राजस्थान: सरकारी टीचरों के लिए सोशल मीडिया पर सख्त नियम, अभिव्यक्ति की आजादी पर बहस
Rajasthan Social Media Code: इससे पहले राजस्थान सरकार ने भ्रष्टाचार में शामिल कर्मचारियों के घर के बाहर तख्ती लगाने का आदेश दिया था. अब सोशल मीडिया पर भी नियमों की सख्ती दिखाई जा रही है.;
Rajasthan Social Media Guidelines: राजस्थान में अब सरकारी स्कूलों के शिक्षक अगर सोशल मीडिया पर कुछ गलत या विवादित लिखते हैं तो उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी. यह आदेश राज्य के शिक्षा मंत्री मदन दिलावर और शिक्षा विभाग की ओर से जारी किया गया है. नए नियमों के अनुसार, अगर कोई शिक्षक फेसबुक, व्हाट्सऐप या अन्य सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर ऐसा कुछ लिखता है, जो संविधान के खिलाफ हो, विवाद बढ़ाने वाला हो या समाज की भावनाओं को आहत करता हो तो उस पर सीधे कानूनी और विभागीय कार्रवाई होगी.
क्यों लाया गया यह नियम?
दरअसल, कुछ रिपोर्टों में यह सामने आया कि कुछ शिक्षक सोशल मीडिया पर राजनीतिक बहस, नेताओं की आलोचना या आपत्तिजनक टिप्पणियां करते हैं, जिससे माहौल खराब होता है. ऐसे में विभाग ने तय किया है कि इस तरह के पोस्ट या कमेंट्स पर अब शून्य सहनशीलता (Zero Tolerance) रखी जाएगी.
पहले भी दिए गए थे कड़े आदेश
इससे पहले राजस्थान सरकार ने भ्रष्टाचार में शामिल कर्मचारियों के घर के बाहर तख्ती लगाने का आदेश दिया था. अब सोशल मीडिया पर भी नियमों की सख्ती दिखाई जा रही है. प्राथमिक शिक्षा निदेशक, बीकानेर ने सभी शिक्षकों और स्कूल कर्मचारियों को स्पष्ट चेतावनी दी है कि अगर किसी ने राष्ट्रविरोधी या समाज को बांटने वाली कोई बात लिखी तो कड़ी कार्रवाई की जाएगी.
इस आदेश को लेकर शिक्षकों की राय बंटी हुई है। एक शिक्षक ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि ये तो अभिव्यक्ति की आज़ादी पर रोक लगाने जैसा है. देश को आजाद हुए 75 साल हो चुके हैं. लेकिन बोलने तक की आजादी नहीं है. हां, संविधान, देश के खिलाफ सोशल मीडिया पर बोलने से परहेज करना चाहिए. लेकिन विभाग से संबंधित दिक्कत हो और परेशानी का समाधान न निकले तो फिर सोशल मीडिया पर ही आवाज उठाना एकमात्र मकसद बच जाता है. वहीं, कुछ अन्य शिक्षकों का मानना है कि सही फैसला है, क्योंकि शिक्षक समाज के लिए आदर्श होते हैं. हालांकि, अब देखना यह है कि यह नया सोशल मीडिया कोड कितना प्रभावी साबित होता है और शिक्षक इसे कितना गंभीरता से लेते हैं.