लाल किला ब्लास्ट केस: शाहीन के पूर्व पति का बयान, 'शाहीन ने कभी बुर्का भी नहीं पहना'

शाहीन के भाई शोएब बोले कि पिछले चार साल से बहन से कोई संपर्क नहीं था

Update: 2025-11-12 10:55 GMT
लखनऊ में मंगलवार, 11 नवंबर को दिल्ली ब्लास्ट केस में गिरफ्तार डॉक्टर शहीन शाहिद के आवास पर सुरक्षा अधिकारी तैनात। (फोटो: पीटीआई)

गिरफ्तार डॉक्टर शाहीन सईद के कथित आतंकी गतिविधियों से जुड़े होने पर अविश्वास जताते हुए उनके बड़े भाई मोहम्मद शोएब ने बुधवार (12 नवम्बर) को कहा कि उनका परिवार अब तक यह स्वीकार नहीं कर पा रहा है कि शाहीन किसी गैरकानूनी काम में शामिल हो सकती हैं।

शाहीन के पूर्व पति ने याद करते हुए कहा कि उन्होंने कभी बुर्का नहीं पहना, वे अपने बच्चों की बेहद प्यार करने वाली मां थीं और बेहतर जिंदगी के लिए विदेश जाने की ख्वाहिश रखती थीं।

दिल्ली के लाल किले के पास हुए धमाके (जिसमें 12 लोगों की मौत हुई और करीब 20 घायल हुए) के दो दिन बाद लखनऊ में पीटीआई से बात करते हुए शोएब ने बताया कि पुलिस और एंटी-टेररिज्म स्क्वॉड (ATS) के अधिकारी उनके घर आए थे, लेकिन उन्होंने पूरे सम्मान के साथ पूछताछ की।

शोएब ने कहा — “उन्होंने घर की तलाशी ली और सामान्य तरीके से सवाल पूछे, जैसे आप अभी मुझसे पूछ रहे हैं। न मेरे पिता से और न मुझसे किसी तरह का दबाव या ज़बरदस्ती की गई। उन्होंने सिर्फ यह पूछा कि मेरी बहन हमसे मिलना कब बंद कर दी थी।”

उन्होंने बताया कि पिछले चार साल से उनका शाहीन से कोई संपर्क नहीं था।

“हमारा कोई संपर्क नहीं रहा। चार साल हो गए हैं जब हमने आखिरी बार बात की थी,” शोएब ने कहा, “हालांकि माता-पिता कभी-कभी उसका हाल-चाल जरूर लेते रहते थे।”

शोएब ने कहा, “माता-पिता तो स्वाभाविक रूप से अपने बच्चों को फोन करते हैं। मैं उसका बड़ा भाई हूं, मैं भी चिंता करता था — क्या यह असामान्य है?”

जब उनसे पूछा गया कि क्या वे कभी उसकी लखनऊ स्थित आईआईएम रोड वाले घर पर गए थे, तो उन्होंने कहा, “नहीं, मैं कभी वहां नहीं गया। मुझे बस इतना पता था कि उसका घर आईआईएम रोड के आस-पास है, पर सही जगह नहीं जानता।”

उन्होंने कहा कि शाहीन के व्यवहार में कभी किसी संदिग्ध गतिविधि के संकेत नहीं मिले।

“जब वह मेडिकल पढ़ रही थी, तब भी ऐसा कुछ नहीं लगा कि वह किसी गलत चीज़ में शामिल है। मैं आज भी इन आरोपों पर यकीन नहीं कर पा रहा हूं,” शोएब बोले।

पूर्व पति बोले – तलाक का कारण आज तक नहीं समझ पाया

शाहीन के पूर्व पति डॉक्टर ज़फर हयात ने कहा कि उन्हें शाहीन के इस केस में शामिल होने की जानकारी पिछली शाम ही मिली। उन्होंने बताया कि नवंबर 2003 में दोनों की शादी हुई थी और दोनों ने अलग-अलग मेडिकल की पढ़ाई की थी, हयात शहीन से सीनियर थे।

“हमारा तलाक 2012 के अंत में हुआ। मुझे आज तक नहीं पता कि उसने ऐसा क्यों किया। हमारे बीच कभी कोई झगड़ा या मतभेद नहीं था। वह बहुत प्यार करने वाली और संवेदनशील इंसान थी,” उन्होंने कहा।

