Madhya Pradesh: सरदार सरोवर बांध में बढ़ा जलस्तर, 25 गांवों पर मंडराया खतरा!

मध्य प्रदेश के ओंकारेश्वर बांध से पानी छोड़े जाने और भारी बारिश के कारण सरदार सरोवर बांध में जल स्तर बढ़ने के कारण 25 गांवों को चेतावनी दी गई है.

Update: 2024-08-11 10:27 GMT

Sardar Sarovar Dam Water Level Rises: मध्य प्रदेश के ओंकारेश्वर बांध से पानी छोड़े जाने और भारी बारिश के कारण सरदार सरोवर बांध में जल स्तर बढ़ने के कारण वडोदरा प्रशासन ने रविवार (11 अगस्त) को जिले के 25 गांवों को चेतावनी दी. अधिकारियों का कहना है कि इन गांवों के निवासियों को नर्मदा नदी के किनारे न जाने को कहा गया है.

उन्होंने कहा कि सरदार सरोवर बांध के जलग्रहण क्षेत्रों में भारी वर्षा के बाद जलस्तर बढ़ने और पड़ोसी मध्य प्रदेश के ओंकारेश्वर बांध से पानी छोड़े जाने के कारण बांध का जलस्तर बढ़ गया, जिसके बाद अधिकारियों ने गुजरात स्थित इस जलाशय के 9 गेट 1.50 मीटर तक खोल दिए. सरदार सरोवर नर्मदा निगम लिमिटेड के एक अधिकारी ने कहा कि सरदार सरोवर बांध का जलस्तर रविवार सुबह 134.75 मीटर दर्ज किया गया. जबकि, जलाशय का पूर्ण जलस्तर 138.68 मीटर है. पिछले 24 घंटों में बांध का जलस्तर 3.5 मीटर बढ़ गया है.

एक आधिकारिक बयान में कहा गया है कि नर्मदा नदी में पनबिजली उत्पादन करने वाले रिवर बेड पावर हाउस (आरबीपीएच) और सरदार सरोवर बांध के नौ रेडियल गेट खोलकर कुल 1,35,000 क्यूसेक (प्रति सेकंड क्यूबिक फुट) पानी छोड़ा जाएगा. वडोदरा की प्रभारी कलेक्टर ममता हिरपारा ने कहा कि अधिकारी निगरानी बनाए हुए हैं और जिले के शिनोर, दभोई और करजन तालुका के अंतर्गत 25 गांवों में एहतियाती कदम उठाए गए हैं. ये गांव वडोदरा जिले में नर्मदा नदी के किनारे स्थित हैं और स्थानीय प्रशासन को स्थिति पर नजर रखने तथा एहतियाती कदम उठाने के निर्देश दिए गए हैं.

कलेक्टर ने कहा कि नर्मदा बांध से और अधिक पानी छोड़े जाने की संभावना को ध्यान में रखते हुए जिला प्रशासन ने 25 गांवों के निवासियों से नदी के किनारे न जाने की अपील की है. जिला प्रशासन सरदार सरोवर बांध के निचले इलाकों में किसी भी दुर्घटना या हताहत से बचने के लिए सभी उपाय कर रहा है.

बता दें कि सरदार सरोवर परियोजना भारत की सबसे बड़ी जल संसाधन परियोजनाओं में से एक है, जो चार प्रमुख राज्यों महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, गुजरात और राजस्थान को कवर करती है. परियोजना की वेबसाइट के अनुसार, बांध की स्पिलवे निर्वहन क्षमता (30.7 लाख क्यूसेक) विश्व में तीसरी सबसे अधिक होगी.

वहीं, पिछले 24 घंटों में दक्षिण और मध्य गुजरात के कुछ हिस्सों में बारिश जारी रही और राज्य में वार्षिक औसत वर्षा का 70.35 प्रतिशत बारिश हुई. राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र (एसईओसी) ने कहा कि कच्छ, सौराष्ट्र और दक्षिण गुजरात क्षेत्रों में वार्षिक औसत वर्षा का क्रमशः 87.35, 78.73 और 83.96 प्रतिशत बारिश हुई है. एसईओसी ने कहा कि इसके विपरीत, उत्तर और पूर्वी गुजरात क्षेत्रों में क्रमशः वार्षिक औसत की 52.67 और 53.90 प्रतिशत वर्षा हुई है.

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