बरेली में समाजवादी पार्टी के डेलीगेशन की ‘नो एंट्री’, प्रशासन ने क़ानून- व्यवस्था का हवाला देकर रोका
समाजवादी पार्टी के प्रतिनिधिमंडल को रोकने पर अखिलेश यादव ने एक बयान जारी कर कहा है कि भाजपा अपनी नाकामी छिपाने के लिए तानाशाही कर रही है। इधर बरेली प्रशासन का कहना है कि कानून व्यवस्था बनाये रखने के लिए ऐसा किया गया है।दूसरी तरफ़ बरेली में अब तौक़ीर रज़ा के करीबियों पर बुलडोजर एक्शन भी शुरू हो गया है।
उत्तर प्रदेश में बरेली हिंसा के बाद प्रभावित परिवारों से मिलने जा रहे समाजवादी पार्टी के प्रतिनिधिमंडल को प्रशासन ने एंट्री नहीं दी।नेता प्रतिपक्ष माता प्रसाद पांडे को लखनऊ में हाउस अरेस्ट कर लिया तो वहीं ग़ाज़ीपुर बॉर्डर पर तीन सांसदों को आगे बढ़ने से रोक दिया गया।सपा ने प्रभावित परिवारों से मिलने के लिए आज अपना 14 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल भेजने की घोषणा की थी।
बरेली में 26 सितंबर को ‘आई लव मोहम्मद’ विवाद मामले में हुई हिंसा और उपद्रव पर एक तरफ़ पुलिस की कार्रवाई जारी है तो वहीं विपक्षी दलों के नेता बरेली पहुंचकर प्रभावित परिवारों से मिलने की कोशिश कर रहे हैं। समाजवादी पार्टी का 14 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल शनिवार को पीड़ित परिवारों से मिलने और जिला प्रशासन को ज्ञापन सौंपने के लिए बरेली रवाना होने वाला था लेकिन प्रशासन ने उन्हें रोक दिया।इस प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व कर रहे यूपी विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष माता प्रसाद ने पांडे के घर पर सुबह होते ही प्रशासन ने पुलिस फोर्स लगाकर घेरेबंदी कर दी।
माता प्रसाद पांडे को हाउस अरेस्ट किया
लखनऊ में माता प्रसाद पांडेय के वृंदावन योजना स्थित आवास पर भारी पुलिस बल तैनात कर दिया गया और उन्हें हाउस अरेस्ट कर लिया गया।पांडेय ने कहा, ‘बरेली में बेगुनाह लोगों को जेल भेजने की सूचना मिली थी।राष्ट्रीय अध्यक्ष ने डेलीगेशन बनाया था।हमें रोकने की नोटिस डीएम को देनी चाहिए थी।लेकिन हमें पीजीआई थाने की ओर से नोटिस मिली।बाद में बरेली के डीएम की चिट्ठी मिली कि यहाँ नहीं आएँ माहौल ख़राब होगा।हम वहां कार्यकर्ताओं से जानकारी लेने जा रहे थे लेकिन प्रशासन नहीं चाहता कि सच सामने आए।’ इधर सम्भल में सांसद जियाउर्रहमान बर्क को भी पुलिस ने उनके घर पर रोक दिया। साथ ही बरेली के बाहर कई जिलों में सपा नेताओं को हाउस अरेस्ट किया गया, जिसमें बरेली जिला अध्यक्ष भी शामिल हैं। 
सांसदों को ग़ाज़ीपुर बॉर्डर से आगे बढ़ने से रोका
इसी तरह ग़ाज़ीपुर बॉर्डर पर सपा प्रतिनिधिमंडल में शामिल सांसदों को पुलिस ने रोक लिया। सांसद हरेंद्र मलिक और इकरा हसन को यूपी में प्रवेश नहीं करने दिया गया। सांसद इकरा हसन ने कहा, “हमें क्यों रोका गया है जबकि हम कुछ छिपा नहीं रहे।प्रशासन के लोग हमारे साथ चलें।’’ आंवला से सांसद नीरज मौर्य बरेली पहुंच तो गए लेकिन कुछ देर बाद पुलिस ने उन्हें भी हिरासत में ले लिया।
बरेली जिला प्रशासन ने साफ किया है कि माहौल बिगड़ने से रोकने और कानून व्यवस्था की दृष्टि से सपा प्रतिनिधिमंडल के प्रवेश पर रोक लगाई गई है।जबकि सपा का दावा है कि हिंसा के बाद कई निर्दोष लोगों को जेल भेजा गया है जो अन्यायपूर्ण है।यूपी सरकार लोकतंत्र का गाला घोंट रही है।माता प्रसाद पांडे ने कहा कि वो सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव से बात कर आगे की रणनीति तय करेंगे।वहीं यूपी सरकार की ओर से मंत्री जे पी से राठौड़ ने सवाल किया कि समाजवादी पार्टी के नेता आख़िर किसलिए बरेली जाना चाहते हैं? ‘क्या वो उपद्रवियों पर, दहशतगर्दों पर आँसू बहाने के लिए जाना चाहते हैं जिन्होंने पब्लिक पर, पुलिस पर पत्थर फेंके।’ राठौड़ ने कहा।उन्होंने कहा कि बरेली में जो भी अराजकता फैलाएगा उसको पुलिस और प्रशासन द्वारा रोका जाएगा।
सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव के निर्देश पर गठित इस प्रतिनिधिमंडल में पांच सांसद, दो विधायक और अन्य वरिष्ठ नेता शामिल थे। प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व विधानसभा में नेताप्रतिपक्ष माता प्रसाद पांडेय कर रहे थे।अन्य सदस्यों में सांसद जियाउर्रहमान बर्क इकरा हसन, हरेंद्र मलिक, नीरज मौर्य और मोहिबुल्लाह नदवी शामिल थे।पार्टी ने स्पष्ट किया था कि प्रतिनिधिमंडल बरेली में पीड़ितों से मिलकर उनकी समस्याओं को सुनेगा और अधिकारियों को ज्ञापन सौंपेगा। इधर बरेली में स्थिति नियंत्रण में पर तनावपूर्ण है।शहर में भारी पुलिस बल तैनात है और तौकीर रजा के करीबियों पर शिकंजा कसा जा रहा है।बुलडोजर कार्रवाई की भी तैयारी की जा रही है।शिवसेना (यूबीटी) सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पर निशाना साधते हुए कहा कि यह लोकतंत्र का गला घोंटना है।