महाकुंभ 2025 बना यूपी की अर्थव्यवस्था का इंजन, सरकार को ₹500 करोड़ का राजस्व
Religious events: महाकुंभ 2025 ने साबित किया है कि धार्मिक आयोजन केवल आस्था का नहीं, आर्थिक विकास का भी बड़ा माध्यम हो सकते हैं. उत्तर प्रदेश की सरकार ने इस अवसर का पूरा लाभ उठाया और इसे एक सफल आर्थिक मॉडल के रूप में पेश किया.;
Maha Kumbh 2025: प्रयागराज में जनवरी और फरवरी 2025 के बीच आयोजित 45 दिवसीय महाकुंभ मेले ने न केवल आध्यात्मिक और सांस्कृतिक नजरिये से ऐतिहासिक सफलता प्राप्त की, बल्कि उत्तर प्रदेश की अर्थव्यवस्था को भी जबरदस्त फायदा पहुंचाया. इस आयोजन में करीब 66 करोड़ श्रद्धालुओं ने भाग लिया, जिससे राज्य को करीब ₹500 करोड़ का अतिरिक्त जीएसटी और वैट राजस्व मिला.
राजस्व प्राप्ति
- कुल अतिरिक्त जीएसटी/वैट संग्रह: ₹500 करोड़
- केवल प्रयागराज से कर संग्रह (जनवरी-फरवरी 2025): ₹146.4 करोड़
- रेलवे क्षेत्र से कर योगदान: ₹124.6 करोड़
- हवाई यात्रा से प्राप्त कर: ₹68.37 करोड़
- टेंट हाउस और विज्ञापन से राजस्व: ₹9.38 करोड़
- होटल उद्योग से कर: ₹7.12 करोड़
- पेट्रोल बिक्री में वृद्धि (फरवरी में): 81.95%
- डीजल बिक्री में वृद्धि (फरवरी में): 24.56%
प्रयागराज से परे भी दिखा असर
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, वाराणसी से ₹8.42 करोड़, अयोध्या से ₹2.28 करोड़ और नोएडा से ₹12 करोड़ का टैक्स कलेक्शन हुआ. नोएडा में अधिकतर राजस्व होटल और ऑनलाइन बुकिंग प्लेटफॉर्म्स से आया.
ईंधन बिक्री में जबरदस्त उछाल
रिपोर्ट्स के अनुसार, जनवरी-फरवरी 2025 में प्रयागराज में पेट्रोल और डीजल की कुल बिक्री में 36.25% की वृद्धि दर्ज की गई.
- जनवरी में पेट्रोल बिक्री: 5,253 KL → 7,157 KL
- फरवरी में पेट्रोल बिक्री**: 6,058 KL → 11,022.5 KL (81.95% वृद्धि)
- डीजल बिक्री: जनवरी में 10,204 KL → 12,428 KL; फरवरी में 11,061 KL → 13,777.5 KL
इस दौरान 123 पेट्रोल पंपों को 24 घंटे चालू रखा गया, जिनमें साफ टॉयलेट, पेयजल, एयर सुविधा और फर्स्ट एड किट जैसी सुविधाएं थीं.
निजी वाहनों से पहुंचने वाले श्रद्धालु
रिपोर्ट्स के अनुसार, पेट्रोल की इतनी अधिक खपत इस बात का संकेत है कि श्रद्धालु बड़ी संख्या में अपने निजी वाहनों से आए. खासकर महाराष्ट्र, गुजरात और दिल्ली जैसे दूर-दराज़ के राज्यों से. इसका लाभ होटलों, ढाबों, पेट्रोल पंपों और छोटे व्यवसायों को हुआ.
बुनियादी ढांचे में निवेश का लाभ
सरकार द्वारा ₹7,500 करोड़ के निवेश से प्रयागराज में सड़कें, फ्लाईओवर, अंडरपास और अन्य बुनियादी ढांचे विकसित किए गए. इस निवेश का फायदा न सिर्फ महाकुंभ में, बल्कि इसके बाद भी राज्य को मिलता रहेगा.