महज 7 घंटे में पहुंचेंगे दिल्ली से प्रयागराज, इस दिन से खुलने जा रहा है गंगा एक्सप्रेसवे

मानसून के बावजूद गंगा एक्सप्रेसवे का काम तय समयसीमा के अंदर समाप्त होगा. 594 किलोमीटर लंबा यह एक्सप्रेसवे 31 दिसंबर तक जनता के लिए खोल दिया जाएगा.

Update: 2024-07-16 11:08 GMT

Ganga Expressway: मानसून के बावजूद गंगा एक्सप्रेसवे का काम तय समयसीमा के अंदर समाप्त होगा. ऐसे में 594 किलोमीटर लंबा यह गंगा एक्सप्रेसवे 31 दिसंबर तक जनता के लिए खोल दिया जाएगा. योगी आदित्यनाथ सरकार की महत्वाकांक्षी परियोजना मेरठ के बिजौली इलाके को प्रयागराज के जूडापुर दांडू से जोड़ेगी. इस प्रकार दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे के जुड़ने से दिल्ली और प्रयागराज के बीच लगभग सात घंटे का रास्ता रह जाएगा.

राज्य सरकार ने परियोजना को क्रियान्वित करने वाली एजेंसियों से दो प्रमुख पुलों के निर्माण में तेजी लाने को कहा है. यह मेरठ और बदायूं के बीच (गंगा पर) 960 मीटर लंबा पुल और बदायूं और हरदोई के बीच (रामगंगा पर) 720 मीटर लंबा पुल है. छह लेन वाले एक्सप्रेसवे के पूरे हिस्से में 14 प्रमुख पुल, 7 रेलवे ओवरब्रिज, 32 फ्लाईओवर और शाहजहांपुर जिले के जलालाबाद क्षेत्र में लड़ाकू विमानों की आपातकालीन लैंडिंग के लिए 3.5 किलोमीटर लंबी हवाई पट्टी शामिल होगी.

एक्सप्रेसवे औद्योगिक प्राधिकरण (यूपीईआईडीए) ने अधिकारियों से यह सुनिश्चित करने को कहा है कि सभी आवश्यक संरचनाएं और हाई-स्पीड कॉरिडोर समय सीमा (31 दिसंबर) से पहले तैयार हो जाएं, ताकि यह अगले साल जनवरी में महाकुंभ के दौरान प्रयागराज में मोटर वाहनों की आवाजाही को सुविधाजनक बनाने में मदद कर सके. 36,230 करोड़ रुपये के बजट से निर्मित होने वाला गंगा एक्सप्रेसवे 12 जिलों को आपस में जोड़ेगा. परियोजना के लिए 518 गांवों में फैली कुल 7,453 हेक्टेयर भूमि एकत्र की गई है.

120 मीटर की चौड़ाई वाले इस एक्सप्रेसवे में छह लेन होंगे और भविष्य में जरूरत के अनुसार दो और लेन जोड़ने की गुंजाइश होी. यूपीईआईडीए के अधिकारियों ने कहा कि जब यह खंड तैयार हो जाएगा तो गति सीमा तय की जाएगी. चार खंडों में विभाजित मेरठ-बदायूं खंड (129.70 किमी) का निर्माण आईआरबी इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपर्स लिमिटेड द्वारा किया जा रहा है. जबकि शेष तीन खंड बदायूं-हरदोई (151.70 किमी), हरदोई-उन्नाव (155.70 किमी) और उन्नाव-प्रयागराज (156.85 किमी) का निर्माण अडानी इंफ्रास्ट्रक्चर द्वारा किया जा रहा है.

प्राधिकरण के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि मुख्य कैरिजवे पर 82% मिट्टी का काम किया गया है. इसी तरह, कैरिजवे के 58% हिस्से पर सब-बेस पूरा हो गया है. जबकि 596 किलोमीटर लंबे हिस्से के 50% से अधिक हिस्से पर बिटुमिनस मैकडैम बिछाया जा चुका है. 1,481 संरचनाओं में से, दोनों निर्माण एजेंसियों ने पहले ही 1,215 संरचनाओं को चालू कर दिया है. यात्रियों की सुविधा के लिए इस मार्ग पर नौ सुविधाएं भी स्थापित की जाएंगी. एक्सप्रेसवे पश्चिम और पूर्वी उत्तर प्रदेश के बीच यात्रा के समय को कम कर देगा.

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