महाराष्ट्र में किसान आंदोलन उफान पर, बच्छू कडू ने फडणवीस सरकार को दी आखिरी चेतावनी
महाराष्ट्र में किसानों का आंदोलन निर्णायक मोड़ पर है। इस बीच सीएम देवेंद्र फडणवीस से किसान नेता बच्छू कडू मिलने वाले हैं। किसानों ने कर्जमाफी, मुआवज़ा और एमएसपी मुद्दे को उठाया है।
महाराष्ट्र में प्रहार जनशक्ति पार्टी (PJP) प्रमुख और पूर्व मंत्री बच्छू कडू के नेतृत्व में चल रहा किसानों का आंदोलन गुरुवार (30 अक्टूबर) को निर्णायक मोड़ पर पहुंच गया है। कडू आज शाम 7 बजे मुंबई में मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस से मुलाकात करेंगे। इस मुलाकात में वह किसानों के लिए पूर्ण कर्जमाफी और 22 अन्य प्रमुख मांगों पर दबाव डालेंगे। कडू ने संकेत दिए हैं कि बातचीत के बाद आंदोलन की आगे की रणनीति तय की जाएगी।
आंदोलन की पृष्ठभूमि
किसानों का ट्रैक्टर मोर्चा सोमवार को अमरावती ज़िले के चांदुरबाजार से शुरू हुआ था। यह मंगलवार को वर्धा होते हुए नागपुर पहुंचा, जहां इसे ‘महाअल्गार मोर्चा’ का नाम दिया गया। इस आंदोलन को राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (शरद पवार गुट), किसान सभा, और किसान नेता राजू शेट्टी का समर्थन मिला है। किसान संगठनों की मुख्य मांगें हैं—
सम्पूर्ण कर्जमाफी
असमय बारिश से हुए नुकसान की तत्काल भरपाई
फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) की गारंटी
दिव्यांगों के लिए ₹6,000 मासिक भत्ता
कोर्ट और सरकार की प्रतिक्रिया
बुधवार को बॉम्बे हाईकोर्ट ने नागपुर-हैदराबाद राष्ट्रीय राजमार्ग 44 को खाली करने का निर्देश दिया। इसके बाद राज्य के मंत्री पंकज भोयर और आशीष जायसवाल ने आंदोलनकारियों से बातचीत की।
पत्रकारों से बातचीत में कडू ने कहा “हम किसानों के लिए पूरी कर्जमाफी और न्यूनतम समर्थन मूल्य पर फसलों की खरीद की गारंटी मांग रहे हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किसानों की आय दोगुनी करने का वादा किया था, लेकिन आज किसान कर्ज में डूबे हैं। अगर राज्य सरकार सक्षम नहीं है, तो केंद्र को मदद करनी चाहिए।
किसानों की नाराज़गी और तर्क
पूर्व शेतकरी संगठन प्रमुख विजय जवंधिया ने कहा कि सरकार अपने चुनावी वादों को भूल चुकी है। सोयाबीन का MSP ₹5,328 प्रति क्विंटल तय किया गया है, जबकि किसानों को सिर्फ ₹3,500 से ₹4,000 मिल रहे हैं — यानी करीब 30% कम। कपास की फसल भी असमय बारिश से बर्बाद हो चुकी है।
68 लाख हेक्टेयर में तबाही
सितंबर और अक्टूबर में अचानक हुई भारी बारिश ने महाराष्ट्र के 29 ज़िलों में करीब 68 लाख हेक्टेयर फसलों को नुकसान पहुंचाया है। लातूर ज़िले के रेनापुर के किसान सुरेश चव्हाण ने बताया कि उनके पांच एकड़ खेत की पूरी सोयाबीन की फसल बारिश में बह गई। “सरकार ने मुआवज़े का ऐलान किया, लेकिन कोई मदद नहीं मिली,” उन्होंने एक वायरल वीडियो में कहा।
विपक्ष का हमला
कांग्रेस नेता विजय वडेट्टीवार ने आरोप लगाया कि फडणवीस सरकार ने ₹31,000 करोड़ के राहत पैकेज का दावा किया, लेकिन अब तक सिर्फ ₹1,800 करोड़ ही जारी हुए हैं — यानी प्रति हेक्टेयर मात्र ₹10,000 की मदद। उन्होंने इसे किसानों के साथ “धोखा” बताया।
कोर्ट का सख्त रुख
गुरुवार को नागपुर पुलिस ने हाईकोर्ट को बताया कि राजमार्ग और शहर की सड़कों को आंदोलनकारियों से खाली करा लिया गया है। कोर्ट ने कहा कि आगे कोई बाधा न हो, इसके लिए प्रशासन पहले से तैयारी रखे।
बच्छू कडू की फडणवीस से मुलाकात महाराष्ट्र के किसान आंदोलन के भविष्य को तय कर सकती है। सरकार पर अब दोहरी चुनौती है—एक ओर किसानों को राहत देना, और दूसरी ओर ग्रामीण इलाकों का भरोसा बनाए रखना।