बर्खास्त आईएएस अधिकारी पूजा खेडकर के पिता ने चुनाव हलफनामे में नहीं दिया पत्नी का विवरण
लोकसभा चुनाव में असफल रहने के बाद बर्खास्त आईएएस अधिकारी पूजा खेडकर के पिता दिलीप खेडकर अब शेवगांव विधानसभा सीट से निर्दलीय चुनाव लड़ेंगे
By : Abhishek Rawat
Update: 2024-10-29 11:03 GMT
Dismissed IAS Pooja Khedkar : बर्खास्त आईएएस अधिकारी पूजा खेडकर एक बार फिर चर्चा में हैं. इस बार चर्चा का विषय उनके पिता दिलीप खेडकर का चुनाव लड़ना तो है ही लेकिन उससे भी ज्यादा है हलफनामे में जीवन साथी के कॉलम को खाली छोड़ना. जबकि इससे पहले लोकसभा चुनाव में दिलीप खेडकर ने अपनी पत्नी मनोरमा का विवरण दिया था, जिसे लेकर भी विवाद हुआ था, क्योंकि पूजा खेडकर ने यूपीएससी को ये जानकारी दी थी कि उनके माता-पिता अलग हो चुके हैं.
दिलीप खेडकर की बात करें तो लोकसभा चुनाव में हार के बाद अब विधानसभा चुनाव लड़ने जा रहे हैं. उन्होंने चुनावी हलफनामे में अपनी पत्नी से संबंधित कोई जानकारी नहीं दी है, जबकि लोकसभा चुनाव के दौरान उन्होंने ऐसा किया था।
उन्होंने मंगलवार को विधानसभा चुनाव के लिए नामांकन पत्र दाखिल किया, जो प्रक्रिया का अंतिम दिन था.
ज्ञात रहे कि पूर्व सरकारी अधिकारी खेडकर अपनी पत्नी मनोरमा खेडकर के साथ कथित आपराधिक धमकी के मामले में आरोपी में से एक हैं, जिन्होंने जून 2023 में भूमि विवाद को लेकर पुणे जिले में एक किसान को कथित तौर पर बंदूक दिखाई थी.
शपथपत्र में परिवर्तन
इस साल के लोकसभा चुनाव के दौरान खेडकर ने चुनावी हलफनामे में अपनी पत्नी मनोरमा से जुड़ी जानकारी का उल्लेख किया था, जिससे यह संकेत मिलता है कि वे अलग नहीं हुए हैं. हालांकि, इस बार उन्होंने 'जीवनसाथी' सेक्शन में अपनी पत्नी का विवरण नहीं दिया है. पूजा खेडकर पर आरोप है कि उन्होंने संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) में ओबीसी नॉन-क्रीमी लेयर कोटे का दुरुपयोग करते हुए झूठा दावा किया कि उनके माता-पिता अलग हो गए हैं.
जुलाई में पुणे की एक सत्र अदालत ने आपराधिक धमकी मामले में दिलीप खेडकर को अग्रिम जमानत दे दी थी. लोकसभा चुनाव के दौरान, खेडकर ने अहमदनगर निर्वाचन क्षेत्र से वंचित बहुजन अघाड़ी (वीबीए) के उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ा था, लेकिन जीतने में असफल रहे.
दिलीप का अलटना पलटना
खेडकर की वैवाहिक स्थिति के बारे में उनके बयानों में आए बदलाव के बारे में बात करते हुए आरटीआई कार्यकर्ता विजय कुंभार ने एक्स पर कहा, "लोकसभा चुनाव के दौरान वे (दिलीप खेडकर और मनोरमा खेडकर) विवाहित थे, लेकिन जब जाति-प्रमाणपत्र का मुद्दा उठा तो उन्होंने खुद को अलग दिखाया और अब फिर से खेडकर ने खुद को अलग दिखाया है." पूजा खेडकर पर धोखाधड़ी करने और सेवा में अपना चयन सुनिश्चित करने के लिए अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) और विकलांगता कोटा लाभ का गलत तरीके से लाभ उठाने का आरोप लगाया गया था. केंद्र सरकार ने 6 सितंबर, 2024 के आदेश के तहत उन्हें आईएएस (प्रोबेशन) नियम, 1954 के नियम 12 के तहत भारतीय प्रशासनिक सेवा से मुक्त कर दिया.
संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) ने 31 जुलाई को उनकी उम्मीदवारी रद्द कर दी थी और उन्हें भविष्य की परीक्षाओं से वंचित कर दिया था.
(एजेंसी इनपुट्स के साथ)