जमीन के बदले नौकरी केस में लालू को झटका, ट्रायल पर रोक से इनकार

सुप्रीम कोर्ट ने लैंड फॉर जॉब घोटाले में लालू यादव की ट्रायल रोकने की याचिका खारिज की। उन्हें ट्रायल का सामना करना होगा, लेकिन व्यक्तिगत पेशी से छूट मिली।;

Update: 2025-07-18 06:52 GMT

राष्ट्रीय जनता दल (RJD) प्रमुख लालू प्रसाद यादव को सुप्रीम कोर्ट से बड़ा झटका लगा है। सुप्रीम कोर्ट ने लैंड फॉर जॉब घोटाले में ट्रायल पर रोक लगाने की उनकी याचिका को खारिज कर दिया है।न्यायमूर्ति एमएम सुंदरेश और न्यायमूर्ति एन कोटेश्वर सिंह की पीठ ने यह फैसला सुनाते हुए कहा कि सुप्रीम कोर्ट इस स्तर पर हस्तक्षेप नहीं करेगा, क्योंकि दिल्ली हाई कोर्ट पहले ही मामले की सुनवाई कर रहा है।

क्या कहा सुप्रीम कोर्ट ने?

सुनवाई के दौरान पीठ ने साफ किया कि वह अपील खारिज कर रही है और चाहती है कि मुख्य मामले का निपटारा पहले हाई कोर्ट ही करे। कोर्ट ने कहा कि हम इस तरह के छोटे मामलों को लंबित नहीं रखना चाहते। हाई कोर्ट सुनवाई कर रहा है, हम इसमें दखल क्यों दें?"

व्यक्तिगत पेशी से छूट

हालांकि कोर्ट ने लालू यादव को आंशिक राहत देते हुए कहा कि ट्रायल के दौरान उन्हें व्यक्तिगत रूप से उपस्थित रहने की आवश्यकता नहीं है। साथ ही दिल्ली हाई कोर्ट को यह भी निर्देश दिया गया कि वह लालू यादव की अपील पर जल्द सुनवाई करे।

कपिल सिब्बल बनाम एसवी राजू की दलीलें

लालू यादव की ओर से वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल ने दलील दी कि सीबीआई ने भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा 17A के तहत जरूरी मंजूरी लिए बिना जांच शुरू की, जो कानूनन गलत है।वहीं, सीबीआई का पक्ष रखते हुए एडिशनल सॉलिसिटर जनरल एसवी राजू ने तर्क दिया कि यह मामला 2018 से पहले का है, जब यह धारा लागू नहीं थी, इसलिए अनुमति की जरूरत नहीं थी।सिब्बल ने दलील में कहा कि एफआईआर 2021 में दर्ज हुई है। सभी सरकारी अफसरों के लिए मंजूरी ली गई सिर्फ लालू यादव के लिए नहीं। यह प्रक्रिया गलत है।

क्या है ‘लैंड फॉर जॉब’ घोटाला?

यह मामला उस दौर से जुड़ा है जब लालू यादव केंद्र सरकार में रेल मंत्री थे (2004–2009)। आरोप है कि उन्होंने लोगों को रेलवे में नौकरी देने के बदले उनसे जमीन ली थी। यह कथित भ्रष्टाचार अब सीबीआई की जांच के घेरे में है। लालू यादव का मुख्य बचाव यह है कि उनके खिलाफ जांच शुरू करने से पहले आवश्यक प्रशासनिक अनुमति नहीं ली गई, जिससे जांच की वैधता पर सवाल उठते हैं।

अब क्या होगा आगे?

सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले के बाद लालू यादव को अब ट्रायल का सामना करना होगा। अगर अदालत में दोष साबित होता है, तो उन्हें सज़ा हो सकती है जो उनके राजनीतिक और कानूनी करियर के लिए गंभीर झटका होगा।अब नजरें दिल्ली हाई कोर्ट की आगामी सुनवाई पर टिकी होंगी, जो तय करेगी कि इस मामले की दिशा आगे क्या होगी।

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