एक करोड़ का इनामी मोस्टवॉन्टेड माओवादी हिडमा मारा गया, 20 साल से तलाश थी

आंध्र प्रदेश में मुठभेड़ में छह माओवादी मारे गए हैं. खबर है कि मुठभेड़ में हिडमा भी ढेर कर दिया गया है. उसको कई बड़े नक्सली हमलों का प्रमुख मास्टरमाइंड माना जाता है.

Update: 2025-11-20 02:44 GMT
हिडमा की मौत को माओवादी उग्रवाद के ताबूत में आखिरी कील के रूप में देखा जा रहा है

सुरक्षाबलों और माओवादियों के बीच ये मुठभेड़ हुई आंध्र प्रदेश के अल्लूरी सीतारामराजू जिले में, जिसमें छह माओवादी मारे गए। मीडिया रिपोर्ट्स में पुलिस अधीक्षक अमित बरदार के हवाले से बताया गया है कि यह मुठभेड़ मंगलवार सुबह करीब 6:30 से 7 बजे के बीच मरेदुमिल्ली मंडल के घने जंगल में हुई. उन्होंने बताया कि यह पुलिस की कई शाखाओं द्वारा चलाया गया संयुक्त अभियान था. घटना के बाद इलाके में तलाशी अभियान और तेज कर दिया गया है ताकि अन्य छिपे माओवादियों की गतिविधियों का पता लगाया जा सके.

खबर है कि मुठभेड़ में मोस्ट वांटेड माओवादी हिडमा भी ढेर कर दिया गया है. खबर के अनुसार, वांटेड माओवादी नेताओं में शामिल मदवी हिडमा की मंगलवार को मरेदुमिल्ली के जंगलों में हुई मुठभेड़ में मौत होने की खबर सामने आई. विशेष पुलिस बलों के साथ हुई इस मुठभेड़ को सीपीआई (माओवादी) के लिए एक बड़ी चोट माना जा रहा है. हिड़मा देश के सबसे खतरनाक और हाई-प्रोफाइल माओवादी कमांडरों में गिना जाता था. उस पर पिछले 15 सालों में सुरक्षा बलों पर हुए कई बड़े और घातक हमलों का मास्टरमाइंड होने का संदेह था. उसकी मौत से माओवादी संगठन को बड़ा नुकसान माना जा रहा है.

हिडमा बड़े नक्सली हमलों का मास्टरमाइंड

हिडमा को कई बड़े नक्सली हमलों का मुख्य मास्टरमाइंड माना जाता है. 2010 के दंतेवाड़ा हमले में 76 सीआरपीएफ जवान शहीद हुए थे. 2013 के झीरम घाटी हमले में वरिष्ठ कांग्रेस नेताओं समेत 27 लोगों की जान गई थी. वहीं 2021 के सुकमा-बीजापुर हमले में 22 सुरक्षाकर्मी शहीद हुए.

1 करोड़ रुपये का इनाम था

हिडमा पीएलजीए बटालियन नंबर 1 का प्रमुख था, जिसे माओवादियों की सबसे खतरनाक हमलावर यूनिट माना जाता है. वह बस्तर का इकलौता आदिवासी था जो सीपीआई (माओवादी) की केंद्रीय समिति तक पहुंचा. उसके सिर पर 1 करोड़ रुपये का इनाम था.

उसकी उम्र और शक्ल-सूरत लंबे समय तक रहस्य बनी रही, जब तक कि इस साल की शुरुआत में उसकी एक तस्वीर सामने नहीं आई — जिसने सुरक्षा बलों को दो दशक तक कई राज्यों के जंगलों में तलाश के बाद एक अहम सुराग दिया। यह खोज 18 नवंबर को पूरी हुई, जब शीर्ष नक्सल कमांडर मदवी हिड़मा (51) आंध्र प्रदेश के अल्लूरी सीतारामराजू ज़िले में मारा गया।

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