'लाडली बहना योजना' ने MP में चमकाई BJP की किस्मत, अब महाराष्ट्र में लागू करने की तैयारी

बीजेपी महाराष्ट्र में आगामी विधानसभा चुनाव को देखते हुए मतदाताओं को प्रभावित करने के लिए मध्य प्रदेश की तर्ज पर 'लाडली बहना योजना' लागू करने की प्लानिंग कर रही है.

Update: 2024-07-14 17:33 GMT

Maharashtra Ladli Behna Yojana: बीजेपी महाराष्ट्र में आगामी विधानसभा चुनाव जीतने को देखते हुए मतदाताओं को प्रभावित करने की योजना बना रही है. ऐसे में वह राज्य में मध्य प्रदेश की तर्ज पर 'लाडली बहना योजना' लागू करने की प्लानिंग कर रही है. बता दें कि मध्य प्रदेश विधानसभा चुनावों में बीजेपी को इस योजना का काफी फायदा मिला था.

महाराष्ट्र में लोकसभा चुनावों में एनडीए ने निराशाजनक प्रदर्शन किया था. उसको इंडिया गठबंधन से कड़ी चुनौती का सामना करना पड़ा था. ऐसे में अब भाजपा नेतृत्व ने महिलाओं के हाथों में सीधे धन देने का निर्णय लिया है. यह रणनीति महत्वपूर्ण है. क्योंकि भाजपा-एनडीए नेतृत्व को उम्मीद है कि जिस तरह लाड़ली बहना योजना ने मध्य प्रदेश में पार्टी की किस्मत बदल दी, महाराष्ट्र में भी भाजपा और एनडीए के लिए सकारात्मक परिणाम लाएगा.

महिलाओं के लिए 1,500 रुपये

महाराष्ट्र में भाजपा के प्रभारी जयभान सिंह पवैया ने द फेडरल को बताया कि लाडली बहना योजना को सबसे पहले मध्य प्रदेश में लागू किया गया था और अब महाराष्ट्र सरकार द्वारा घोषित किया जा रहा है. यह एक महत्वपूर्ण कदम है. क्योंकि इससे आबादी के एक बड़े हिस्से को यह समझने में मदद मिलेगी कि राज्य में भाजपा-एनडीए सरकार गरीबों के कल्याण के लिए काम कर रही है. वहीं, यह योजना इसलिए भी महत्वपूर्ण है. क्योंकि भाजपा ने हमेशा महिलाओं के कल्याण के लिए काम किया है और यह योजना सीधे तौर पर महिलाओं के पक्ष में काम करेगी.

बता दें कि महाराष्ट्र में सत्तारूढ़ एनडीए सरकार को लोकसभा चुनाव के दौरान राज्य में झटका लगा, जब इंडिया ब्लॉक के सदस्यों ने लोकसभा की अधिकांश सीटों पर जीत हासिल की. यह झटका इसलिए भी महत्वपूर्ण है. क्योंकि राज्य सरकार को अब नवंबर 2024 में इंडिया ब्लॉक के खिलाफ विधानसभा चुनाव का सामना करना पड़ेगा. आगामी चुनावी चुनौती और लोकसभा चुनाव के नतीजों को ध्यान में रखते हुए महाराष्ट्र की एनडीए सरकार ने महिलाओं के हाथों में 1,500 रुपये देने का फैसला किया है.

अर्थव्यवस्था को बढ़ावा

पवैया ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा उठाए गए इस कदम को सिर्फ़ राजनीति के चश्मे से नहीं देखा जाना चाहिए. महिलाओं को आर्थिक रूप से स्वतंत्र और स्थिर बनाना राज्य के हित में काम करेगा. क्योंकि इस कदम का मतलब यह भी है कि महिलाओं के हाथ में दिया गया पैसा घर का सामान खरीदने में इस्तेमाल किया जाएगा, जिससे स्थानीय अर्थव्यवस्था को बढ़ावा मिलेगा. जब इतनी बड़ी आबादी के हाथ में पैसा होगा तो इससे छोटे व्यवसायों को मदद मिलेगी और यह विकास की दिशा में एक कदम है.

