Sun TV विवाद: कलानिधि और दयानिधि मारन के बीच कानूनी जंग की पूरी कहानी
दयानिधि मारन से 10 जून को नोटिस जारी किया. इसमें कालानिधि मारन (सन टीवी चेयरमैन एवं एमडी), उनकी पत्नी कावेरी मारन और छह अन्य सहायकों को आरोपी बनाया गया है.;
साउथ इंडिया की बड़ी मीडिया कंपनी सन टीवी नेटवर्क लिमिटेड में मारन परिवार के भीतर चल रही लड़ाई तेज हो गई है। DMK सांसद व पूर्व केन्द्रीय मंत्री दयानिधि मारन ने कानूनी नोटिस जारी कर अपने बड़े भाई, सचिव व एमडी कलानिधि मारन पर 2003 में शेयरों की धोखाधड़ीपूर्ण खरीद से सन टीवी का अवैध कब्ज़ा करने का आरोप लगाया है।
नोटिस की मुख्य बातें
इसको लेकर दयानिधि मारन से 10 जून को नोटिस जारी किया. इसमें कालानिधि मारन (सन टीवी चेयरमैन एवं एमडी), उनकी पत्नी कावेरी मारन और छह अन्य सहायक, जिनमें कंपनी सेक्रेटरी रवि रामामूर्ति, पूर्व वित्त प्रमुख नटराजन, चार्टर्ड एकाउंटेंट शिवसुबरमण्यम व वित्त सलाहकार श्रीधर स्वामीनाथन व शरद कुमार को आरोपी बनाया गया है।
2003 में धोखाधड़ीपूर्ण शेयर आवंटन
मुरासोली मारन की कोमा की स्थिति के बाद कालानिधि ने 12 लाख शेयर मात्र ₹10 प्रति शेयर के भाव पर खुद को आवंटित कर लिए, जबकि वास्तविक बाजार मूल्य ₹2,500–₹3,000 था। इससे संस्थापक परिवार के शेयरों का हिस्सा घट गया।
बिना कानूनी आधार शेयर ट्रांसफर
मुरासोली की मृत्यु के तीन दिन बाद 95,000 शेयर बिना सत्यापित वारिस प्रमाणपत्र के बेटी मल्लिका मारन के नाम ट्रांसफर किए गए। आरोप है कि इसकी मंज़ूरी बिना सही प्रक्रियाओं के दी गई।
2005 में शेयरों का गलत मूल्यांकन
अक्टूबर 2005 में कुछ शेयर ₹3,173 प्रति शेयर खरीदे गए और दिसंबर में ₹10 प्रति शेयर पर। इससे परिवार को ₹180 करोड़ का नुकसान हुआ।
2006 IPO में भ्रामक जानकारी
सन टीवी के IPO DRHP में ₹10.64 करोड़ की मल्लिका को लाभांश फर्जी घोषित की गई और पुराने कम मूल्य के शेयरों की जानकारी छुपाई गई।
मनी लॉन्डरिंग के आरोप
2003 के आवंटन और बाद की सभी लेन-देन ₹3,500 करोड़ से अधिक वित्तीय अपराध की श्रेणी में आने के दावे के साथ PMLA के तहत मनी लॉन्डरिंग माना गया।
कार्रवाई की मांग
विवाद से पहले का शेयर असाइनमेंट बहाल किया जाए. सभी लाभ, लाभांश और कमाई वापस ली जाए। CBI, ED, SEBI, SFIO जैसे विभागों से जांच शुरू की जाए और लाइसेंस रद्द किए जाएं।
सन टीवी का मार्केट
सन टीवी का मार्किट कैपिटल ₹24,000 करोड़ है (FY24–25 में राजस्व ₹4,544 करोड़; नेट मुनाफ़ा ₹1,654 करोड़ पढ़ा गया)। कंपनी की ओर से BSE में कहा गया कि 22 साल पुरानी बातचीत है — तब कंपनी प्राइवेट लिमिटेड थी और सभी कार्य कानूनी रूप से किए गए।
भविष्य पर असर
अगर स्थिति क़ानूनी लड़ाई के कारण बिगड़ गई तो स्थिरता व निवेशकों के विश्वास पर असर हो सकता है। एजेंसियों की जांच में गवर्नेंस की कमी, लाइसेंस खारिजी या परिवर्तन की नौबत आ सकती है। यह विवाद DMK–सन टीवी की राजनीतिक-व्यवसाय साझेदारी पर भी असर डालेगा। अभी तक सन टीवी ने बयान जारी किया है कि ये आरोप पुराने हैं और वर्तमान संचालन पर उनकी कोई पकड़ नहीं है।