प्रधानमंत्री मोदी कर सकते हैं मणिपुर का दौरा, इम्फाल और चुराचांदपुर में तैयारियां
दो साल पहले भड़की हिंसा के बाद से दो साल का समय बीत चुका है. ऐसे में प्रधानमंत्री मोदी का ये दौरा काफी अहम बन जाता है. सम्बहवित दौरे को देखते हुए काफी तैयारी की जा रही है.;
प्रधानमंत्री मोदी के मणिपुर दौरे की फाइल फोटो.
PM Modi May Visit Manipur : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सितंबर के दूसरे सप्ताह में मणिपुर का दौरा कर सकते हैं। यह उनका पहला दौरा होगा जब से मई 2023 में राज्य में जातीय हिंसा भड़की थी। सूत्रों के अनुसार, प्रधानमंत्री इंफाल और चुराचांदपुर जिलों में प्रभावित परिवारों से मुलाकात करेंगे और राहत शिविरों में रह रहे विस्थापित लोगों की स्थिति का जायज़ा लेंगे।
विकास परियोजनाओं की घोषणा संभव
मीडिया रिपोर्ट में ये दावा किया गया है कि सरकारी सूत्रों का कहना है कि मोदी अपने दौरे के दौरान राज्य के लिए कुछ अहम बुनियादी ढांचा परियोजनाओं की घोषणा कर सकते हैं। इसके साथ ही वे पहले से तैयार कुछ योजनाओं का उद्घाटन भी करेंगे। माना जा रहा है कि इस यात्रा के जरिए केंद्र सरकार यह संदेश देना चाहती है कि वह राज्य के पुनर्निर्माण और शांति बहाली के लिए गंभीर है।
कड़ी सुरक्षा और निगरानी
प्रधानमंत्री की यात्रा को देखते हुए राज्य में सुरक्षा एजेंसियां चौकन्नी हो गई हैं। एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार, “तारीख़ों पर अंतिम निर्णय लिया जा रहा है। किसी भी तरह की उकसाने वाली गतिविधियों को रोकने के लिए हालात पर लगातार निगरानी रखी जा रही है।”
हिंसा की पृष्ठभूमि
मणिपुर में 3 मई 2023 को मैतेई और कुकी-जो समुदायों के बीच भड़की जातीय हिंसा में अब तक कम से कम 250 लोगों की जान गई है। करीब 60,000 लोग अपने घर छोड़कर राहत शिविरों में रहने को मजबूर हैं। हिंसा के दौरान 6,020 पुलिस हथियार लूटे गए थे, जिनमें से लगभग 3,000 की बरामदगी हो चुकी है।
आलोचना और राजनीतिक परिप्रेक्ष्य
हिंसा शुरू होने के बाद से प्रधानमंत्री के मणिपुर न जाने को लेकर विपक्ष और स्थानीय संगठनों ने लगातार सवाल उठाए। राज्य में 13 फरवरी 2025 से राष्ट्रपति शासन लागू है, जिसे हाल ही में संसद ने छह महीने और बढ़ा दिया। हालांकि, राष्ट्रपति शासन के दौरान हिंसा की बड़ी घटनाएं कम हुई हैं और पुलिस ने उगाही करने वाले गिरोहों पर कार्रवाई तेज की है।
आगे की राह
राज्य विधानसभा भंग नहीं हुई है और सूत्रों के मुताबिक, केंद्र धीरे-धीरे निर्वाचित सरकार की बहाली की दिशा में भी काम कर रहा है। प्रधानमंत्री का प्रस्तावित दौरा न केवल पीड़ित परिवारों को राहत का संदेश देगा, बल्कि राजनीतिक और प्रशासनिक स्तर पर मणिपुर की स्थिति को स्थिर करने की दिशा में भी अहम माना जा रहा है।