तमिलनाडु BJP प्रमुख ने CM स्टालिन पर निशाना साधा, शिक्षा मंत्री प्रधान के बयान को बताया 'सच'
यह बयान DMK और बीजेपी के बीच बढ़ते राजनीतिक मतभेदों को उजागर करता है, खासकर NEP और PM SHRI योजना को लेकर.;
Tamil Nadu BJP chief attack on Stalin: तमिलनाडु बीजेपी प्रमुख के अन्नामलाई ने सोमवार (10 मार्च) को मुख्यमंत्री एमके स्टालिन पर कड़ा हमला किया. उन्होंने आरोप लगाया कि स्टालिन ने हाशिए पर रहने वाले छात्रों की शिक्षा को राजनीति का हिस्सा बना दिया है और राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) 2020 और PM SHRI योजना के संबंध में उनके "सच्चे इरादे" अब सबके सामने आ गए हैं. अन्नामलाई ने यह टिप्पणी एक्स पर पोस्ट करते हुए की, जिसमें उन्होंने स्टालिन की नेतृत्व क्षमता पर सवाल उठाए और DMK द्वारा केंद्र सरकार की शिक्षा नीतियों का विरोध करने पर चिंता जताई.
अन्नामलाई का यह बयान केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान की लोकसभा में की गई टिप्पणी के बाद आया, जिसमें प्रधान ने DMK के विरोध को "बेईमानी और असभ्यता" करार दिया था. अन्नामलाई ने प्रधान के बयान का समर्थन करते हुए कहा कि उन्होंने केवल सत्य कहा है.
मुख्यमंत्री से तीखे सवाल
अन्नामलाई ने मुख्यमंत्री स्टालिन से तीन सीधे सवाल किए, जो उनकी ईमानदारी और इरादों पर गंभीर सवाल उठा रहे थे:-
1. आपको केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान द्वारा DMK के सदस्यों को 'बेईमानी और असभ्य' कहने पर क्या आपत्ति है? उन्होंने तो बस सच कहा है.
2. आप कहते हैं कि आपके निर्णय सिर्फ जनता के हित में होते हैं तो क्या आप बता सकते हैं कि 'जनता' से आपका क्या मतलब है? क्या आपके परिवार के सदस्य, दामाद और पार्टी के अन्य लोग, जो निजी CBSE और मैट्रिकुलेशन संस्थानों का संचालन करते हैं, भी इस श्रेणी में आते हैं?
3. यह कथित 'सुपर सीएम' कौन हैं?
सच्चे इरादे अब स्पष्ट
अन्नामलाई ने अपनी बात को खत्म करते हुए कहा कि तमिलनाडु के लोग भली-भांति जानते हैं कि कौन हाशिए पर रहने वाले छात्रों की शिक्षा का शोषण करता है. आपके असली इरादे अब पूरी तरह से बेनकाब हो गए हैं, श्री एमके स्टालिन. तमिलनाडु की जनता अब और नहीं बहकाई जा सकती.
अन्नामलाई का यह बयान केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान के उस बयान के बाद आया, जिसमें उन्होंने DMK सांसदों के विरोध को "बेईमानी" और "असभ्यता" करार दिया था. इस पर तमिलनाडु के मुख्यमंत्री स्टालिन, स्कूल शिक्षा मंत्री अनबिल महेश पोय्यमोजी और DMK सांसद कनिमोझी ने तीव्र प्रतिक्रिया दी.
PM SHRI योजना और तीन-भाषा नीति पर विवाद
DMK ने केंद्र सरकार पर आरोप लगाया है कि उसने तमिलनाडु को NEP की तीन-भाषा नीति और PM SHRI योजना को अपनाने के लिए दबाव बनाने के उद्देश्य से 2,158 करोड़ रुपये के समग्र शिक्षा फंड को रोक लिया है. राज्य इसे हिंदी थोपे जाने के रूप में देखता है और इसे अपनी स्थापित दो-भाषा नीति (तमिल और अंग्रेजी) के खिलाफ एक चुनौती मानता है.
DMK की "रुकावट की नीति"?
अन्नामलाई का बयान बीजेपी की तरफ से DMK की "रुकावट की नीति" का कड़ा विरोध दर्शाता है, खासकर शिक्षा सुधारों के मुद्दे पर. उन्होंने आरोप लगाया कि स्टालिन ने PM SHRI योजना को लेकर राज्य की शुरुआती सकारात्मकता को राजनीतिक फायदे के लिए छोड़ दिया.
अन्नामलाई ने इस मुद्दे को और बढ़ाते हुए यह भी कहा कि स्टालिन के परिवार और पार्टी के लोग निजी शैक्षिक संस्थान चलाते हैं, जो छात्रों के वास्तविक हितों के प्रति DMK की प्रतिबद्धता पर सवाल उठाता है. यह तमिलनाडु के शिक्षा क्षेत्र में एक संवेदनशील मुद्दा बन गया है. क्योंकि राज्य में शिक्षा व्यवस्था को लेकर कई विवाद पहले से ही मौजूद हैं.
राजनीतिक खाई और संघवाद का संघर्ष
यह बयान DMK और बीजेपी के बीच बढ़ते राजनीतिक मतभेदों को उजागर करता है, खासकर NEP और PM SHRI योजना को लेकर. जहां DMK इसे तमिलनाडु की स्वायत्तता और भाषाई धरोहर की रक्षा के रूप में प्रस्तुत करती है. वहीं बीजेपी इसे शिक्षा के हितों की अनदेखी और राजनीतिक फायदे के लिए छात्र हितों की बलि चढ़ाने के रूप में देखती है. संघवाद, सांस्कृतिक पहचान और शासन की बहस अब इन योजनाओं के माध्यम से और भी तेज हो गई है और दोनों पार्टियां अपने दृष्टिकोण को लेकर स्पष्ट रूप से अलग हो गई हैं.