‘सुगंध पथ’ पर चल कर तय करेंगे करियर की राह

लखनऊ में डॉ. शकुंतला मिश्रा नेशनल रिहैबिलिटेशन यूनिवर्सिटी ने एक अभिनव प्रयोग किया है। दृष्टिबाधित छात्रों को ध्यान में रखकर कैंपस में सुगंधित पौधे लगाए गए हैं। हर एक जगह के लिए अलग सुगंध का पौधा लगाया जा रहा है, जिसको पहचान कर दृष्टिबाधित छात्र आसानी से एक जगह से दूसरी जगह जा सकेंगे।;

By :  Shilpi Sen
Update: 2025-06-13 08:01 GMT
शकुंतला मिश्रा यूनिवर्सिटी में "सुगंध पथ’ के लिए पौधारोपण करते शिक्षक और छात्र।

लखनऊ में डॉ. शकुंतला मिश्रा नेशनल रिहैबिलिटेशन यूनिवर्सिटी ने अपने छात्रों के लिए एक ख़ास प्रयोग किया है। यहां के 800 दृष्टिबाधित छात्र अब अपनी ‘छड़ी’ के साथ अपने ‘आत्मविश्वास’ के सहारे भी कैंपस में घूम सकेंगे। ये छात्र अब अपने क्लासरूम, लाइब्रेरी, कैंटीन, कॉरिडोर, हॉस्टल में पहुंचने के लिए सुगंध से पथ पर चलेंगे। इसके लिए सभी जगह अलग-अलग तरह के सुगंधित फूलों के पौधों को लगाया जा रहा है। कोई एक फूल या सुगंधित पौधा उस विशेष जगह की पहचान बतायेगा। कैंपस में चलने वाले दृष्टिबाधित छात्र उस ख़ुशबू को पहचान कर वहां तक पहुंचेंगे।

सुगंध से पहचानेंगे रास्ते

सरकार और संस्थाएं अक्सर विशेष (differently abled) लोगों को समाज के साथ जोड़कर चलने की बात करती है। दिव्यांग सशक्तिकरण के लिए बड़ी- बड़ी योजनाएं बनायी जाती हैं। पर कई बार उनको दूसरों पर ही निर्भर रहना पड़ता है। लखनऊ के डॉ. शकुंतला मिश्रा नेशनल रिहैबिलिटेशन यूनिवर्सिटी ने अपने यहां पढ़ने वाले दृष्टिबाधित (visually impaired) छात्रों के लिए एक अभिनव प्रयोग किया है। 155 एकड़ में फैले कैंपस में छात्रों को हर जगह आने-जाने में आसानी हो, इसके लिए ‘सुगंध पथ’ तैयार किया जा रहा है। इस प्रयोग के बाद जहां एक ओर छात्रों को अपने कैंपस में अकेले आने-जाने में सुविधा होगी, वहीं उनके साथ यहाँ पढ़ने वाले अन्य छात्र भी प्रकृति के क़रीब रह पाएंगे।

‘बेला’ से ‘हरसिंगार’ तक

विश्वविद्यालय में अकादमिक ब्लॉक, लाइब्रेरी, कैंटीन, कॉरिडोर और अन्य स्थानों पर अलग-अलग तरह के सुगंधित फूलों और पौधों को लगाया गया है। विश्वविद्यालय से मिली जानकारी के अनुसार, प्रथम चरण में अभी कैंपस के 6 प्रमुख हिस्सों में अलग अलग तरह के सुगंधित फूलों को लगाया गया है। कैंपस के इन हिस्सों को जोड़ने वाले कॉरिडोर पर भी ये पौधे लगाए गए हैं। इसके तहत गंधराज एकैडमिक बिल्डिंग -1 में लगाया गया है।यहां इन छात्रों की कक्षाएं होती हैं। एकैडेमिक बिल्डिंग-2 में मधुकामिनी, प्रशासनिक भवन में मनोकामिनी, लाइब्रेरी में बेला, इंजीनियरिंग भवन के पास और उस ओर जाने वाले रास्ते पर चमेली और कैंपस में बैंक की शाखा के पास हरसिंगार लगाया गया है।

डॉ. शकुंतला मिश्रा नेशनल रिहैबिलीटेशन यूनिवर्सिटी के वाइस चांसलर आचार्य संजय सिंह ने इस प्रोजेक्ट की शुरुआत छात्रों को मौजूदगी में की।अगले चरण में पूरे कैंपस में हर जगह सुगंधित पौधे रोपे जाएंगे। विश्वविद्यालय के प्रवक्ता प्रोफेसर यशवंत विरोदय कहते हैं ‘ हमारे यहां सामान्य छात्रों के साथ दिव्यांग छात्र भी पढ़ते हैं। इनकी संख्या आधी-आधी है। एक साथ इसलिए पढ़ाई की व्यवस्था की गयी है, जिससे इंक्लूसिव सोसाइटी बनाया का सके। दिव्यांग छात्रों में से भी 50 प्रतिशत छात्र दृष्टि बाधित हैं। हम उनकी शिक्षा के लिए ब्रेल का प्रयोग करते हैं। लेकिन अब उनको सुगंध पथ से पूरे कैंपस में आने जाने में आसानी होगी। हम उत्साहित हैं, क्योंकि ये पहल सफल होती है तो आगे और भी संस्थान इसको अपना सकेंगे।’

विश्वविद्यालय में पढ़ने वाले छात्र कहते हैं कि उनको न सिर्फ़ कैंपस में आने जाने में आसानी होगी, बल्कि एक कैम्पस उनका कैंपस पहले से ज़्यादा सुंदर नज़र आएगा, जिससे सभी छात्रों, शिक्षकों और यहां आने वाले लोगों को भी अच्छा लगेगा।

डॉ. शकुंतला मिश्रा नेशनल रिहैबिलिटेशन यूनिवर्सिटी को दिव्यांग छात्रों की बेहतर शिक्षा और पुनर्वास के लिए शुरू किया गया था। ऐसे छात्र दूसरे आम छात्रों के साथ शिक्षा ग्रहण कर सकें, इसके लिए यहां 50 प्रतिशत सामान्य छात्रों को भी शिक्षा दी जाती है। मौजूदा समय में विश्वविद्यालय में 1614 दिव्यांग छात्र हैं, जिनमें 800 दृष्टिबाधित छात्र हैं। ऐसे में इन छात्रों के लिए ये एक नई और आत्मविश्वास बढ़ाने वाली पहल होने की उम्मीद है।

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