पाकिस्तानी बैट का भारतीय सैन्य चौकी पर हमला, एक जवान शहीद; जवाबी कार्रवाई में एक घुसपैठिया ढेर
पाकिस्तान की बैट ने भारतीय सैन्य चौकी पर हमला बोला. भारतीय जवानों ने पाकिस्तान की इस हरकत का तुरंत जवाब दिया और फायरिंग में एक घुसपैठिए को मार गिराया. हालांकि, इस दौरान राइफलमैन मोहित राठौर शहीद हो गए.
Pakistani BAT Attacks Indian Military Post: पाकिस्तान अपने नापाक हरकतों से बाज नहीं आ रहा. कारगिल विजय दिवस के अगले दिन पाकिस्तान की बॉर्डर एक्शन टीम (बैट) ने भारतीय सीमा में घुसपैठ की कोशिश की. इस दौरान कुपवाड़ा के माच्छिल सेक्टर में भारतीय सैन्य चौकी पर हमला बोला. हालांकि, भारतीय जवानों ने पाकिस्तान की इस हरकत का तुरंत जवाब दिया और फायरिंग में एक घुसपैठिए को मार गिराया. हालांकि, इस दौरान यूपी के बदायूं निवासी राइफलमैन मोहित राठौर शहीद हो गए और एक मेजर सहित तीन अन्य सैनिक घायल हो गए.
इस हमले के साथ ही इस महीने जम्मू-कश्मीर में आतंकवादी हिंसा में शहीद हुए सैनिकों की संख्या 12 हो गई है. इससे पहले 24 जुलाई को कुपवाड़ा में नियंत्रण रेखा के पास नायक (गनर) दिलवर खान और 23 जुलाई को पुंछ जिले में लांस नायक सुभाष चंद्र शहीद हो गए थे. 15 जुलाई को डोडा जिले में 10 राष्ट्रीय राइफल्स के एक कैप्टन और तीन जवान शहीद हो गए थे और 8 जुलाई को कठुआ जिले में दो ट्रकों के गश्ती दल पर घात लगाकर किए गए हमले में 22 गढ़वाल राइफल्स के पांच जवान शहीद हो गए थे.
आधिकारिक सूत्रों के अनुसार, पाकिस्तानी सैन्य कर्मियों और BAT अक्सर भारी सुरक्षा वाली नियंत्रण रेखा को पार करने की कोशिश करने वाले घुसपैठियों को कवर फायर प्रदान करती है. ताजा हमले में दो से तीन पाकिस्तानी कर्मियों ने खराब मौसम और कम दृश्यता का फायदा उठाकर नियंत्रण रेखा पार की और सेना की चौकी पर नजदीक से ग्रेनेड और गोलीबारी से हमला किया.
सैन्य प्रवक्ता ने कहा कि यह घुसपैठ की इसी तरह की कोशिशों का एक हिस्सा है, जिसे पाकिस्तानी सेना द्वारा सक्रिय रूप से सहायता और बढ़ावा दिया जाता है, जो घने जंगल और खराब दृश्यता की स्थिति का फायदा उठाती है. इन प्रयासों को सतर्क भारतीय सैनिकों द्वारा लगातार विफल किया गया है. हाल ही में आतंकी हमलों में वृद्धि के जवाब में, विशेष रूप से जम्मू क्षेत्र में, जम्मू-कश्मीर में सुरक्षा कड़ी कर दी गई है. सरकार दो बीएसएफ बटालियनों को तैनात कर रही है, जिसमें 2,000 से अधिक कर्मी शामिल हैं, जो वर्तमान में माओवादी विरोधी अभियानों में लगे हुए हैं.