मायावती की हुंकार: सपा-कांग्रेस पर जमकर हमला, योगी सरकार की तारीफ
मायावती ने अपने निशाने पर सपा और कांग्रेस को रखते हुए पीडीए को हवा हवाई बताया।उन्होंने कहा कि सत्ता में न रहने पर ही ऐसे महापुरुषों और संतों की याद आती है। साथ ही कांग्रेस के संविधान बदलने के नैरेटिव के मुद्दे को भी ख़ारिज कर दिया।
यूपी की पूर्व मुख्यमंत्री और बहुजन समाज पार्टी की अध्यक्ष मायावती ने आज लखनऊ में यूपी की सत्ता में वापसी के लिए हुंकार भरी।बीएसपी( BSP) संस्थापक कांशीराम की पुण्यतिथि पर आयोजित महारैली में मायावती ने समाजवादी पार्टी पर जोरदार हमला करते हुए पीडीए( PDA) को हवा हवाई बता दिया।मायावती ने कांग्रेस को भी आड़े हाथों लेते हुए संविधान बदलने के नैरेटिव को ‘नौटंकी’ करार दिया।साथ ही समर्थकों और मौजूद भीड़ के सामने ऐलान कर दिया कि बीएसपी को दोबारा पूर्ण बहुमत से सत्ता में वापस लाना है।
कांशीराम की पुण्यतिथि पर होने वाली बीएसपी की रैली को हाशिए पर पड़ी बीएसपी के राजनीति में कमबैक की दृष्टि से अहम माना जा रहा था।यह कहा जा रहा था कि बीएसपी सुप्रीमो इस रैली के ज़रिए न सिर्फ़ पार्टी की आगे की राजनीति और रणनीति का संकेत देंगी बल्कि संस्थाओं और अपने कोर वोटरों में उत्साह भरकर यूपी में पंचायत चुनाव और 2027 में होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए हुंकार भी भरेंगी।मायावती ने एक-एक कर अपनी पार्टी के राजनीतिक एजेंडे को साफ़ करते हुए सपा, कांग्रेस, बीजेपी पर निशाना साधा।इसके साथ ही स्मारकों के रखरखाव के लिए मंच से योगी सरकार का आभार भी जता दिया।
सपा पर सबसे ज़्यादा वार
पिछले कुछ समय से बीएसपी पर सपा और कांग्रेस ने बीजेपी की ‘बी टीम’ होने का आरोप लगाया है।मायावती के संबोधन से आज भी यह साफ़ हो गया कि सपा ही बीएसपी के लिए ‘सियासी दुश्मन नम्बर एक’ है।मायावती ने न सिर्फ़ बीएसपी सरकार में शुरू की गई योजनाओं को बंद करने को लेकर सपा पर निशाना साधा बल्कि कहा कि सपा ने बहुजन स्वाभिमान के लिए बनाए गए स्मारकों के टिकट का पैसा भी दबा दिया।वहीं इस मामले में योगी सरकार की तारीफ़ करते हुए कहा कि योगी सरकार ने स्मारकों को मरम्मत करायी।मायावती ने कहा ‘मैंने चिट्ठी लिखकर यूपी के मुख्यमंत्री से आग्रह किया कि पार्क-स्मारकों के टिकट के पैसे को इन स्थलों के रखरखाव पर खर्च किया जाए।बीजेपी सरकार ने इस बात को संज्ञान में लेकर हमसे वायदा किया कि जो भी पैसा टिकटों से आता है वो इन स्थलों के रखरखाव के लिए लगाया जाएगा।इसके लिए हमारी पार्टी उनकी आभारी है।’
लोकसभा चुनाव में सपा के हिट फार्मूले पीडीए को लेकर भी मायावती ने निशाना साधा।मायावती ने पीडीए ( PDA) को हवा हवाई बताते हुए कहा कि सत्ता से बाहर रहने पर ही दलित महापुरुषों और संतों की याद आती है।मायावती ने कहा ‘अब PDA की बात करके सपा हवा हवाई बात कर रही है।’ उन्होंने कासगंज जिले का नाम कांशीराम के नाम पर करने के फैसले को सपा सरकार में पलटने का भी आरोप लगाया।
कांग्रेस पर निशाना
मायावती ने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि इमरजेंसी के दौरान संविधान को कुचला गया।बाबा साहेब को संसद नहीं पहुंचने गया।इन लोगों ने बाबा साहेब को भारत रत्न नहीं दिया था।रैली में महाराष्ट्र, उत्तराखंड, हरियाणा, दिल्ली जैसे राज्यों से भी समर्थक शामिल हुए।मायावती ने अपने संबोधन में कांग्रेस के संविधान बदलने के नैरेटिव पर तीखा हमला करते हुए कहा कि ऐसी पार्टियां बाबासाहेब के संविधान को हाथ में लेकर नौटंकी करती हैं।वास्तव में उन्हें इस वर्ग के हित से कोई लेना देना नहीं है।समर्थकों के बीच मायावती ने हुंकार भरते हुए कहा कि फिर से बीएसपी का सत्ता में आना ज़रूरी है।साथ ही यह भी कहा कि EVM की धांधली ने भी बीएसपी की हराने में भूमिका निभाई।
मायावती ने इस बात का संकेत दे दिया कि वो फ़िलहाल किसी भी पार्टी से गठबंधन के मूड में नहीं हैं। उन्होंने समर्थकों के सामने ऐलान किया कि यूपी में अकेले ही बीएसपी की पूर्ण बहुमत सरकार बनानी है।मायावती ने कहा कि ‘यूपी में पूर्ण बहुमत की बसपा की सरकार आने के बाद जातिवादी पार्टियों कांग्रेस,भाजपा व सपा ने षडयंत्र किया और बसपा को केंद्र की सत्ता तक नहीं पहुंचने दिया।रही सही कसर ईवीएम की मदद ली जबकि बैलेट पेपर से चुनाव हो सकते हैं।’
चंद्रशेखर पर बिना नाम लिए हमला
हाल के समय में बीएसपी के लिए सबसे बड़ी चुनौती बने आज़ाद समाज पार्टी के अध्यक्ष चंद्रशेखर का नाम लिए बग़ैर कहा कि बीएसपी की वोट में सेंध लगाने के लिए ‘इसी समाज में से स्वार्थी और बिकाऊ और अवसरवादी लोगों को इस्तेमाल कर उनका संगठन बना लिया है।ये पार्टियां दलितों कि वोट काटने का काम कर रही हैं।ऐसे संगठनों को और ऐसे स्वार्थी और बिकाऊ लोगों को वोट देकर एक भी वोट ख़राब नहीं करना है।’ मायावती ने बहुजन के नायकों और संतों की बात करते हुए पार्टी के पुराने नारे ‘ सर्वजन हिताय, सर्वजन सुखाय’ को दोहराया और तय कर दिया कि सर्वजन हिताय यानी अभी जातियों को लेकर पार्टी चलेगी।उन्होंने कहा कि यह ठीक है कि लोग एक दूसरे के देवी देवताओं को लेकर टिप्पणी करते हैं।इसकी आड़ में I love… की कोई राजनीति नहीं करनी चाहिए।इससे पहले मायावती ने कांशीराम को श्रद्धांजलि दी।पहली बार बड़ी ज़िम्मेदारी पाने के बाद रैली में शामिल हुए पार्टी के राष्ट्रीय समन्वयक आकाश आनंद ने भी रैली को संबोधित किया।