उम्मीद थी आप कुछ करेंगी लेकिन, ममता को खत लिख TMC सांसद ने इस्तीफे का किया जिक्र

टीएमसी के वरिष्ठ नेता और राज्यसभा सांसद जवाहर सरकार ने कहा है कि उन्होंने एमपी पद से इस्तीफा का फैसला किया है। चिट्ठी के जरिए अपनी पीड़ा भी जाहिर की।

By :  Lalit Rai
Update: 2024-09-08 07:49 GMT

Jawahar Sircar Resignation:  कोलकाता के आर जी कर अस्पताल रेप-मर्डर केस के बाद ममता सरकार बैकफुट पर है। हालांकि ममता बनर्जी कहती हैं कि शर्मनाक घटना के बाद सरकार ने कार्रवाई की। हमारी सरकार इस विषय पर कितनी संवेदनशील है आप इसे ऐसे समझ सकते हैं कि विधानसभा के जरिए अपराजित बिल पारित किया है जो देश का सबसे सख्त कानून में है। हालांकि उनके ही कुछ नेताओं ने अपनी सरकार को घेरा था और अब टीएमसी के राज्यसभा सांसद जवाहर सरकार ने ना सिर्फ राज्यसभा की सदस्यता से इस्तीफा बल्कि सियासत से भी तौबा करने का निर्णय लिया है। उन्होंने इस्तीफे से पहले एक लंबा चौड़ा खत लिखा है।

ममता के सांसद की चिट्ठी

ममता बनर्जी को लिखे खत की शुरुआत जवाहर सरकार कुछ इस तरह करते हैं, 69-70 साल की उम्र में कोई सोचकर राजनीति में नहीं आता। राजनीति में आने का मकसद मोदी सरकार और सांप्रदायिक शक्तियों का विरोध करना था। जितनी उनकी क्षमता थी उन्होंने किया। आप खुद संसद टीवी और यूट्यूब कार्यकर्मों को देख सकते हैं। लेकिन 2022 में पहली बार उन्हें धक्का तब लगा जब राज्य के शिक्षा मंत्री का नाम घोटाले में आया। मैंने उसका विरोध किया। लेकिन पार्टी फोरम पर उनके साथ बेहद बुरा बर्ताव किया गया। हालांकि वो चुप रहे। उन्हें ऐसा लगा कि आप कुछ करेंगी। लेकिन आप की तरफ से ठंडी प्रतिक्रिया से दिल दुखी हुआ।

उनके बहुत से शुभचिंतकों ने कहा कि आप पार्टी में बने रहिए। लेकिन जिस तरह से करप्शन के मुद्दे सामने आते रहे। पार्टी का जो रवैया था वो बेहद लचर था। पार्टी के नेताओं को इस बात से कोई मतलब नहीं कि हम लोगों की प्रतिष्ठा को कितना नुकसान पहुंच रहा है। इन सबके बावजूद वो इस उम्मीद के साथ पार्टी में बने रहे कि एक ना एक दिन बदलाव आएगा। लेकिन कुछ भी नहीं हुआ। आखिर हम अपने आपको जब अलग कहते हैं तो वैसा दिखते हुए क्यों नजर नहीं आते। 

मैं सरकार में ऐसा अफसर था जिसका साल्ट लेक ही नहीं कोई भी प्लॉट नहीं है क्योंकि उनके तीखे बोल पसंद नहीं आते थे। वो मिडिल क्लास फैमिली में पले बढ़े, जवानी के दिनों में पब्लिक ट्रांसपोर्ट का इस्तेमाल करता था। आईएएस में 41 साल के सेवा के बाद वो अपने फ्लैट में बिना किसी शर्म के रह सकते हैं, 9 साल पुरानी कार से चल सकते हैं। लेकिन उन्हें हैरानी होती है कि कुछ नेता जो पंचायत स्तर के है उनके पास इतनी संपत्ति हो गई है जिसके बारे में वो सोच ही नहीं सकते। यह बात सच है कि ज्यादातर दल के नेताओं के पास संपत्ति की कमी नहीं है। लेकिन जिस तरह से बंगाल में करप्शन की बहार है और आपने कार्रवाई नहीं की वो हैरान करती है।

जवाहर सरकार लिखते हैं कि आरजी कर अस्पताल प्रकरण पर वो पिछले एक महीने से खामोश बैठे थे। उम्मीद थी कि आपकी तरफ से किसी तरह का ऐक्शन होगा। लेकिन ऐसा नहीं हुआ। सरकार कार्रवाई तो कर रही है लेकिन वो जमीन पर नजर नहीं आ रही। उन्हें ऐसा लगा कि हालात को पहले ही सामान्य किया जा सकता था यदि उचित कार्रवाई की गई होती। 


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