मैंने की गलती-समाज परिवार में 'दरार' नहीं करता पसंद; अजित पवार बार-बार क्यों दे रहे ऐसे बयान?

महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने कहा कि समाज परिवारों में दरार पसंद नहीं करता है और उन्होंने इसका अनुभव किया है.

Update: 2024-09-08 17:11 GMT

Maharashtra Deputy CM Ajit Pawar Statement: महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने कहा कि समाज परिवारों में दरार पसंद नहीं करता है और उन्होंने इसका अनुभव किया है तथा अपनी गलती स्वीकार कर ली है. उनका यह बयान हाल ही में हुए लोकसभा चुनाव में उनकी पत्नी सुनेत्रा और चचेरी बहन सुप्रिया सुले के बीच हुए मुकाबले की ओर स्पष्ट इशारा था. वहीं, एक महीने से भी कम समय में यह दूसरी बार है, जब उन्होंने सार्वजनिक रूप से स्वीकार किया कि उन्होंने बारामती में अपने चाचा शरद पवार की बेटी और एनसीपी (सपा) नेता सुले के खिलाफ अपनी पत्नी को मैदान में उतारकर गलती की है और कहा कि राजनीति को घर में प्रवेश नहीं करना चाहिए.

गलती की यह ‘स्वीकृति’ ऐसे समय में आई है, जब राज्य में महायुति गठबंधन के घटक दलों में से एक अजित पवार के नेतृत्व वाली एनसीपी ने पार्टी में विभाजन के बाद अपने पहले आम चुनावों में खराब प्रदर्शन किया है.

रैली में उदाहरण

गढ़चिरौली शहर में एनसीपी द्वारा आयोजित जन सम्मान रैली को संबोधित करते हुए अजित पवार ने पार्टी नेता और राज्य मंत्री धर्मराव बाबा आत्राम की बेटी भाग्यश्री को शरद पवार के नेतृत्व वाली एनसीपी (सपा) में जाने से रोकने की कोशिश की. आगामी राज्य विधानसभा चुनावों में भाग्यश्री और उनके पिता के बीच संभावित मुकाबले को लेकर अटकलें तेज हैं.

उपमुख्यमंत्री ने उपस्थित जनसमूह से पूछा कि बेटी को उसके पिता से अधिक कोई प्यार नहीं करता. बेलगाम में उसकी शादी करने के बावजूद, वह (आत्रम) गढ़चिरौली में उसके साथ खड़ा रहा और उसे जिला परिषद का अध्यक्ष बनाया. अब आप (भाग्यश्री) अपने ही पिता के खिलाफ लड़ने के लिए तैयार हैं. क्या यह सही है?

उन्होंने कहा कि आपको अपने पिता का समर्थन करना चाहिए और उन्हें जीतने में मदद करनी चाहिए. क्योंकि केवल उनके पास ही क्षेत्र का विकास करने की क्षमता और दृढ़ संकल्प है. समाज कभी भी अपने परिवार को तोड़ना स्वीकार नहीं करता है. अजित पवार ने भाग्यश्री और उनके पिता के बीच उनके राजनीतिक कदम को लेकर हुई अनबन का जिक्र करते हुए कहा कि यह परिवार को तोड़ने जैसा है. उन्होंने कहा कि समाज को यह पसंद नहीं है. मैंने भी यही अनुभव किया है और अपनी गलती स्वीकार की है.

लोकसभा चुनावों में खराब प्रदर्शन

अजित पवार की अगुआई वाली एनसीपी को 2024 के लोकसभा चुनावों में करारी हार का सामना करना पड़ा, जिसमें बारामती समेत चार में से तीन सीटें हार गईं. इसके विपरीत शरद पवार के नेतृत्व वाले गुट ने 10 सीटों में से आठ पर जीत हासिल की. गढ़चिरौली जिले के अहेरी से विधायक आत्राम ने अजित पवार का साथ दिया है.

अजित पवार ने चुटकी लेते हुए कहा कि आत्रम की बेटी ने अपने पिता से राजनीति सीखी है. आत्रम राजनीति में एक 'वस्ताद' (मास्टर) थे, जो हमेशा एक चाल अपने सीने के पास रखते थे और सही समय पर उसे खेलते थे. 'वस्ताद' की तरह आत्रम भी अपने शिष्य को सब कुछ नहीं सिखाते.

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