तमिलनाडु के शिवगंगा में हिरासत में मौत मामले की जांच CBI के हवाले, सीएम स्टालिन का एलान
अदालत, जनता और विपक्ष के दबाव में मुख्यमंत्री स्टालिन ने कहा - सरकार पारदर्शी, निष्पक्ष और विस्तृत जांच के लिए पूर्ण सहयोग देगी;
लगातार बढ़ते दबाव के बीच, तमिलनाडु सरकार ने शिवगंगा ज़िले के तिरुप्पुवनाम के 27 वर्षीय मंदिर सुरक्षाकर्मी अजीत कुमार की कथित हिरासत में मौत की जांच केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) को सौंपने का आदेश दिया है।
मुख्यमंत्री एम.के. स्टालिन ने मंगलवार (1 जुलाई) को इस फैसले की घोषणा करते हुए कहा कि राज्य सरकार पूरी तरह पारदर्शी, निष्पक्ष और गहन जांच के लिए सीबीआई को पूरा सहयोग देगी। यह निर्णय मद्रास हाईकोर्ट द्वारा इस मामले की बर्बरता पर कड़ी टिप्पणी करने के बाद लिया गया है।
स्टालिन ने परिजनों से की बात, न्याय का आश्वासन दिया
मुख्यमंत्री स्टालिन ने अजीत कुमार के परिवार से संपर्क किया, शोक संवेदनाएं व्यक्त कीं और न्याय का वादा किया।
उन्होंने कहा, “मैंने निष्पक्ष, पारदर्शी और पूर्वग्रह-रहित जांच का वादा किया है। जो भी दोषी होगा, उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी और शोकसंतप्त परिवार को न्याय मिलेगा।”
सीबीआई की जांच पर विशेष अनुमति की शर्त
गौरतलब है कि तमिलनाडु सरकार ने पहले सीबीआई को राज्य में स्वतः संज्ञान लेकर जांच करने की सामान्य सहमति वापस ले ली थी। अब सीबीआई को राज्य में किसी भी जांच से पहले सरकार से पूर्व अनुमति लेनी होती है।
इससे राज्य सरकार को यह सुनिश्चित करने का अधिकार मिल जाता है कि CBI केवल उन्हीं मामलों की जांच करे जिन पर राज्य अनुमति देता है।
राजनीतिक विरोध और जनदबाव
स्टालिन सरकार पर यह निर्णय राजनीतिक दबाव और जन आक्रोश के कारण भी लेना पड़ा है। विपक्षी पार्टियों AIADMK, BJP और तमिलगा वेत्त्री कड़गम (TVK) ने इस मुद्दे को लेकर सरकार की निंदा और जवाबदेही की मांग की है।
AIADMK के महासचिव ई. पलानीस्वामी ने इसे "पुलिस की बर्बरता से हुई हत्या" बताते हुए दावा किया कि स्टालिन शासन में यह 25वीं हिरासत में मौत है।
BJP के प्रदेश अध्यक्ष नैनार नागेन्द्रन ने आरोप लगाया कि DMK ने तमिलनाडु को "लॉकअप डेथ की जननी" बना दिया है, और उनके अनुसार अब तक 24 हिरासत में मौतें हो चुकी हैं।
TVK के प्रमुख विजय (अभिनेता-नेता) ने मद्रास हाईकोर्ट की निगरानी में SIT जांच की याचिका दायर की और 3 जुलाई को सुबह 10 बजे चेन्नई के एगमोर स्थित राजरत्नम स्टेडियम के पास बड़े विरोध प्रदर्शन की घोषणा की।
सहयोगी दलों की नाराज़गी भी सामने आई
DMK के सहयोगी दलों कांग्रेस और सीपीआई(एम) ने भी सरकार के प्रति नाराज़गी जताई है। सिवगंगा से सांसद कांग्रेस नेता कार्ति चिदंबरम ने इस घटना की कड़ी आलोचना की। CPI(M) ने दोषी पुलिसकर्मियों के खिलाफ कड़ी कानूनी कार्रवाई की मांग की।
विदुथलाई चिरुथैगल कच्ची (VCK) ने पीड़ित परिवार को मुआवज़ा और सरकारी नौकरी की मांग की, जिसे मुख्यमंत्री स्टालिन ने स्वीकार किया है।