उद्धव और राज ने साथ आने के दिए संकेत, मराठी हितों के लिए मिलाएंगे हाथ?

राज ठाकरे और उद्धव ठाकरे ने पहली बार एक साथ काम करने के लिए बड़े स्पष्ट संकेत दिए हैं। शनिवार को दोनों भाइयों ने अलग-अलग मंचों से ऐसे संकेत दिए हैं।;

Update: 2025-04-19 12:00 GMT
राज ठाकरे और उद्धव ठाकरे ने पहली बार साथ आने के बहुत स्पष्ट संकेत दिए हैं

महाराष्ट्र में एक अहम पॉलिटिकल डेवलपमेंट के संकेत मिले हैं। महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (MNS) प्रमुख राज ठाकरे और शिवसेना (UBT) प्रमुख उद्धव ठाकरे ने शनिवार को अलग-अलग मंचों पर मिलकर काम करने की इच्छा ज़ाहिर की।

दोनों ने राज्य में मराठी लोगों और महाराष्ट्र के हित में अपने मतभेदों को दरकिनार करने की बात कही है। ऐसा पहली बार है जब राज और उद्धव ने इतने स्पष्ट संकेत दिए हैं।

राज ठाकरे ने फिल्म निर्माता महेश मांजरेकर के साथ शनिवार को जारी हुए एक पॉडकास्ट में पूछे गए सवाल के जवाब में कहा कि वह महाराष्ट्र के बड़े हित के लिए छोटे-मोटे मतभेद भुला सकते हैं और अपने चचेरे भाई उद्धव ठाकरे के साथ काम करने को तैयार हैं, अगर उद्धव भी इसके लिए तैयार हों।

इसका जवाब देते हुए, उद्धव ठाकरे ने अपनी पार्टी की ट्रेड यूनियन शाखा भारतीय कामगार सेना के एक कार्यक्रम में कहा कि वह भी मराठी भाषा और महाराष्ट्र के हित में मतभेद भुलाने को तैयार हैं।

हालांकि उन्होंने यह शर्त भी रखी कि अगर ऐसा होता है, तो राज ठाकरे को उन लोगों या पार्टियों से दूरी बनानी होगी जो महाराष्ट्र विरोधी हैं या ऐसे दलों के लिए काम कर रहे हैं।

महेश मांजरेकर द्वारा पूछे गए सवाल, "क्या दोनों ठाकरे भाई साथ आ सकते हैं?", के जवाब में राज ठाकरे ने कहा: “मेरे लिए महाराष्ट्र का हित सबसे बड़ा है और बाकी सब कुछ उसके सामने गौण है। इसके लिए मैं छोटे-मोटे मतभेद भुला सकता हूं और उद्धव के साथ काम करने को तैयार हूं। सवाल सिर्फ इतना है कि क्या वो भी इसके लिए तैयार हैं?”

इस पर प्रतिक्रिया देते हुए उद्धव ठाकरे ने कहा: “मैं भी मराठी भाषा और महाराष्ट्र के लिए छोटे-मोटे मतभेद भुलाने को तैयार हूं। मैं साथ काम करने को तैयार हूं, लेकिन वह (राज) अब महाराष्ट्र विरोधी लोगों और पार्टियों की मेहमाननवाज़ी न करें, और छत्रपति शिवाजी महाराज की शपथ लें।”

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