‘महाप्रसाद’ के जरिए TMC का हिंदुत्व कार्ड? पश्चिम बंगाल में बढ़ता भगवाकरण

पश्चिम बंगाल की राजनीति में धर्म का प्रभाव पहले से कहीं अधिक गहरा हो गया है। TMC द्वारा महाप्रसाद बांटने की पहल को चाहे जो तर्क दिया जाए, लेकिन यह साफ है कि राज्य की राजनीति अब हिंदुत्व की धुरी पर घूमने लगी है।;

Update: 2025-06-11 10:35 GMT

पश्चिम बंगाल सरकार ने हाल ही में एक अनोखी पहल की है। इसके तहत राज्य के हर परिवार को जगन्नाथ मंदिर का "महाप्रसाद" वितरित किया जाएगा। माना जा रहा है कि यह कदम सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस (TMC) द्वारा भारतीय जनता पार्टी (BJP) की हिंदुत्व राजनीति को मात देने की कोशिश है। राजनीतिक जानकारों के अनुसार, यह पहल राज्य की राजनीति में तेजी से बढ़ते ‘हिंदूकरण’ को दर्शाता है। यह आरएसएस-बीजेपी की विचारधारा की विजय की तरह देखा जा रहा है, जिससे आने वाले समय में बीजेपी को चुनावी लाभ भी मिल सकता है।

10 जून को विशेष पूजा

राज्य सरकार द्वारा वित्तपोषित इस मंदिर में 300 किलो खोये का "महाप्रसाद" चढ़ाया गया। उसी दिन यह प्रसाद फ्रिज वैन के जरिए राज्य के सभी जिलों में भेजा गया, जहां इसे और खोये के साथ मिलाकर दो प्रकार की मिठाइयां बनाई जाएंगी। हर परिवार को एक पैकेट दिया जाएगा जिसमें एक पेड़ा, एक गजा (खोये से बनी मिठाई) और मंदिर की एक फोटो होगी। यह वितरण राशन डीलरों के माध्यम से किया जाएगा। यह पूरा कार्यक्रम राज्य सरकार की मशीनरी और फंड के इस्तेमाल से किया जा रहा है, जिससे धर्मनिरपेक्षता पर सवाल उठ रहे हैं।

27 जून तक अभियान

यह वितरण अभियान 17 जून से शुरू होकर 27 जून को समाप्त होगा, जिस दिन जगन्नाथ रथ यात्रा मनाई जाती है। जिला मजिस्ट्रेट और ब्लॉक विकास अधिकारी इस अभियान की निगरानी कर रहे हैं। राज्य के संस्कृति मंत्री इंद्रनील सेन पूरे कार्यक्रम की देखरेख कर रहे हैं।

बंगाल में बढ़ता भगवाकरण

राज्य में हिंदुत्व की जड़ें मजबूत होती जा रही हैं। आरएसएस की बंगाल में 4,500 से अधिक शाखाएं हैं, जो 2022 में केवल 1,900 थीं। संगठन ने उत्तर बंगाल, मध्य बंगाल और दक्षिण बंगाल में अलग-अलग डिवीजन बनाकर काम को तेज किया है।

एपीडीआर (APDR) के महासचिव रंजीत सूर ने कहा कि बंगाली समाज में हिंदूकरण अब नकारा नहीं जा सकता। उन्होंने बताया कि सांप्रदायिक राजनीति और बहुसंख्यकवाद के खिलाफ जागरूकता अभियान चलाते समय उन्हें खुद कोलकाता की कॉलेज स्ट्रीट जैसी प्रबुद्ध जगह पर भी विरोध का सामना करना पड़ा।

प्रतिक्रिया की जगह चुप्पी

रंजीत सूर ने कहा कि लोगों में असहिष्णुता बढ़ रही है। "बांग्लादेशियों की घुसपैठ", "मुस्लिम जनसंख्या विस्फोट" जैसे मुद्दों पर झूठी कहानियां फैलाई जा रही हैं और लोग अब इन मुद्दों पर बात तक नहीं करना चाहते। उल्टा विरोध करने वालों को ही निशाना बनाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि सेकुलर पार्टियां भी अब डर के कारण आरएसएस-बीजेपी की विचारधारा के सामने झुकती नजर आ रही हैं। टीएमसी द्वारा महाप्रसाद वितरण इसका ताजा उदाहरण है।

बीजेपी का अभियान

बीजेपी ने 2026 विधानसभा चुनाव को ध्यान में रखते हुए हिंदू वोटों में 5% बढ़ोतरी का लक्ष्य रखा है। 2024 लोकसभा चुनाव में पार्टी को 38% वोट मिले, जो TMC से लगभग 7% कम है। बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष सुकांत मजूमदार ने दावा किया कि पहलगाम या मुर्शिदाबाद में मारे गए लोग सिर्फ इसलिए मारे गए, क्योंकि वे हिंदू थे। उन्होंने TMC पर लगातार मुस्लिम तुष्टिकरण और हिंदुओं पर अत्याचार का आरोप लगाया।

मोदी-शाह की रणनीति

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह ने अपने दौरे के दौरान राष्ट्रवाद को धार्मिक पहचान से जोड़ते हुए ऑपरेशन सिंदूर की सफलता को रेखांकित किया। शाह ने कहा कि ममता बनर्जी ने मुसलमान वोट बैंक के लिए ऑपरेशन सिंदूर का विरोध किया। लेकिन अब बंगाल की महिलाएं उन्हें सिंदूर का सही मतलब समझा देंगी। विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी ने तो यहां तक कह दिया कि TMC का आतंकियों से संबंध हो सकता है।

TMC की रणनीति में बदलाव

एक समय था, जब TMC को लगता था कि उसकी लोकलुभावन योजनाएं (जैसे लक्ष्मी भंडार, स्वास्थ्य साथी आदि) सांप्रदायिक राजनीति के सामने टिक जाएंगी। लेकिन अब पार्टी को लगता है कि मुस्लिम वोट बैंक (30%) पर भी उसका भरोसा डगमगा रहा है। क्योंकि भ्रष्टाचार और जमीन हड़पने जैसे आरोपों से उसकी छवि धूमिल हुई है। यही वजह है कि पार्टी अब हिंदुओं को भी साधने की कोशिश में लग गई है। लेकिन विशेषज्ञों का मानना है कि बीजेपी को उसके ही मैदान में हराना संभव नहीं और TMC की यह रणनीति अंततः नुकसानदेह साबित हो सकती है।

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