परिवार में दरार! पहली बार दिवाली कार्यक्रम अलग-अलग मनाएंगे शरद और अजित पवार

शरद पवार और अजित पवार का परिवार बारामती में 'पवार साहब' के गोविंदबाग स्थित आवास पर एक साथ 'दिवाली पड़वा' मनाता है. इस बार एक-दूसरे से दूरी बनाए रखेंगे.

Update: 2024-11-02 08:16 GMT

NCP famous Diwali Padwa: राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) में विभाजन का असर पवार परिवार के प्रसिद्ध दिवाली समारोह पर भी पड़ा है. महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजित पवार अपने चाचा शरद पवार की पांच दशक पुरानी परंपरा को तोड़ते हुए बारामती में अपना 'दिवाली पड़वा' समारोह मनाने जा रहे हैं.

शरद पवार और अजित पवार के परिवार, जो परंपरागत रूप से बारामती में 'पवार साहब' के गोविंदबाग स्थित आवास पर एक साथ 'दिवाली पड़वा' मनाते हैं. इस बार शनिवार को एक-दूसरे से दूरी बनाए रखेंगे और अपने-अपने घरों में ही रोशनी का त्योहार मनाएंगे. इसे कई लोग महाराष्ट्र की राजनीति में खुद को एक अलग ताकत के रूप में स्थापित करने के अजित के इरादे की प्रतीकात्मक घोषणा के रूप में देख रहे हैं. अजित का यह कदम महाराष्ट्र की राजनीति में अन्य राजनीतिक समारोहों में हाल ही में हुए विभाजन की याद दिलाता है. जैसे कि शिवसेना का दशहरा मेला , जिसे अब उद्धव ठाकरे और एकनाथ शिंदे अलग-अलग आयोजित करते हैं.

दिलचस्प बात यह है कि पिछले साल शरद पवार और अजित पवार ने इस अवसर पर गोविंदबाग स्थित अपने आवास पर जश्न मनाया था. जबकि अजित पवार ने महायुति सरकार का हिस्सा बनने के लिए भाजपा और शिंदे सेना से हाथ मिला लिया था. हालांकि, दोनों नेताओं ने लोगों से अलग-अलग मुलाकात की थी.

दिवाली के जश्न में 'पवार' की भूमिका

एक्स पर एक पोस्ट में अजित पवार ने कहा कि वह शनिवार शाम 6.30 बजे बारामती में अपने पैतृक गांव कटेवाड़ी में दिवाली पड़वा समारोह का आयोजन करेंगे, जहां वह निवासियों और एनसीपी पदाधिकारियों से मुलाकात करेंगे. एनसीपी (सपा) प्रमुख शरद पवार, उनकी पत्नी प्रतिभा, बेटी सुप्रिया सुले और पोते रोहित पवार सहित परिवार के अन्य सदस्य बारामती में बारामती-मालेगांव रोड पर स्थित अपने गोविंदबाग निवास पर दिवाली पड़वा मनाएंगे. उपमुख्यमंत्री और राकांपा प्रमुख अजित पवार और उनका परिवार, जिसमें उनकी मां, पत्नी और दो बेटे शामिल हैं. दिवाली पड़वा को सहयोग सोसायटी में अपने कटेवाड़ी निवास पर मनाएंगे, जो शरद पवार के गोविंदबाग निवास से लगभग 10 किलोमीटर दूर है. अजित पवार के बड़े भाई श्रीनिवास पवार भी शरद पवार के घर पर जश्न में शामिल होंगे. एनसीपी (सपा) प्रमुख ने श्रीनिवास के बेटे युगेंद्र पवार को अजित पवार के खिलाफ उनके गृह क्षेत्र बारामती में खड़ा किया है.

