुदाय से हैं..."

कहां से शुरू हुआ विवाद

दरअसर योगी सरकार के ऑर्डर से पहले मुजफ्फरनगर पुलिस प्रशासन ने एक सर्कुलर निकाला जिसमें यह लिखा गया था कि कांवड़ रूट पर जितने भी दुकानदार है वो अपना नाम और पता लिखेंगे. उसके बाद रेहड़ी और दूसरे दुकानदारों यानी ढाबा संचालकों ने नाम लिखना शुरू किया. पुलिस के इस सर्कुलर सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने तंज कसते हुए कहा कि मुन्ना, जैसे दुकानदारों के लिए क्या है. इस विषय को एआईएमआईएम के मुखिया असदुद्दीन ओवैसी ने हिटलर से जोड़ा डाला. आरजेडी ने कहा कि ईरान से जहां से कच्चा तेल आता है उसके बारे में क्या कहेंगे. हालांकि सरकार ने स्पष्ट किया कि जिन लोगों ने तुष्टीकरण का चश्मा पहन रखा है वो इससे अधिक सोच ही नहीं सकते. दरअसल नेम प्लेट का मकसद है कि किसी तरह की विवाद की सूरत में जो दोषी हो उसके खिलाफ कार्रवाई की जा सके.

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