मनीष सिसोदिया को मिली राहत क्यों है खास, पांच प्वाइंट्स में समझें

करीब 17 महीने बाद दिल्ली के पूर्व डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया को सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत मिली है।

By :  Lalit Rai
Update: 2024-08-09 05:36 GMT

Manish Sisodia News:  दिल्ली के पूर्व डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया को सुप्रीम कोर्ट ने बड़ी राहत दी है। उन्हें जमानत पर रिहा करने का आदेश दिया है। बता दें कि दिल्ली हाईकोर्ट के जमानत ना दिए जाने के फैसले के खिलाफ उन्होंने अपील की थी। सुप्रीम कोर्ट के दो जजों की बेंच जस्टिस, बी आर गवई और के वी विश्वनाथन ने यह फैसला सुनाया है। अदालत ने 10 लाख के निजी मुचलके पर जमानत दी। मंगलवार को हुई जिरह में सिसोदिया के वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा था कि इस केस में जितनी सजा की व्यवस्था है उसमें जेल में बिताया गया हिस्सा आधा है। इसके साथ ही एक्साइज पॉलिसी को लेकर जो फैसले किए गए वो उनके मुवक्किल का व्यक्तिगत फैसला नहीं था बल्कि अधिकारियों और तत्कालीन एलजी से विचार विमर्श के बाद लिया गया था।

  1. मनीष सिसोदिया को इससे पहले भी तिहाड़ जेल से आजादी मिली थी। लेकिन वो अस्थाई थी। पत्नी के इलाज या उन्हें देखने के लिए कुछ समय या दिन के लिए राहत मिली थी। लेकिन अब सुप्रीम कोर्ट ने नियमित जमानत दे दी है। सिसोदिया के प्रकरण का कानूनी पक्ष के साथ इसका सियासी पक्ष भी है जिसे हम समझने की कोशिश करेंगे। इस समय अगर आम आदमी पार्टी को देखें तो अरविंद केजरीवाल भले ही तिहाड़ से सरकार चला रहे हों लेकिन शासन प्रशासन पर जैसी पकड़ होनी चाहिए वो नजर नहीं आ रही है। ऐसे में सिसोदिया का जेल से बाहर आना ना सिर्फ आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ताओं में जोश भरेगा बल्कि सरकार में आसीन मंत्रियों को भी संबल मिलेगा।
  2. मनीष सिसोदिया की रिहाई का बड़ा फायदा अब अरविंद केजरीवाल को मिल सकता है। ईडी वाले मामले में केजरीवाल को सुप्रीम कोर्ट से राहत तो मिली है। लेकिन दिल्ली एक्साइज पॉलिसी से जुड़ा जो सीबीआई केस है उसमें जमानत नहीं मिली है। अब उनके वकील संजय सिंह और मनीष सिसोदिया के केस को आधार बनाकर उनकी लड़ाई लड़ सकते हैं। इसका अर्थ यह हुआ कि आने वाले समय में केजरीवाल के बेल का रास्ता भी साफ हो सकता है। 
  3. दिल्ली विधानसभा में अगले साल चुनाव होना है। ऐसे में आम आदमी पार्टी के दो संस्थापकों के जेल में होने से विपक्ष आक्रामक था। आम आदमी पार्टी के नेता विपक्ष के आरोपों का जवाब तो देते हैं। लेकिन वो धार नजर नहीं आती। अब दिल्ली के मैदान में संजय सिंह का साथ देने के लिए मनीष सिसोदिया भी मौजूद होंगे तो जाहिर सी बात है कि विपक्ष के आरोपों को कुंद करने में मदद मिलेगी। 
  4. जैसा कि हम सब जानते हैं कि आम चुनाव 2024 में आम आदमी पार्टी और कांग्रेस के बीच दिल्ली के लिए समझौता हुआ था। क्या अब आगे भी दोनों दल सहयोग के रास्ते पर होंगे या नीति अलग बनाएंगे। सियासत के जानकार कहते हैं कि राजनीति में भले ही आप कितने भी आक्रामक क्यों ना हो जब तक अनुभल के साथ तालमेल नहीं होता तब तक बात नहीं बनती। अब जबकि पार्टी में नंबर दो की हैसियत रखने वाले मनीष सिसोदिया जेल से आजाद हो चुके हैं तो जाहिर सी बात है कि आप की रणनीति और धारदार होगी।
  5. बीजेपी के नेता बार बार यह कहते हैं कि बेल का मतलब कानूनी रूप से पूरी तरह पाक साफ नहीं होना है। अब ऐसी सूरत में मनीष सिसोदिया किस तरह से आगे बढ़ेंगे यह तो देखने वाली बात होगी। लेकिन उनकी सांगठनिक क्षमता और रणनीत की दाद दी जाती है। इसका अर्थ यह है कि आने वाले समय में दिल्ली की राजनीति अलग रूप और रंग लेगी।
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