हयात ने बताया कि तलाक के बाद उनका कोई संपर्क नहीं रहा। “मुझे कभी यह अंदेशा नहीं हुआ कि वह किसी ऐसी गतिविधि में शामिल हो सकती है। वह अपने परिवार और बच्चों से बहुत जुड़ी हुई थी, उनकी पढ़ाई का पूरा ध्यान रखती थी,” उन्होंने कहा।

‘वह ऑस्ट्रेलिया में बसना चाहती थी’

अपनी शादी की याद करते हुए हयात ने बताया कि शहीन ने कभी बुर्का नहीं पहना — सिवाय शादी की रस्मों के दौरान।

“मैंने उसे कभी बुर्के में नहीं देखा। उसके किसी आतंकी जुड़ाव के बारे में मुझे कोई जानकारी नहीं। हमारा तलाक 2012 में हो गया था, और अगर उसके बाद वह किसी चीज़ में फंस गई, तो मुझे उसका कोई अंदाजा नहीं,” उन्होंने कहा।

उन्होंने बताया कि उन्हें हाल ही में पता चला कि शाहीन अब भारत में रह रही थी।

हयात ने पत्रकारों से कहा कि शादी के दौरान शाहीन ने कभी किसी कट्टर प्रवृत्ति या आतंकवादी झुकाव का संकेत नहीं दिया।

उन्होंने यह भी बताया कि एक बार बातचीत में शाहीन ने कहा था कि वे ऑस्ट्रेलिया या यूरोप में बस सकते हैं, जहाँ बेहतर वेतन और जीवन-स्तर मिलेगा।

“लेकिन मैंने उससे कहा कि हमारी ज़िंदगी यहाँ भी अच्छी है — अच्छी नौकरी, बच्चे, रिश्तेदार सब यहीं हैं। वहाँ जाकर हम अकेले महसूस करेंगे,” नेत्र रोग विशेषज्ञ हयात ने पत्रकारों से कहा।

जांचकर्ताओं के अनुसार, फरीदाबाद स्थित अल-फलाह यूनिवर्सिटी से जुड़ी डॉक्टर शाहीन शाहिद को लाल किले के पास सोमवार को हुए धमाके के बाद गिरफ्तार किया गया था। पुलिस को शक है कि उनका संबंध उसी यूनिवर्सिटी के एक अन्य फैकल्टी सदस्य डॉ. मुझम्मिल गणाई से था, जो कथित तौर पर एक "व्हाइट-कॉलर टेरर मॉड्यूल" का हिस्सा था, जिसके तार प्रतिबंधित संगठनों जैश-ए-मोहम्मद और अंसार गजवत-उल-हिंद से जुड़े बताए जा रहे हैं।

अधिकारियों ने बताया कि यह मॉड्यूल कश्मीर, हरियाणा और उत्तर प्रदेश में फैला हुआ था और इसकी जानकारी तब सामने आई जब जांच एजेंसियों को 2,900 किलोग्राम विस्फोटक बरामद हुए और आठ लोगों को गिरफ्तार किया गया, जिनमें अल-फलाह यूनिवर्सिटी के तीन डॉक्टर भी शामिल हैं।

जांचकर्ताओं का दावा है कि शाहीन जैश-ए-मोहम्मद के महिला भर्ती संगठन ‘जमात-उल-मोमिनात’ की भारत में प्रमुख थीं।

मंगलवार को उनके पिता सैयद अहमद अंसारी ने पत्रकारों से कहा कि उन्हें बेटी के इन आरोपों के बारे में सुनकर "झटका" लगा।

उन्होंने कहा, “मैंने आखिरी बार शाहीन से लगभग एक महीने पहले बात की थी। मैंने उसे कभी डॉ. मुझम्मिल या ऐसी किसी गतिविधि से जुड़े किसी व्यक्ति का नाम लेते नहीं सुना।”

उन्होंने बताया कि उनकी बेटी ने अपनी मेडिकल की पढ़ाई इलाहाबाद (अब प्रयागराज) से पूरी की थी।

लाल किला धमाके की जांच, जिसे पुलिस एक हाई-इंटेंसिटी विस्फोटक यंत्र द्वारा कार में लगाए गए बम से हुआ मान रही है, अब राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) को सौंप दी गई है।

दिल्ली, जम्मू-कश्मीर, हरियाणा और उत्तर प्रदेश की पुलिस और उनकी विशेष इकाइयाँ भी इस बहु-राज्यीय मॉड्यूल की जांच में जुटी हैं।

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