लोकसभा चुनाव में खराब प्रदर्शन का असर इस कदर हुआ है कि एनडीए सरकार ने भी युवाओं के हाथ में पैसे देने का वादा किया है. मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की अगुआई वाली राज्य सरकार ने भी फैसला किया है कि 10 लाख से ज्यादा युवाओं को छह महीने तक इंडस्ट्री में इंटर्नशिप करने के दौरान 10,000 रुपये मासिक वजीफा मिलेगा. राज्य सरकार का यह फैसला इसलिए भी दिलचस्प है. क्योंकि लोकसभा में विपक्ष के नेता कांग्रेस नेता राहुल गांधी अक्सर बेरोजगार युवाओं के हाथ में पैसे देने की बात करते रहे हैं.

मराठा बैरियर

भाजपा और एनडीए सहयोगियों की रणनीति में यह बदलाव विधानसभा चुनावों को ध्यान में रखते हुए किया जा रहा है. क्योंकि मराठा समुदाय द्वारा ओबीसी दर्जे की मांग भाजपा के सोशल इंजीनियरिंग फॉर्मूले में बाधा बन गई है. मराठों द्वारा आरक्षण की मांग के बाद, भाजपा और एनडीए नेतृत्व को उम्मीद थी कि विभिन्न ओबीसी समुदायों का उनके पक्ष में एकीकरण होगा. हालांकि, भाजपा ओबीसी वोटों का एक बड़ा हिस्सा पाने में सफल रही. लेकिन यह इंडिया ब्लॉक का मुकाबला करने के लिए काफी नहीं था.

बता दें कि राज्य विधानसभा चुनाव में अब केवल तीन महीने बाकी रह गए हैं और एनडीए सरकार अब उम्मीद कर रही है कि अन्य राज्यों की लोकलुभावन योजनाएं चुनावी जादू पैदा कर सकती हैं, जिससे सत्तारूढ़ गठबंधन को महाराष्ट्र में सत्ता बरकरार रखने में मदद मिलेगी.

जातिगत समीकरण

यह महसूस करते हुए कि एनडीए को अब अपने महत्वपूर्ण चुनावी और सामाजिक आधार को बचाने के लिए भारतीय जनता पार्टी के साथ चुनाव लड़ना होगा, भाजपा नेतृत्व ने हाल ही में हुए एमएलसी चुनावों में पंकजा मुंडे को मैदान में उतारने का फैसला किया. मुंडे का चयन इसलिए महत्वपूर्ण था. क्योंकि वह महाराष्ट्र में भाजपा के सबसे बड़े ओबीसी नेता गोपीनाथ मुंडे की बेटी हैं.

पंजाब यूनिवर्सिटी में राजनीति विज्ञान के प्रोफेसर आशुतोष कुमार ने द फेडरल से कहा कि सरकार में होने के ये फायदे हैं. अगर आप सत्ता में हैं तो आप कई योजनाओं की घोषणा कर सकते हैं. इसमें कोई शक नहीं है कि महिलाओं के हाथों में पैसे देना राज्य सरकार का एक अच्छा कदम है और इससे महिलाओं को मदद मिलेगी. लेकिन लोगों को यह भी एहसास है कि राज्य सरकार चुनावों के कारण ये घोषणाएं कर रही है. कुमार ने कहा कि पंकजा मुंडे का चुनाव इसलिए भी महत्वपूर्ण है. क्योंकि मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और उपमुख्यमंत्री अजित पवार दोनों ही मराठा समुदाय से हैं. जबकि दूसरे उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ब्राह्मण समुदाय से हैं और भाजपा नेतृत्व को राज्य में एक मजबूत ओबीसी नेता की जरूरत है.

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