13 साल बाद मातोश्री गए राज ठाकरे, उद्धव ठाकरे को जन्मदिन की बधाई दी
राज ठाकरे ने साल 2006 में शिवसेना छोड़ दी थी। उसके बाद राज ठाकरे की मातोश्री में यह पहली औपचारिक यात्रा है।;
राजनीति और निजी रिश्तों के लिहाज़ से ठाकरे परिवार के लिए एक ऐतिहासिक क्षण में, महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (MNS) प्रमुख राज ठाकरे ने 13 वर्षों बाद मातोश्री का दौरा किया। उन्होंने अपने बड़े भाई और शिवसेना (UBT) प्रमुख उद्धव ठाकरे को जन्मदिन की बधाई दी।
राज ठाकरे ने अपने दिवंगत चाचा बालासाहेब ठाकरे के निवास, मातोश्री,जो अब उद्धव ठाकरे और उनके परिवार का घर है, जाकर उद्धव को व्यक्तिगत रूप से शुभकामनाएं दीं और गुलाब के फूल भी भेंट किए।
उन्होंने X (पूर्व ट्विटर) पर दोनों भाइयों की एक तस्वीर साझा करते हुए लिखा, "मेरे बड़े भाई, शिवसेना प्रमुख श्री उद्धव ठाकरे के जन्मदिन के अवसर पर, मैंने दिवंगत आदरणीय श्री बालासाहेब ठाकरे के निवास 'मातोश्री' पहुंचकर उन्हें शुभकामनाएं दीं।"
यह राज ठाकरे की 2006 में शिवसेना छोड़ने के बाद मातोश्री की पहली औपचारिक यात्रा थी, जिसने दोनों भाइयों को करीब दो दशकों तक अलग-अलग राजनीतिक रास्तों पर डाल दिया था। इस मौके पर उनके साथ MNS के वरिष्ठ नेता बाला नांदगांवकर और नितिन सरदेसाई भी मौजूद थे।
प्रतीकात्मक मेल-मुलाकात और राजनीतिक अटकलें
मातोश्री के अंदर, दोनों भाइयों ने दिवंगत बालासाहेब ठाकरे की तस्वीर के सामने एक साथ तस्वीरें खिंचवाईं। हालाँकि यह मुलाकात छोटी थी, लेकिन यह ऐसे वक्त में हुई है जब दोनों के राजनीतिक पुनर्मिलन की अटकलें तेज़ हैं।
20 साल बाद एक साथ मंच पर आए थे दोनों भाई
इस महीने की शुरुआत में, राज और उद्धव ठाकरे 20 साल में पहली बार एक साथ मंच पर दिखाई दिए थे। यह मंच साझा किया गया था तीन-भाषा नीति के खिलाफ एक विरोध प्रदर्शन के दौरान, जहाँ दोनों ने कहा कि "राज्य उनके झगड़े से बड़ा है।"
जब महाराष्ट्र सरकार ने प्राथमिक स्तर पर हिंदी को तीसरी भाषा बनाने की योजना से पीछे हटने की घोषणा की, तब MNS और उद्धव सेना ने मिलकर एक संयुक्त रैली का ऐलान किया था।
उसी रैली में उद्धव ठाकरे ने आने वाले नगर निगम चुनावों के लिए राजनीतिक गठबंधन की संभावना भी जताई थी।
राज ठाकरे का गठबंधन पर बयान
जहाँ उद्धव ठाकरे अपने चचेरे भाई के साथ गठबंधन को लेकर उत्साहित नजर आते हैं, वहीं राज ठाकरे ने पिछले सप्ताह कहा कि MNS चुनाव को लेकर अंतिम निर्णय तभी लेगी जब नगर निगम चुनाव नजदीक आएंगे।
बता दें कि मुंबई महानगरपालिका, जो कि शिवसेना का गढ़ मानी जाती है, और अन्य नगर निकायों के चुनाव इस साल के अंत तक होने वाले हैं, जो काफी समय से लंबित हैं।