UP Assembly Bypoll: यूपी की 10 सीटों की लड़ाई, तय करेगा NDA-INDIA ब्लॉक का भाग्य!
यूपी की 10 विधानसभा सीटों पर होने वाले उपचुनाव एनडीए सहयोगियों और विपक्षी इंडिया ब्लॉक के बीच गठबंधन के लिए अग्निपरीक्षा साबित हो सकते हैं.;

UP Assembly By-Elections: यूपी की 10 विधानसभा सीटों पर होने वाले उपचुनाव की जल्द घोषणा हो सकती है. ये उपचुनाव एनडीए सहयोगियों और विपक्षी इंडिया ब्लॉक के बीच गठबंधन के लिए अग्निपरीक्षा साबित हो सकते हैं. यह स्थिति तब सामने आई है, जब भाजपा और सपा साल 2027 के विधानसभा चुनावों में अपने चुनावी सहयोगियों के बीच एक प्रमुख स्थान लेते हैं.
बता दें कि जिन 10 विधानसभा सीटों में उपचुनाव होने हैं, उनमें से 9 करहल, कटेहरी, मिल्कीपुर, कुंदरकी, खैर, गाजियाबाद, मीरापुर, मंझवान और फूलपुर शामिल हैं. ये सीटें यहां के विधायकों के लोकसभा के लिए चुने जाने के बाद खाली हुई हैं. वहीं, सीसामऊ सीट सपा विधायक इरफान सोलंकी के एक आपराधिक मामले में दोषी ठहराए जाने के बाद खाली हुई है. इनमें से पांच सपा (करहल, कटेहरी, मिल्कीपुर, कुंदरकी और सीसामऊ) के पास थीं और तीन भाजपा (फूलपुर, गाजियाबाद और खैर) के पास थीं. मीरापुर और मंझवान क्रमशः भाजपा सहयोगी आरएलडी और निषाद पार्टी के पास थीं.
भाजपा अपनी जिला इकाइयों से उपचुनाव वाले निर्वाचन क्षेत्रों में संगठनात्मक गतिविधियों को बढ़ाने के लिए कहकर ताकत दिखा रही है. सूत्रों का कहना है कि पार्टी विभिन्न गतिविधियों को अंजाम देने में राज्य सरकार के साथ समन्वय करने के अलावा आधार कैडरों को जुटाने के लिए यूपी भाजपा के कई वरिष्ठ पदाधिकारियों को तैनात करने की भी योजना बना रही है.
सीएम योगी आदित्यनाथ ने भी मिल्कीपुर और कठेहरी में चुनावी तैयारियों का जायजा लेने के लिए बैठकें कर मैदान में कदम रखा है. उनके अन्य निर्वाचन क्षेत्रों में भी इसी तरह की बैठकें करने की उम्मीद है. यूपी भाजपा प्रमुख भूपेंद्र चौधरी और राज्य महासचिव (संगठन) धर्मपाल सिंह भी उपचुनाव वाले क्षेत्रों में संगठनात्मक गतिविधियों को बढ़ाने वाले हैं. साल 2022 के यूपी विधानसभा चुनाव में कटेहरी से निषाद पार्टी के अवधेश कुमार ने चुनाव लड़ा था. लेकिन वह सपा के लालजी वर्मा से 8,000 वोटों से हार गए थे. इस बार, भाजपा उस सीट से चुनाव लड़ना चाहती है, जहां कुर्मी और निषाद मतदाताओं की अच्छी आबादी है. यह मंझवान से भी चुनाव लड़ना चाहता है, जो निषाद पार्टी के पास था.
ऐसा माना जा रहा है कि भाजपा के शीर्ष नेतृत्व ने सहयोगी रालोद की कम से कम तीन सीटों गाजियाबाद, खैर और मीरापुर पर चुनाव लड़ने की मांग को ठुकरा दिया है. सूत्रों ने बताया कि रालोद मीरापुर सीट पर जोर दे रहा है, जिसका प्रतिनिधित्व पार्टी विधायक चंदन चौहान कर रहे हैं. समाजवादी पार्टी भी खुद को मुख्य विपक्षी दल के रूप में पेश कर रही है. खासकर लोकसभा चुनावों में अच्छे प्रदर्शन के बाद. सपा के एक वरिष्ठ पदाधिकारी ने कहा कि पार्टी उपचुनावों की अधिसूचना जारी होने के बाद ही सीटों के बंटवारे पर अपना रुख स्पष्ट करेगी. यूपी कांग्रेस प्रमुख अजय राय ने हाल ही में कहा कि पार्टी पांच सीटों पर सपा का समर्थन करेगी. जबकि अन्य पांच सीटों पर चुनाव लड़ने की तैयारी कर रही है.