GROUND REPORT: अहमदाबाद विमान हादसे में अपनों को खो चुके परिवारों का दर्द

कई परिवारों को न केवल अचानक हुए नुकसान को स्वीकार करने में संघर्ष करना पड़ा, बल्कि शवों की भयावह स्थिति को भी स्वीकार करना पड़ा। कुछ शवों को इस कदर जला दिया गया कि उनकी पहचान करना भी मुश्किल हो गया।;

Update: 2025-06-18 16:52 GMT

अहमदाबाद में 12 जून को एयर इंडिया की फ्लाइट 171 के दुर्घटनाग्रस्त होने से 270 से अधिक लोगों की मौत हो गई। यह हादसा न केवल विमान में सवार यात्रियों के लिए, बल्कि स्थानीय निवासियों के लिए भी एक भयंकर त्रासदी साबित हुआ। दोपहर 1:39 बजे पायलट कप्तान सुमीत सभरवाल ने टेकऑफ़ के तुरंत बाद 'मेडे' कॉल किया, लेकिन विमान महज एक मिनट में 650 फीट की ऊंचाई से गिरकर मेघानी नगर के एक मेडिकल हॉस्टल पर गिरा। इसमें 242 यात्री और कई मेडिकल छात्र, गर्भवती महिला और स्थानीय श्रमिकों की मौत हो गई। केवल एक यात्री विशाल कुमार रमेश बचने में सफल रहे।

डीएनए टेस्ट से शवों की पहचान

अहमदाबाद सिविल अस्पताल के शवगृह में 66 बिस्तरों की क्षमता थी, जो जल्द ही भर गई। इसके बाद शवों को सोल और गांधीनगर के अस्पतालों में भेजा गया। डॉ. महेश कापड़िया के नेतृत्व में 140 डॉक्टरों की टीम ने 12 से 13 जून तक पोस्टमॉर्टम किया और डीएनए नमूने फॉरेंसिक साइंस लैब भेजे। गांधीनगर के फॉरेंसिक साइंस लैब के निदेशक एचपी संघवी ने बताया कि आधुनिक उपकरणों के कारण शवों की पहचान में 72 घंटे का समय लगा, जबकि पहले यह प्रक्रिया पांच से दस दिन लेती थी।

परिवारों की करुण गाथा

राशिद पटेल (72): सूरत के राशिद पटेल ने अपने इकलौते बेटे साहिल के शव को हासिल करते समय कोफिन खोलने की इच्छा जताई, ताकि वह अपने बेटे का चेहरा आखिरी बार देख सकें। उन्होंने कहा कि मैं उसका पिता हूं। मुझे उनसे पहले मरना चाहिए था। अब कम से कम उनका चेहरा देख सकता हूं।

गोमतीबेन परमार: लंदन में टैक्सी चालक भाई भगिलाल और उनकी पत्नी हंसा की मौत के बाद गोमतीबेन परमार का दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया। उनके पति वीरुभाई परमार को एक ही दिन में तीन शवों का अंतिम संस्कार करना पड़ा।

आकाश पाटनी (13): आकाश अपने पिता के लिए लंच लाने घर गया था, तभी विमान का एक हिस्सा उनके घर पर गिरा और आग लग गई। आकाश की मां गंभीर रूप से घायल हैं और आईसीयू में हैं, उन्हें यह नहीं बताया गया कि उनका बेटा मर चुका है।

अस्पतालों का दृश्य

अहमदाबाद सिविल अस्पताल में शवों का लगातार आना जारी रहा। पोस्टमॉर्टम कक्ष से जलती हुई शवों की दुर्गंध के बावजूद परिवार के सदस्य अपने प्रियजनों के शव की पहचान के लिए इंतजार करते रहे। हर एंबुलेंस के आने पर परिवार के सदस्य आशा और भय के साथ दौड़ते थे।

विमान दुर्घटना की जांच

भारतीय विमानन प्राधिकरण ने फ्लाइट डेटा रिकॉर्डर को बरामद किया है और तीन महीने के भीतर पूरी जांच रिपोर्ट की उम्मीद है। यूके की एक जांच टीम भी इस मामले में सहायता कर रही है। अधिकारियों के अनुसार, पायलट ने टेकऑफ़ के तुरंत बाद 'मेडे' कॉल किया था, लेकिन विमान की ऊंचाई में अचानक गिरावट के कारण यह हादसा हुआ।

यह हादसा न केवल एक विमान दुर्घटना था, बल्कि यह अनगिनत परिवारों के लिए एक जीवनभर का दुख बन गया। अहमदाबाद और उसके आसपास के क्षेत्रों में लोग इस त्रासदी से उबरने की कोशिश कर रहे हैं, जबकि जांच एजेंसियां हादसे के कारणों की जांच में जुटी हैं।

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