पवार का बड़ा दावा,"महाराष्ट्र चुनाव से पहले 160 विधानसभा सीटों का मिला था ऑफर, मैंने और राहुल ने ठुकराया"

शरद पवार ने कहा कि इन लोगों की मुलाकात कांग्रेस नेता राहुल गांधी से भी करवाई, लेकिन अंततः दोनों नेताओं ने इस प्रस्ताव को ठुकरा दिया और कहा कि यह हमारा तरीका नहीं है।;

Update: 2025-08-09 12:45 GMT
शरद पवार ने कहा कि चुनाव आयोग को राहुल गांधी के ‘वोट चोरी’ के आरोपों की जांच करनी चाहिए।

एनसीपी (शरद पवार) के प्रमुख शरद पवार ने शनिवार को कहा कि महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव से पहले दो लोग उनसे मिलने आए थे, जिन्होंने दावा किया था कि वे 288 में से 160 सीटें जीतने की गारंटी दे सकते हैं।

नागपुर में पत्रकारों से बात करते हुए पवार ने कहा कि उन्होंने इन लोगों की मुलाकात कांग्रेस नेता राहुल गांधी से भी करवाई, लेकिन अंततः दोनों नेताओं ने इस प्रस्ताव को ठुकरा दिया और कहा ,“यह हमारा तरीका नहीं है।”

पवार ने कहा,“मुझे आज भी याद है, विधानसभा चुनाव की घोषणा से पहले दिल्ली में दो लोग मुझसे मिलने आए। उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र की 288 सीटों में से 160 सीटों की गारंटी देंगे। मैं हैरान रह गया। साफ कर दूं कि भले ही उन्होंने ऐसा दावा किया, लेकिन मुझे चुनाव आयोग पर कोई शक नहीं था। ऐसे लोग आते रहते हैं, इसलिए मैंने उन्हें नजरअंदाज कर दिया।”

उन्होंने आगे बताया, “मैंने उनकी मुलाकात राहुल गांधी से करवाई। उन्होंने राहुल को अपनी बातें बताईं। लेकिन राहुल गांधी और मुझे लगा कि ऐसी चीजों पर ध्यान नहीं देना चाहिए। यह हमारा रास्ता नहीं है। हमने तय किया कि हम जनता के पास जाएंगे और उनका समर्थन पाने का तरीका ढूंढेंगे।”

राहुल गांधी के आरोपों की जांच करे चुनाव आयोग

पवार ने राहुल गांधी की हाल की कथित मतदान गड़बड़ियों पर दी गई प्रस्तुति की सराहना की और चुनाव आयोग (ECI) द्वारा उनसे अलग हलफनामा मांगे जाने की आलोचना की।

पवार ने कहा, “चुनाव आयोग एक स्वतंत्र निकाय है। राहुल गांधी ने कहा है कि उन्होंने संसद में पहले ही शपथ ली है, इसलिए अलग हलफनामे की जरूरत नहीं है। अगर चुनाव आयोग फिर भी इस पर अड़ा है, तो यह सही नहीं है। राहुल गांधी के आरोपों की गहराई से जांच होनी चाहिए, सच्चाई सामने आनी चाहिए। मेरा कहना है कि आपत्ति चुनाव आयोग पर है, तो फिर बीजेपी नेता या मुख्यमंत्री को जवाब देने की जरूरत क्यों है? जवाब चुनाव आयोग से चाहिए, बीजेपी से नहीं।”*

सीटिंग पोजीशन पर राजनीति

दिल्ली में हाल ही में हुई इंडिया गठबंधन की बैठक का जिक्र करते हुए पवार ने उद्धव ठाकरे की बैठक में बैठने की जगह पर उठी राजनीति को खारिज किया और मजाकिया अंदाज में कहा, “जब आप कोई प्रस्तुति देखते हैं, तो पहली पंक्ति में नहीं बैठते, जैसे फिल्म देखने जाते हैं तो पहली पंक्ति में नहीं बैठते, थोड़ा पीछे बैठते हैं। मैं भी पीछे बैठा था। मुद्दा यह है कि आप स्क्रीन के पास नहीं बैठते, थोड़ी दूरी रखते हैं। दुर्भाग्य से उद्धव ठाकरे कहां बैठे इस पर भी राजनीति हो रही है।”

फडणवीस का पलटवार, विपक्ष झूठ बोलता है और भाग जाता है

पवार के बयान के कुछ घंटे बाद ही महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि विपक्ष की आदत है झूठ बोलने और भाग जाने की। उन्होंने कहा, “राहुल गांधी अक्सर ईवीएम मशीनों पर सवाल उठाते रहे हैं, लेकिन शरद पवार ने कभी ऐसा नहीं कहा। बल्कि पवार हमेशा यह साफ रुख रखते थे कि ईवीएम पर आरोप लगाना गलत है। मगर अब राहुल गांधी से मिलने के बाद शरद पवार अचानक मतदान प्रक्रिया में बदलाव की बात करने लगे हैं। यह राहुल गांधी की बैठक का असर है।”

फडणवीस ने आगे कहा , “विपक्ष चाहे जितना भ्रम फैलाए, भारत जैसे पारदर्शी और स्वतंत्र चुनाव कहीं नहीं होते। जो लोग ईवीएम और चुनाव आयोग पर आरोप लगाते हैं, वे सार्वजनिक रूप से बातें करते हैं, लेकिन हलफनामा देने को तैयार नहीं होते। वे कहते हैं कि हमने संसद में शपथ ली है, लेकिन क्या संसद की शपथ सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट में मान्य है? उन्हें पता है कि अगर झूठ पकड़ा गया तो कल उनके खिलाफ आपराधिक कार्रवाई हो सकती है। इसलिए ये कायर लोग हैं, जो रोज झूठ बोलते हैं और भाग जाते हैं।”

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