गोरक्षकों ने यूं ही छात्र को मार दिया, क्या पीएम बोलेंगे, सिब्बल ने दागा सवाल
राज्यसभा सांसद कपिल सिब्बल ने कहा कि गोरक्षकों की अति सक्रियता ने एक बच्चे की जान ले ली। सवाल यह है कि क्या इस विषय उप राष्ट्रपति और पीएम बोलेंगे।
राज्यसभा सांसद कपिल सिब्बल ने बुधवार (4 सितंबर) को कहा कि 12वीं कक्षा के छात्र को मवेशी तस्कर समझकर उसकी हत्या करना नफरत के एजेंडे को बढ़ावा देने के कारण हुआ है। उन्होंने पूछा कि क्या उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस घटना पर बोलेंगे। पुलिस सूत्रों ने मंगलवार (3 सितंबर) को बताया कि छात्र आर्यन मिश्रा का 23 अगस्त को फरीदाबाद में एक कार में पीछा किया गया और पांच संदिग्ध गौरक्षकों के एक समूह ने उसे गोली मार दी। उन्होंने दावा किया कि उन्होंने लड़के को मवेशी तस्कर समझ लिया था। सिब्बल ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा, "हमें शर्म आनी चाहिए।
आर्यन (12वीं कक्षा का छात्र)। हरियाणा में गौरक्षकों ने उसे 'गाय ट्रांसपोर्टर' समझकर गोली मारकर हत्या कर दी! कारण: नफरत के एजेंडे को बढ़ावा देना। क्या हमारे प्रधानमंत्री, हमारे उपराष्ट्रपति, हमारे गृह मंत्री इस पर बोलेंगे!" पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा। पांच आरोपी गिरफ्तार सभी पांचों आरोपियों - सौरभ, अनिल कौशिक, वरुण, कृष्णा और आदेश को 28 अगस्त को गिरफ्तार किया गया और दो दिन की पुलिस हिरासत में भेजा गया, पुलिस अधीक्षक (अपराध) अमन यादव ने मंगलवार को जारी एक बयान में कहा।
पूछताछ के दौरान आरोपियों ने दावा किया कि 23 अगस्त की रात को उन्हें सूचना मिली थी कि दो एसयूवी में सवार कुछ संदिग्ध पशु तस्कर शहर में रेकी कर रहे हैं। सूत्रों ने बताया कि उन्होंने पीड़ित आर्यन मिश्रा और उसके दोस्तों शैंकी और हर्षित को पशु तस्कर समझ लिया और दिल्ली-आगरा राष्ट्रीय राजमार्ग पर गढ़पुरी टोल के पास करीब 30 किलोमीटर तक उनकी कार का पीछा किया। आरोपियों ने पुलिस को बताया कि जब उन्होंने लड़के और उसके दोस्तों से कार रोकने को कहा तो चालक ने कार की गति बढ़ा दी, जिसके बाद उन्होंने गोलियां चला दीं और पलवल में गढ़पुरी टोल के पास मिश्रा की मौके पर ही मौत हो गई। हालांकि आर्यन के पिता ने अपने मकान मालिक की तरफ हत्या का इशारा किया है। मसलन मकान मालकिन ने चार लाख रुपए उधार लिए। जब वो पैसे नहीं लौटा सकी तो किराए में एडजस्ट करने की बात हुई। लेकिन जब उन्होंने कहा कि अब वो घर छोड़ना चाहते हैं वहीं से विवाद शुरू हुआ।