गुजरात: निकोल में मोदी को जनसमर्थन, बीजेपी विधायकों के खिलाफ गुस्सा बरकरार
प्रधानमंत्री मोदी के रोडशो और घोषणाएं आत्मविश्वास बढ़ाने वाली जरूर हैं, लेकिन निकोल और आसपास के इलाकों में हो रहे असंतोष से स्पष्ट संकेत है कि चुनावी परिणाम भाजपा के लिए चुनौती बन सकते हैं।;
गुजरात में निकोल क्षेत्र में नागरिक सुविधाओं की अनदेखी के चलते स्थानीय गुस्से का सामना कर चुके दो भाजपा नेताओं के विवादों के बाद, दो सप्ताह बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को उसी इलाके में एक जनसभा आयोजित की। हालांकि, जनता ने उन्हें लाल गलीचा बिछाकर स्वागत किया, लेकिन आगामी स्थानीय निकाय चुनावों के मद्देनज़र पार्टी की चिंता अपनी जगह कायम है।
नागरिकों का गुस्सा
दासक्रोई विधायक बाबू जमनदास पटेल और परिषद सदस्य बलदेव पटेल को 12 अगस्त को स्थानीय नागरिकों ने घेर लिया था। उनका आरोप था कि सड़कें खराब, जलापूर्ति अनियमित और नालियां जाम हैं। जबकि elected प्रतिनिधि सिर्फ चुनाव की चिंता में लगे हैं। नागरिकों की यह नाराज़गी एक वीडियो के रूप में सोशल मीडिया पर वायरल हुई, जिससे पार्टी का जनाधार धड़ाम सा गिरने जैसा लगने लगा था।
चुनावी तैयारी
प्रधानमंत्री की सभा की सूचना निकलते ही नगर निगम की टीमें एक्शन में आईं। रातोंरात सड़कें दुरुस्त की गईं, नालियों की सफ़ाई की गई और रोड शो मार्ग पर नई सड़क निर्माण, डिवाइडर पेंटिंग और प्रकाश निवारक व्यवस्था की गयी। निजी भवनों की भी पेंटिंग और सजावट की गई, ताकि सब कुछ दिखावटी रूप से व्यवस्थित लगे।
पार्टी की मुश्किलें सिर्फ निकोल तक सीमित नहीं
निकोल ही नहीं, बल्कि पूर्वी अहमदाबाद के अन्य इलाकों जैसे ठक्करबापनगर, दसक्रोई, वस्ट्रल में भी खासी नाराज़गी है। इन क्षेत्रों का बड़ा हिस्सा सौराष्ट्र के पटेल समुदाय का है, जो लंबे समय से भाजपा का सहयोगी रहा है। आगामी AMC चुनावों में यह वोट बैंक पार्टी के लिए निर्णायक हो सकता है। भूमिगत असंतोष और नगण्य विकास कार्यों के कारण जनता काफी निराश है। पूर्व MLA या नगर निगम में शामिल प्रतिनिधियों की जवाबदेही के अभाव को लेकर सवाल उठने लगे हैं। एक अंदरूनी भाजपा नेता ने कहा कि इस समय पीएम का दौरा एक तरह का डैमेज कंट्रोल ऑपरेशन है। मोदी की मौजूदगी लोगों में भरोसा जगाती है”।
निराशा सिर्फ पार्टी के लिए नहीं
सिर्फ सार्वजनिक विरोध नहीं, बल्कि सरकार के भीतर भी असंतोष की आवाज़ बुलंद हो रही है। कई भाजपा MLAs ने निगम अधिकारियों पर काम में सुस्ती का आरोप लगाया है और बैठक में मुद्दों को उठाया गया है।