मंदिर की संपत्ति का पूरा हिसाब अब कोर्ट निगरानी में, सबरीमाला में SIT जांच तेज

केरल हाई कोर्ट ने सबरीमाला मंदिर के द्वारपाल मूर्तियों से सोने की कमी और पेडहम की बरामदगी पर SIT जांच का आदेश दिया। ADGP वेंकटेश नेतृत्व करेंगे।

Update: 2025-10-06 09:34 GMT

केरल हाई कोर्ट ने सोमवार (6 अक्टूबर) को सबरीमाला मंदिर के द्वारपाल मूर्तियों पर लगे सोने की परतों में कथित नुकसान की जांच के लिए स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम (SIT) द्वारा कोर्ट मॉनिटरिंग में जांच का आदेश दिया।SIT का नेतृत्व ADGP H. Venkatesh करेंगे। हाई कोर्ट की डिविजन बेंच, न्यायमूर्ति राजा विजयाराघवन वी और न्यायमूर्ति केवी जयकुमार ने लॉ एंड ऑर्डर ADGP, केरल पुलिस, एच. वेंकटेश को SIT का प्रमुख नियुक्त किया। कोर्ट ने कहा:“हमारा मानना है कि इस मामले की जांच के लिए उच्चतम ईमानदारी वाले अधिकारियों की विशेष टीम आवश्यक है। श्री एच. वेंकटेश IPS, ADGP, लॉ एंड ऑर्डर, को इस टीम का प्रमुख बनाया जा सकता है, जो मामले के सभी पहलुओं की जांच करेंगे।”

सोने में 4.54 किलो की कमी

Suo Motu (स्वयं संज्ञान) की कार्रवाई तब शुरू हुई जब रिपोर्टें सामने आईं कि द्वारपाल मूर्तियों की सोने की परतें बिना किसी सूचना के हटाकर मरम्मत के लिए भेजी गईं।ट्रावनकोर देवस्वोम बोर्ड (TDB) ने ये परतें Smart Creations, चेन्नई स्थित कंपनी को पुनः सोने से चढ़ाने के लिए दी थीं। इस काम के प्रायोजक थे उन्निकृष्णन पोत्ति, जो पहले सबरीमाला मंदिर में पुजारी रह चुके थे।मामले में बड़ी चिंता तब पैदा हुई जब पता चला कि 42.8 किलो सोना पोत्ति को सुपुर्द किया गया, लेकिन कंपनी में वास्तविक वजन लगभग 38 किलो था — यानी 4.54 किलो की कमी।

‘पेडहम’ की बरामदगी और विवाद की गहराई

कोर्ट ने इस भारी अंतर को गंभीर माना और तत्काल जांच की आवश्यकता बताई। 17 सितंबर को चिफ विजिलेंस ऑफिसर की रिपोर्ट ने विवाद और बढ़ा दिया।रिपोर्ट में खुलासा हुआ कि पोत्ति की बहन मिनी के घर तलाशी के दौरान कुछ सोने की चढ़ी पेडहम (आधार प्लेटें या मूर्ति के स्टैंड) छुपी मिलीं।इन वस्तुओं का कोई TDB रजिस्टर या महज़ार में उल्लेख नहीं था। हाई कोर्ट ने कहा कि यह खुलासा गंभीर रूप से परेशान करने वाला है और मंदिर की मूल्यवान वस्तुओं के गबन और छिपाव की संभावना को दर्शाता है।

TDB दस्तावेज़ीकरण में त्रुटियां

विजिलेंस रिपोर्ट में यह भी बताया गया कि TDB की दस्तावेज़ी रिकॉर्डिंग में गंभीर गड़बड़ियां हैं। थिरुवाभरणम डायरी और भक्तों द्वारा अर्पित सोने के आभूषणों के रिकॉर्ड में विसंगतियां पाई गईं। कोर्ट ने कहा TDB के रजिस्टर में सटीकता और विश्वसनीयता का अभाव है। यह मंदिर की संपत्ति के प्रबंधन में गंभीर प्रणालीगत और प्रशासनिक खामियों का सबूत है।”

सबरीमाला में सम्पत्ति का समग्र इन्वेंट्री

इन निष्कर्षों को देखते हुए कोर्ट ने पूर्व हाई कोर्ट जज न्यायमूर्ति केटी संकरन को सबरीमाला मंदिर की सभी मूल्यवान वस्तुओं जैसे सोना, चांदी और प्राचीन वस्तुओं का व्यापक इन्वेंट्री कराने के लिए कहा। यह इन्वेंट्री कोर्ट सुपरविजन में की जाएगी ताकि पूरी जवाबदेही सुनिश्चित हो सके।

असामान्य अनुरोध पर कोर्ट की प्रतिक्रिया

सुनवाई के दौरान यह जानकारी मिली कि पोत्ति ने TDB के अध्यक्ष को ईमेल भेजा और कहा कि मरम्मत के बाद उसके पास कुछ सोने की प्लेटें अभी भी हैं। ईमेल में उसने कथित तौर पर कहा कि बची हुई सोने की प्लेटें किसी लड़की की शादी में उपयोग करने की अनुमति चाहता है।कोर्ट ने इसे “चौंकाने वाला और मंदिर संपत्ति के स्पष्ट दुरुपयोग का संकेत” बताया।

SIT जांच का आदेश और दिशा-निर्देश

कोर्ट ने SIT को निर्देश दिया कि वे मामले के सभी पहलुओं की जांच करें, जिसमें शामिल हैं। मंदिर की मूल्यवान वस्तुओं की चेन ऑफ कस्टडी,ऑडिट रिकॉर्ड की सटीकता,देवस्वोम अधिकारियों की भूमिका,सोने की चोरी से उत्पन्न संभावित आपराधिक जिम्मेदारी

ADGP वेंकटेश की टीम को प्रारंभिक रिपोर्ट एक तय समयसीमा में देनी होगी, ताकि न्यायिक निगरानी में आगे की कार्रवाई हो सके।मामला शुरू में प्रशासनिक गड़बड़ियों की जांच था, लेकिन अब यह कोर्ट के नियंत्रण में पूर्ण आपराधिक जांच में बदल चुका है। हाई कोर्ट ने स्पष्ट किया कि इसमें सिर्फ पोत्ति ही नहीं, बल्कि सोने के प्रबंधन में शामिल अन्य अधिकारी भी शामिल हो सकते हैं।

Tags:    

Similar News