वरिष्ठ पवार के पक्ष में एकजुट हुए परिजन

दिवाली के जश्न में पवार बारामती और उसके बाहर से आए लोगों से मिलते हैं और उनका अभिवादन करते हैं, जो बड़ी संख्या में आते हैं. उसके बाद उनके परिवार विशेष अवसर के लिए तैयार किए गए भोजन का आनंद लेते हैं. यह जश्न दो-तीन दिनों तक चलता है. बता दें कि पवार परिवार के अधिकांश सदस्यों ने शरद पवार के साथ गठबंधन कर लिया है. क्योंकि उन्हें लगता है कि अजित पवार ने उनके साथ “विश्वासघात” करके सही काम नहीं किया है. वे इस बात से भी खुश नहीं हैं कि अजित पवार भाजपा जैसी पार्टी से हाथ मिलाकर “धर्मनिरपेक्षता के मार्ग से भटक गए” हैं.

अन्य घटना के बारे में कोई जानकारी नहीं: सुले

इस मुद्दे पर बोलते हुए शरद पवार की बेटी और बारामती से लोकसभा सांसद सुप्रिया सुले ने कहा कि उन्हें उपमुख्यमंत्री द्वारा आयोजित कार्यक्रम के बारे में कोई जानकारी नहीं है. हालांकि, उन्होंने कहा कि गोविंदबाग में आयोजित होने वाले जश्न का सभी को इंतजार रहता है. पवार साहब को बधाई देने के लिए पूरे राज्य से लोग आते हैं. इसलिए हम इस खुशी के दिन का बेसब्री से इंतजार करते हैं. हम इसे एक साथ मनाएंगे. मुझे दूसरी दिवाली पड़वा (अजित पवार के घर पर) के बारे में नहीं पता. अजित पवार ने कहा कि "हमारा 'दिवाली पड़वा' समारोह मेरे कटेवाड़ी निवास पर होगा. सुनील तटकरे और धनंजय मुंडे जैसे हमारे कुछ नेता इस समारोह में शामिल होना चाहते हैं."

'दिवाली पड़वा' की शुरुआत

दिवाली पड़वा पर सभा आयोजित करने की परंपरा शरद पवार के बारामती स्थित आवास पर 1967 में शुरू हुई थी. जब उन्होंने पहली बार महाराष्ट्र विधानसभा का चुनाव जीता था. शुरुआत में इसे एक पारिवारिक समारोह के तौर पर आयोजित करने का इरादा था. लेकिन पिछले कुछ सालों में यह आयोजन एक महत्वपूर्ण राजनीतिक अवसर बन गया है, जिसमें राज्य भर से पार्टी के सदस्य और समर्थक शामिल होते हैं. हालांकि, पार्टी में विभाजन के कारण 20 नवंबर को होने वाले राज्य विधानसभा चुनावों से पहले इस आयोजन पर असर पड़ा है. पिछले साल अजित पवार ने अपना स्वयं का पड़वा कार्यक्रम आयोजित करने से परहेज किया था. लेकिन परिवार के भाऊबीज समारोह में शामिल हुए थे, जिससे शरद पवार के साथ उनके संबंधों के बारे में अटकलें तेज हो गई थीं.

बारामती में पारिवारिक रिश्ते दांव पर

एनसीपी में विभाजन ने स्पष्ट रूप से पवार परिवार के गढ़ बारामती में पारिवारिक संबंधों को दांव पर लगा दिया है. क्योंकि विधानसभा चुनाव में दोनों खेमों के बीच छह महीने से भी कम समय में दूसरी बार चुनावी मैदान में मुकाबला होगा. लोकसभा चुनावों में शरद पवार की बेटी सुप्रिया सुले ने 1.5 लाख से ज़्यादा वोटों के अंतर से अपनी बारामती सीट बरकरार रखी. जबकि अजित पवार ने उन्हें चुनौती देने के लिए अपनी पत्नी सुनेत्रा पवार का समर्थन किया था. सुले की जीत ने उनके मज़बूत जनाधार की पुष्टि की. लेकिन अब अजित अपने खुद के पड़वा का आयोजन करके अपने प्रभाव का दावा करने के लिए दृढ़ संकल्पित नज़र आ रहे हैं, जो पवार परिवार की राजनीतिक गतिशीलता में एक नए चरण की शुरुआत है.

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