कोलकाता : अभिनेत्री रितुपर्णा सेनगुप्ता को प्रदर्शनकारियों ने घेरा, धक्का दिया

जैसे ही यह घोषणा की गई कि राष्ट्रीय पुरस्कार विजेता अभिनेता विरोध प्रदर्शन में शामिल होने आ रही हैं, भीड़ के एक हिस्से ने “वापस जाओ” के नारे लगाने शुरू कर दिए.

Update: 2024-09-05 16:07 GMT

RG Kar Medical College Rape Cum Murder Case: बंगाली अभिनेत्री रितुपर्णा सेनगुप्ता के लिए हालात उस समय से असामान्य हो चुके हैं ,जब से उन्होंने 9 अगस्त को आरजी कर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में स्नातकोत्तर प्रशिक्षु डॉक्टर के साथ बलात्कार और हत्या के खिलाफ विरोध प्रदर्शन करने का फैसला किया.

सबसे पहले, उन्हें अपने प्रतीकात्मक विरोध का वीडियो ऑनलाइन पोस्ट करने के लिए बेरहमी से ट्रोल किया गया. फिर, 4 सितंबर को “रिक्लेम द नाइट” विरोध प्रदर्शन के दौरान जब वो श्यामबाजार पांच-बिंदु क्रॉसिंग पर पहुंची तो प्रदर्शनकारियों के एक वर्ग द्वारा उन्हें परेशान किया गया और उन्हें वहां से जाने के लिए मजबूर किया गया. लेकिन सवाल ये है की

अभिनेत्री को प्रदर्शन स्थल से धक्का देकर बाहर निकाला गया
जैसे ही ये घोषणा की गई कि राष्ट्रीय पुरस्कार विजेता अभिनेत्री विरोध प्रदर्शन में शामिल होने वाली हैं, भीड़ के एक हिस्से ने “वापस जाओ” के नारे लगाने शुरू कर दिए. कथित तौर पर अभिनेत्री को धक्का दिया गया और उन्हें गुस्से में वहां से जाने के लिए मजबूर किया गया. प्रदर्शनकारियों ने कथित तौर पर उनकी कार पर भी हमला किया.
सेनगुप्ता ने इंडिया टुडे को बताया कि ये “प्रदर्शनकारी” नशे में थे और उन्होंने जो किया उसे सिर्फ़ “गुंडागर्दी” ही कहा जा सकता है. उन्होंने कहा कि वो भी बाकी लोगों की तरह अपनी पीड़ा व्यक्त करने के लिए प्रदर्शन स्थल पर गई थीं. लेकिन उन्होंने कहा कि एक बड़ा समूह “एका एक प्रकट हुआ” और उन्हें धक्का देना शुरू कर दिया. 

पहले भी वीडियो के लिए ट्रोल हुए थे
सेनगुप्ता को इससे पहले अपने प्रतीकात्मक विरोध का वीडियो पोस्ट करने के लिए काफी ट्रोल किया गया था. वे “ जलाशंख ” बजाती नज़र आईं – एक छोटा शंख जिसे बड़े शंखों की तरह नहीं बजाया जा सकता है, लेकिन इसका इस्तेमाल केवल बंगाल में पूजा-पाठ में किया जाता है, जबकि बैकग्राउंड में शंख की ध्वनि बज रही थी. उपहास किए जाने के बाद उन्होंने वीडियो हटा लिया.

विरोध प्रदर्शन जारी
करीब एक महीने पहले राज्य में हुई भयावह बलात्कार-हत्या की घटना के बाद से ही कोलकाता और जिलों में विरोध प्रदर्शन जारी है. 14 अगस्त की रात को पहले “रिक्लेम द नाइट” विरोध प्रदर्शन को जबरदस्त प्रतिक्रिया मिलने के बाद, दूसरा विरोध प्रदर्शन 4 सितंबर को आयोजित किया गया. हज़ारों महिलाएँ और पुरुष मोमबत्तियाँ और राष्ट्रीय झंडे लेकर आधी रात को मार्च कर रहे थे और प्रशिक्षु डॉक्टर के लिए न्याय की माँग कर रहे थे. घर पर रहने वाले कई लोगों ने रात 9 बजे से 10 बजे तक अपने घरों की लाइटें बंद कर दीं और प्रतीकात्मक विरोध के तौर पर मोमबत्ती जलाई.


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