जल्द कहेंगे केरल से केरलम, केरल विधानसभा में प्रस्ताव पारित

राज्य सरकार ने इस सम्बन्ध में दूसरी बार ये प्रस्ताव केंद्र सरकार को भेजा है. इससे पहले जो प्रस्ताव भेजा गया था, उसमें कुछ तकनिकी कमियां बताते हुए फिर से समीक्षा की बात कहते हुए केन्द्रीय गृह मंत्रालय ने राज्य सरकार को लौटा दिया था

Update: 2024-06-24 17:15 GMT

Keral to Keralam: जल्द ही केरल को केरलम के नाम से जाना जाएगा. केरल विधानसभा ने सोमवार को सर्वसम्मति से राज्य का नाम बदलने का प्रस्ताव पारित किया. इसके तहत केरल का नाम अब केरलम करने का फैसला लिया गया है. राज्य सरकार ने इस सम्बन्ध में दूसरी बार ये प्रस्ताव केंद्र सरकार को भेजा है. इससे पहले जो प्रस्ताव भेजा गया था, उसमें कुछ तकनिकी कमियां बताते हुए फिर से समीक्षा की बात कहते हुए केन्द्रीय गृह मंत्रालय ने राज्य सरकार को लौटा दिया था.

विधानसभा में मुख्यमंत्री ने पेश किया प्रस्ताव

केरल के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन ने सोमवार को विधानसभा में प्रस्ताव पेश करते हुए कहा कि अब केरल का नाम बदल कर केरलम होगा, उन्होंने कहा कि राज्य की भाषा यानि मलयालम में केरलम कहा जाता है. इतना ही नहीं स्वतन्त्रता संग्राम के समय से ही मलयालम भाषी समुदायों के लिए एकीकृत केरल बनाने की मांग उठती रही है. लेकिन संविधान की पहली अनुसूची में हमारे राज्य का नाम केरल लिखा हुआ है. ये विधानसभा ( केरल विधानसभा ), केंद्र सरकार से अनुरोध करती है कि संविधान के अनुच्छेद-3 के तहत अब इस राज्य का नाम संशोधित करते हुए 'केरलम' किया जाए. इस पर त्वरित कार्रवाई करते हुए संविधान की आठवीं अनुसूची में उल्लिखित सभी भाषाओं में इसका नाम बदलकर 'केरलम' किया जाए."

दूसरी बार भेजा गया केंद्र सरकार के पास प्रस्ताव

विधानसभा सचिवालय के सूत्रों की माने तो सदन ने अगस्त 2023 में भी सर्वसम्मति से राज्य का नाम केरल से बदल कर केरलम करने का प्रस्ताव पारित कर केंद्र सरकार के पास भेजा था, लेकिन केंद्रीय गृह मंत्रालय ने इसमें कुछ तकनीकी बदलावों का सुझाव दिया था.

विपक्ष ने भी किया स्वीकार

केरल के मुख्य्मंत्री ने प्रस्ताव पेश करने के बाद कहा कि जब पहला प्रस्ताव केंद्र सरकार को भेजा गया था तो उसमें कुछ बदलाव करने के सुझाव दिए गए थे. अब इस प्रस्ताव को सत्तारुद्ध वाम लोकतान्त्रिक मोर्चा (एलडीएफ) और विपक्षी संयुक्त लोकतान्त्रिक मोर्चा(यूडीएफ) के सदस्यों ने स्वीकार कर लिया. हालाँकि इस बीच यूडीएफ विधायक एन शमशुद्दीन की तरफ से प्रस्ताव की संरचना में कुछ संशोधन करने के सुझाव दिए गए लेकिन सरकार ने उसे अस्वीकार कर दिया. इसके बाद विधानसभा अध्यक्ष एएन शाशीर ने इसे सर्वसम्मति से पारित घोषित कर दिया. 

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