गुजरात में नवरात्रि आयोजन: मुस्लिम गायक क्यों हो रहे हैं बाहर?
दशकों से मुस्लिम गरबा गायक गुजरात के नवरात्रि उत्सवों का हिस्सा रहे हैं। 2014 से विहिप और बजरंग दल ने उन्हें लगातार बाहर कर दिया है। इस साल, उनमें से कई ने अमेरिका, ब्रिटेन और कनाडा में परफॉर्मेंस दिया।
गुजरात के लोकप्रिय गरबा और भजन कलाकार ओसमान मिर का नाम दशकों से नवरात्रि उत्सव से जुड़ा रहा है। हर नवरात्रि मिर और उनकी टीम पूरे राज्य में गरबा कार्यक्रमों में लगातार गीत प्रस्तुत करती थी। लेकिन इस साल स्थिति बहुत बदल गई है — ओसमान और उनकी टीम अब सिर्फ तीन कार्यक्रमों में अहमदाबाद में ही गरबा कर रहे हैं। ओसमान के बेटे और टीम के मुख्य गायक अमीर मिर ने The Federal को बताया कि 1 अक्टूबर को स्वर्णिम गरबा प्री-नवरात्रि कार्यक्रम में हमने प्रस्तुति दी और पोस्ट-नवरात्रि कार्यक्रम में एक गीत गाया। 27 सितंबर को अहमदाबाद में JashnRatri आयोजन हुआ और 26 सितंबर को गुजरात टूरिज्म विभाग द्वारा आयोजित Vibrant Navratri में हमने प्रस्तुति दी। बाकी के निमंत्रण बाहर के कार्यक्रमों से आए।
पहले के समय की रौनक, अब घटते निमंत्रण
2021 से पहले, उनकी टीम नवरात्रि में लगभग 15–20 कार्यक्रमों में गाती थी। अमीर ने कहा कि इतने अधिक कार्यक्रम होते थे कि हमारी टीम दो हिस्से हो जाती — मेरे पिता एक कार्यक्रम में जाते और मैं दूसरे में। लेकिन 2021 में पहली बार एक कार्यक्रम में विवाद हुआ। जब अमीर सूरत में गा रहे थे, कुछ पुरुषों ने मंच में घुसकर प्रदर्शन रद्द करने की मांग की, कार्यक्रम रोकना पड़ा। 2023 में 10–12 बुकिंग हुईं, जिनमें से छह को सिर्फ एक दिन पहले रद्द कर दिया गया। 2024 में भरूच जिले के अंकेलश्वर में सबसे बड़े सोसायटी कार्यक्रम “गार्डन सिटी” में संगीतकारों पर हमला हुआ। एक मुख्य गायक मिर रहीम गा रहे थे, जब कुछ लोग स्टेज पर चढ़े, माइक्रोफोन निकाल दिए और उन्हें मंच छोड़ने को कहा गया।
बजरंग दल और दबाव के आरोप
अक्तूबर 2024 में ओसमान मिर और उनकी टीम के छह कार्यक्रम अंतिम समय में रद्द किए गए — अहमदाबाद में दो, वडोदरा में दो और गांधीनगर में एक। यह तब हुआ जब VHP और बजरंग दल की ओर से दबाव बढ़ा। मिर, जो अम्बा देवी को समर्पित भजनों के लिए प्रसिद्ध हैं, 25 वर्ष से अधिक की कला यात्रा में गुजरात प्राइड रत्न और दादा साहब फाल्के चित्रनगरी पुरस्कार जैसे सम्मान पा चुके हैं। 2023 में उनकी एक गीति प्रस्तुति को G20 सम्मेलन की राज्य डिनर कार्यक्रम में शामिल किया गया। लेकिन उनका यह सम्मान भी नवरात्रि आयोजनों में उन्हें बचा नहीं पा सका।
मिर रहीम ने कहा कि 25 साल की सेवा के बाद, हमें मुस्लिम कलाकार कह कर बांट दिया गया है। आखिरी समय पर बुकिंग रद्द करना अपमान है; स्टेज पर आकर माइक्रोफोन छीनना, ‘मंच छोड़ दो’ कहना डरावना है। इस साल उनकी अधिकांश प्रस्तुतियां विदेशों में हुईं — अमेरिका और लंदन में। रहीम ने कहा कि एक कलाकार वहां जाएगा, जहां उसकी कला स्वीकार्य हो और यही महत्वपूर्ण है।
अन्य मुस्लिम कलाकारों पर भी असर
इकबाल मिर और अतुल पुरोहित मूल रूप से साथ काम करते रहे। इस साल इकबाल को केवल एक प्री-नवरात्रि कार्यक्रम की अनुमति मिली, जबकि अतुल को सभी नौ रातों के लिए बुक किया गया। यामु शेख, जो पिछले 20 साल से गरबा कर रहे हैं, इस वर्ष गुजरात में कोई कार्यक्रम नहीं कर रहे हैं, बल्कि अमेरिका और कनाडा में करेंगे।
रूटुंभरा नामक संगीत-मनोरंजन समूह के गायक जिगर पुरोहित ने बताया कि इकबाल उनके संगीतकार और निर्माता थे। लोग अतुल को मंच पर देखते हैं, लेकिन गाने इकबाल ने बनाए हैं। इस साल हमें कहा गया कि इकबाल नहीं आ सकते। हमारी टीम अधूरी हो गई। हम बिना इकबाल के नहीं हैं। इकबाल ने कहा कि अपनी धार्मिक पहचान पर टिप्पणी हो रही है, जबकि हमारा मकसद सिर्फ कला करना है। मैं गाता हूं और वही याद रहता है — कलाकार और उसका संगीत।
आयोजकों पर दबाव, पुलिस का हस्तक्षेप
गार्डन सिटी सोसायटी के आयोजकों ने माना कि उन पर स्थानीय बजरंग दल इकाई की “मुस्लिम कलाकारों को न बुलाने” की धमकी आई थी। 10 अक्टूबर 2023 को लगभग 40 पुरुषों ने ‘जय श्री राम’ के नारे लगाते हुए सोसायटी में घुसपैठ की। जब सुरक्षा ने रोकना चाहा, संघर्ष हुआ और हमें मिर रहीम का 11–12 अक्टूबर का प्रदर्शन रद्द करना पड़ा। इस साल परेशानी न हो, इसलिए हमने केवल हिंदू कलाकार बुलाए। पुलिस ने आयोजकों को माफी देने का आदेश दिया।
मुस्लिम अधिकार कार्यकर्ता मुजाहिद नवफीस ने कहा कि 2014 में VHP ने एक नोटिस जारी किया था कि मुस्लिम कलाकारों को न बुलाया जाए। गुजरात सरकार ने पुलिस को निर्देश दिए कि किसी को बाहर न रखा जाए। उसी वर्ष अहमदाबाद में एक कार्यक्रम में 21 बजरंग दल कर्मियों को हिरासत में लिया गया। फिर भी अतीत 11 वर्षों में गुजरात पुलिस ने दक्षिणपंथी संगठनों की सक्रियता को नहीं रोका। नवफीस ने बताया कि हाल ही में जब सूरत में किसी कार्यक्रम में मुस्लिम तबलेवादक शामिल होने पर प्रदर्शन हुआ, पुलिस ने भड़काने वालों को गिरफ्तार करने की बजाय आयोजकों को माफी देने को कहा।