ममकूट्टथिल विवाद में घिरी कांग्रेस घिरी, सियासी दबाव टालने में जुटी
पलक्कड़ विधायक के खिलाफ आरोपों की जांच से कांग्रेस के जूझने के बीच सतीसन ने माकपा और भाजपा पर अपने दागी नेताओं को बचाने का आरोप लगाया।;
कांग्रेस के युवा नेता और पलक्कड़ से विधायक राहुल ममकूट्टथिल पर लगे यौन उत्पीड़न के आरोपों के बाद पार्टी में हड़कंप मच गया है। जहां ममकूट्टथिल ने युवा कांग्रेस अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया है और उन्हें पार्टी से निलंबित कर दिया गया है, वहीं विधानसभा से उनका इस्तीफा अभी नहीं हुआ है। इस बीच केरल विधानसभा में विपक्ष के नेता वीडी सतीशन ने पलटवार करते हुए CPI(M) और बीजेपी पर "चयनात्मक आक्रोश" दिखाने और अपने ही पार्टी के दागी नेताओं को बचाने का आरोप लगाया है। उन्होंने इशारा किया कि “ऐसे विस्फोटक तथ्य सामने आएंगे जो केरल को हिला कर रख देंगे।”
फोकस शिफ्ट करने की कोशिश
सतीशन पर इन आरोपों को लेकर जबरदस्त राजनीतिक दबाव बना हुआ है। उन्होंने CPI(M) और एलडीएफ सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि अगर वे कांग्रेस से नैतिकता की उम्मीद करते हैं तो उन्हें भी अपने नेताओं के खिलाफ समान मानक अपनाने चाहिए। सतीशन ने कहा कि कांग्रेस आंतरिक जांच की प्रक्रिया पूरी होने के बाद आवश्यक कदम उठाएगी और किसी भी विरोधी दल के दबाव में आकर जल्दबाज़ी में निर्णय नहीं लेगी।
बीजेपी पर कटाक्ष
बीजेपी द्वारा एक "सांड" लेकर उनके सरकारी आवास तक प्रदर्शन किए जाने पर सतीशन ने तंज कसते हुए कहा कि बीजेपी कार्यकर्ताओं को अब उस सांड को अपने कार्यालय में रख लेना चाहिए। क्योंकि जल्द ही उन्हें अपने अध्यक्ष के घर तक मार्च निकालना पड़ सकता है।
राहुल पार्टी से निलंबित
राहुल ममकूट्टथिल के खिलाफ कई महिलाओं द्वारा आरोप लगाए जाने के बाद उन्हें केरल प्रदेश कांग्रेस समिति (KPCC) ने प्राथमिक सदस्यता से निलंबित कर दिया है। लेकिन पार्टी नेतृत्व ने साफ किया है कि वे उनके इस्तीफे की मांग विधानसभा से नहीं करेंगे। उन्हें फिलहाल सदन में कांग्रेस की बेंचों से दूर रहने के निर्देश दिए गए हैं।
CPI(M) और बीजेपी के दागी नेता भी निशाने पर
सतीशन ने CPI(M) विधायक एम. मुकेश के खिलाफ अगस्त 2024 में दर्ज हुए बलात्कार मामले को उठाया। हालांकि मुकेश ने आरोपों से इनकार किया है और शिकायतकर्ता महिला को बाद में तमिलनाडु में एक सेक्स रैकेट मामले में POCSO के तहत गिरफ्तार किया गया था। बावजूद इसके, मुकेश अभी भी विधायक पद पर बने हुए हैं। सतीशन ने सवाल उठाया कि क्या एलडीएफ अब भी नैतिकता का दावा कर सकती है?
कांग्रेस के अपने ‘दाग’
कांग्रेस के खुद के दो विधायक — एम. विन्सेंट (कोवालम) और एल्डोस कुनप्पिली (परुम्बवूर) — महिलाओं के खिलाफ अपराध के मामलों में आरोपी हैं। विन्सेंट पर 2017 में बलात्कार का आरोप लगा था और जेल भी गए थे, लेकिन 2021 में फिर से जीत हासिल की। कुनप्पिली पर एक महिला शिक्षक के यौन उत्पीड़न का आरोप है, जिनके खिलाफ 2024 में चार्जशीट दाखिल की गई।
कांग्रेस में अंदरूनी असंतोष
पार्टी के भीतर भी दरारें उभरने लगी हैं। एक वरिष्ठ नेता ने नाम न जाहिर करने की शर्त पर कहा कि राहुल का व्यवहार और उनके "यौन कारनामे" लंबे समय से पार्टी के भीतर चर्चा में थे। उन्होंने आरोप लगाया कि राहुल ने एक कांग्रेस सांसद की बेटी को शादी का झांसा देकर छोड़ दिया और दो पत्रकारों के साथ कथित संबंध गर्भपात तक पहुंच गए। इस नेता ने सवाल किया, “अगर ये सब सच है तो तब पार्टी ने क्या कार्रवाई की? हम यह नहीं कह सकते कि चूंकि दूसरों ने अपने नेताओं के साथ ऐसा किया, तो हम भी करेंगे।”
राजनीतिक घमासान तेज
इस विवाद को लेकर DYFI और SFI लगातार सड़कों पर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं, जबकि बीजेपी ने कांग्रेस पर दोहरे मापदंड अपनाने का आरोप लगाया है। सतीशन ने विरोधियों को चेतावनी दी है कि कांग्रेस अपनी प्रक्रिया से ही निर्णय लेगी।
आगे क्या?
अब यह मुद्दा तीन मोर्चों पर आगे बढ़ेगा। पहला क्या कोई पीड़िता औपचारिक शिकायत दर्ज कराती है? इससे मामला पार्टी अनुशासन से हटकर कानूनी कार्रवाई की दिशा में जाएगा। दूसरा क्या कांग्रेस अपने अन्य मामलों — जैसे विन्सेंट और कुनप्पिली — पर समान कठोरता दिखाएगी? तीसरा क्या सतीशन के "और बड़ा कुछ सामने आने वाला है" वाले दावे के पीछे कोई ठोस कार्रवाई या खुलासा होगा?
फिलहाल स्थिति यह है कि राहुल ममकूट्टथिल कांग्रेस से निलंबित हैं, विधायक पद से इस्तीफा नहीं दिया है, विरोध प्रदर्शन जारी हैं और अब बहस इस बात पर आ गई है कि कौन सच में जवाबदेही निभाता है और कौन सिर्फ उसका प्रचार करता है।