Tirupati laddu row: आंध्र CM को सुप्रीम फटकार! बोली TDP- 'हम अपनी बात पर कायम'

सुप्रीम कोर्ट ने आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन चंद्रबाबू नायडू को तिरुमाला तिरुपति मंदिर में लड्डू बनाने के लिए मिलावटी घी के इस्तेमाल का दावा सार्वजनिक रूप से करने के लिए कड़ी आलोचना की. अब इस पर टीडीपी ने प्रतिक्रिया दी है.

Update: 2024-09-30 14:58 GMT

Tirumala Tirupati temple laddus: सुप्रीम कोर्ट ने आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन चंद्रबाबू नायडू को तिरुमाला तिरुपति मंदिर में लड्डू बनाने के लिए मिलावटी घी के इस्तेमाल का दावा सार्वजनिक रूप से करने के लिए कड़ी आलोचना की. वहीं, सर्वोच्च न्यायालय के इस टिप्पणी के बाद अब तेलुगु देशम पार्टी (टीडीपी) ने कहा है कि वह अपने द्वारा कही गई हर बात पर कायम है.

बता दें कि जस्टिस बीआर गवई और जस्टिस केवी विश्वनाथन की पीठ ने टिप्पणी की कि कम से कम भगवान को राजनीति से दूर रखा जाना चाहिए. पीठ ने सवाल किया कि नायडू ने कथित मिलावट की जांच कर रही जांच टीम की रिपोर्ट आने का इंतजार किए बिना ही मामले को सार्वजनिक क्यों किया? कोर्ट ने कहा कि मुख्यमंत्री ने यह दावा 18 सितंबर को किया. जबकि मामले में प्राथमिकी 25 सितंबर को दर्ज की गई थी और विशेष जांच दल (एसआईटी) का गठन 26 सितंबर को किया गया था.

पीठ ने कहा कि किसी उच्च संवैधानिक पदाधिकारी द्वारा सार्वजनिक रूप से जाकर ऐसा बयान देना उचित नहीं है, जिससे करोड़ों लोगों की भावनाएं प्रभावित हो सकती हैं. बता दें कि टीडीपी ने गुजरात लैब रिपोर्ट का बचाव करते हुए कहा था कि 'घी मिलावटी था.'

सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी पर प्रतिक्रिया देते हुए टीडीपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता के पट्टाबी रमन ने कहा कि हमने जो कुछ भी पहले कहा है, हम उस पर कायम हैं. तिरुपति के लड्डू बनाने के लिए मिलावटी घी का इस्तेमाल किया गया था. हम आज सुप्रीम कोर्ट के उस फैसले का स्वागत करते हैं, जिसमें केंद्र से पूछा गया है कि क्या केंद्रीय जांच की जरूरत है. एआर डेयरी फूड प्राइवेट लिमिटेड ने टीटीडी (तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम) को आठ टैंकर सप्लाई किए हैं. रमन ने कहा कि जब श्रद्धालुओं ने लड्डुओं की गंध और गुणवत्ता के बारे में शिकायत की तो शेष चार (आठ में से) टैंकरों के नमूने जांच के लिए भेजे गए, जिनकी रिपोर्ट में मिलावट की पुष्टि हुई.

उन्होंने कहा कि 319 रुपये प्रति किलोग्राम की दर से ऐसा नहीं हो सकता कि पहले चार टैंकरों में घी की मात्रा शुद्ध थी और बाकी चार टैंकरों में मिलावट थी. एनडीडीबी ने घी के जो नमूने भेजे हैं, उन पर अपनी रिपोर्ट पर कायम है. आंध्र प्रदेश सरकार सभी रिपोर्ट सुप्रीम कोर्ट को सौंपेगी.

नायडू का आरोप

बता दें कि इस महीने की शुरुआत में नायडू ने दावा किया था कि राज्य में पिछली वाईएस जगन मोहन रेड्डी के नेतृत्व वाली सरकार के दौरान तिरुपति लड्डू तैयार करने में पशु वसा का इस्तेमाल किया गया था, जिसके बाद बड़ा राजनीतिक विवाद खड़ा हो गया था. उनके दावों की पुष्टि गुजरात स्थित प्रयोगशाला एनडीडीबी कैल्फ (सेंटर फॉर एनालिसिस एंड लर्निंग इन लाइवस्टॉक एंड फूड) ने भी की, जिसमें कहा गया कि तिरुपति में लड्डू बनाने में इस्तेमाल किए गए घी में गोमांस की चर्बी, चर्बी, मछली का तेल और ताड़ का तेल मिला था. सैंपल प्राप्ति की तारीख 9 जुलाई थी. जबकि रिपोर्ट 16 जुलाई की थी. वहीं, वाईएसआर कांग्रेस पार्टी ने आरोपों को खारिज करते हुए नायडू पर राजनीतिक लाभ के लिए आरोप लगाने का आरोप लगाया.

सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी

सोमवार की सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट की पीठ ने सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता से यह निर्णय लेने में सहायता करने को कहा कि क्या राज्य द्वारा नियुक्त एसआईटी द्वारा जांच जारी रहनी चाहिए या किसी स्वतंत्र एजेंसी द्वारा जांच कराई जानी चाहिए. पीठ कई याचिकाओं पर सुनवाई कर रही थी, जिनमें तिरुपति में लड्डू बनाने में पशु चर्बी के कथित इस्तेमाल की अदालत की निगरानी में जांच की मांग करने वाली याचिकाएं भी शामिल थीं. सुनवाई के दौरान सर्वोच्च न्यायालय ने इस बात का सबूत मांगा कि तिरुपति लड्डू बनाने में दूषित घी का इस्तेमाल किया गया था.

पीठ ने कहा कि कम से कम हम यह उम्मीद करते हैं कि भगवानों को राजनीति से दूर रखा जाएगा. मेहता ने पीठ से कहा कि यह आस्था का मामला है और यदि लड्डू बनाने में दूषित घी का इस्तेमाल किया गया है तो यह अस्वीकार्य है. पीठ ने मामले की अगली सुनवाई 3 अक्टूबर को तय की है.

वाईएसआरसीपी की प्रतिक्रिया

सर्वोच्च न्यायालय की टिप्पणियों पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए वाईएसआरसीपी नेता नारायण मूर्ति ने कहा कि एन चंद्रबाबू नायडू की अनावश्यक, अवांछित, आधारहीन, सबूतहीन टिप्पणियों के कारण लाखों लोग पीड़ित हैं. उन्होंने कहा कि घी की जांच किए बिना इसे मंदिर परिसर में ले जाने की अनुमति नहीं है. फिर आप कैसे कह सकते हैं कि लड्डू निम्न गुणवत्ता वाले घी या किसी अन्य सामग्री से बने हैं? सुप्रीम कोर्ट के पास कई सवाल हैं और हमें राहत है कि उन्होंने मंदिर में लोगों का विश्वास वापस लाने के लिए कार्यभार संभाला है. हम 3 अक्टूबर को सकारात्मक चीजों की उम्मीद कर रहे हैं.

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