अंतर कलह के बाद सुखबीर सिंह बादल ने शिरोमणि अकाली दल के अध्यक्ष पद से दिया इस्तीफा
सुखबीर सिंह बादल के इस्तीफे के बाद सोमवार को चंडीगढ़ में पार्टी मुख्यालय में बैठक बुलाई गयी है, जिसमें अगले अध्यक्ष के नाम पर चर्चा की जायेगी.
By : Abhishek Rawat
Update: 2024-11-16 13:49 GMT
Sukhbir Singh Badal Resignation : सुखबीर सिंह बादल ने शिरोमणि अकाली दल के अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया है. पार्टी के वरिष्ठ नेता व पंजाब सरकार के पूर्व मंत्री दलजीत सिंह चीमा ने सनिवार को इस बात की जानकारी दी. बादल के इस कदम से पार्टी के नए अध्यक्ष बनने का रास्ता भी साफ़ हो गया है, हालाँकि ये देखना बाकी है कि अगला अध्यक्ष कौन चुना जाता है, बादल परिवार का ही कोई सदस्य या फिर पार्टी कार्यकर्ताओं के बीच से. इसके लिए सोमवार 18 नवम्बर को दोपहर 12 बजे बैठक बुलाई गयी है.
सोमवार को पार्टी ने बुलाई बैठक
पंजाब सरकार के पूर्व शिक्षा मंत्री डॉ दलजीत सिंह चीमा ने 'X' पर पोस्ट करते हुए लिखा कि ''शिअद कार्यसमिति के अध्यक्ष बलविंदर सिंह भूंडर ने 18 नवंबर को दोपहर 12 बजे चंडीगढ़ स्थित पार्टी मुख्यालय में पार्टी कार्यसमिति की आपात बैठक बुलाई है. यह समिति सुखबीर सिंह बादल द्वारा दिए गए इस्तीफे पर विचार करेगी और आगे की कार्रवाई तय करेगी. उल्लेखनीय है कि शिअद के अध्यक्ष, पदाधिकारियों और कार्यसमिति के लिए चुनाव 14 दिसंबर, 2024 को होने हैं, जब वर्तमान सदन का पांच साल का कार्यकाल समाप्त हो रहा है.
कुछ समय पहले ही सुखबीर सिंह बादल को तनखैया घोषित किया गया
सुखबीर सिंह बादल की बात करें तो पंजाब में लगातार पार्टी की पकड़ कमजोर हुई है, जिसकी वजह से उन पर इस बात का नैतिक दबाव भी बढ़ता जा रहा है कि वो पार्टी के अध्यक्ष पद से इस्तीफा दें. इतना ही नहीं कुछ समय पूर्व अकालतख़्त ने उन्हें तनखैया भी घोषित किया था.
हाल ही में सुखबीर सिंह बादल ने अकाल तख़्त के समक्ष ये गुहार भी लगायी कि उन्हें जल्द से जल्द सजा सुनाई जाए. 30 अगस्त को अकाल तख्त के जत्थेदार ज्ञानी रघबीर सिंह ने 2007 से 2017 तक शिअद और उसकी सरकार द्वारा की गई "गलतियों" के लिए बादल को 'तनखैया' घोषित किया था.
जत्थेदार ने अभी तक बादल के लिए 'तनखाह' (धार्मिक दंड) की घोषणा नहीं की है. अकाल तख्त से कोई अस्थायी राहत पाने में असफल होने के बाद शिअद ने 24 अक्टूबर को घोषणा की कि वो उपचुनाव में हिस्सा नहीं लेगी.
ज्ञात रहे कि 1 जुलाई को पूर्व सांसद प्रेम सिंह चंदूमाजरा और शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक समिति (एसजीपीसी) की पूर्व प्रमुख बीबी जागीर कौर समेत बागी शिअद नेता अकाल तख्त के समक्ष पेश हुए और 2007 से 2017 के बीच पार्टी सरकार द्वारा की गई "गलतियों" के लिए माफी मांगी .
(शीर्षक को छोड़कर, इस कहानी को फेडरल स्टाफ द्वारा संपादित नहीं किया गया है और एक सिंडिकेटेड फीड से स्वतः प्रकाशित किया गया है।)