हरियाणा की 10 सीटों पर किसका दिखेगा दम, सबके हैं अपने अपने दावे

लोकसभा चुनाव से ठीक पहले बीजेपी-जेजेपी हुए अलग तो आप-कांग्रेस में हुआ गठबंधन

Update: 2024-05-22 04:45 GMT

Loksabha Election Haryana News:  देशों में देश हरियाणा जहां दूध दही का खाना. जी हाँ, हरियाणा जो कृषि प्रधान प्रदेश है. इसके लिए ये कहावत मशहूर है. इसकी वजह है कि यहाँ के लोग अपने खाने में दूध दही का इस्तेमाल ज्यादा करते हैं. एक दौर था जब तत्कालीन मुख्यमंत्री भजन लाल ने प्रदेश में शराब बंदी की थी. उस समय इस कहावत का जोर शोर से प्रचार किया गया था. लोकसभा चुनाव में इसी प्रदेश को लेकर बात करते हैं.

लोकसभा चुनाव 2024 सात चरणों में संपन्न होगा. इसके छठे चरण में दिल्ली से सटे राज्य हरियाणा की सभी 10 सीटों पर चुनाव होने हैं, जो 25 मई को होंगे. हरियाणा की पहचान खेती किसानी और खेल खासतौर से पहलवानी और कबड्डी से है. कामनवेल्थ गेम्स और ओलिंपिक गेम्स में देश को मैडल दिलाने वाले खिलाड़ियों में से अच्छी खासी संख्या हरियाणा से आने वाले खिलाड़िओं की रहती है. यही वजह भी है कि यहाँ की राज्य सरकार खेल और खिलाड़ियों को प्रोत्साहित करती है. अगर जातीय समीकरण की बात करें तो यहाँ के कुछ जिले खासतौर से रोहतक और सोनीपत जाटलैंड के तौर पर जाने जाते हैं. इसके अलावा गुरुग्राम, रेवाड़ी आदि इलाका यादव बेल्ट माना जाता है. इस राज्य में सभी 36 बिरादरी हैं.

जातीय समीकरण

अलग अलग राजनीतिक दलों से प्राप्त आंकड़ों के अनुसार हरियाणा में जाट समाज की आबादी लगभग 22% है. दलित समुदाय की आबादी 21%, ओबीसी की आबादी 30%, ब्राह्मण समुदाय की आबादी 8%, वैश्य 5%, पंजाबी 8%, राजपूत 3.5%, मुस्लिम 3.5% व शेष अन्य समुदाय की आबादी है.

हरियाणा का इतिहास

हरियाणा देश के संपन्न राज्यों में गिना जाता है. यहां की भूमि उपजाऊ है और यही वजह भी है कि यहां का किसान अन्य राज्यों के मुकाबले संपन्न है. अगर हम बात करे हरियाणा की तो आजादी के बाद तक भी ये पंजाब का हिस्सा था. 1966 में हरियाणा को राज्य का दर्जा मिला और ये देश का 17वां राज्य बना. हरियाणा की सीमा पंजाब, राजस्थान, दिल्ली, यूपी और हिमाचल प्रदेश से लगती हैं. देश में हुई हरित क्रांति में हरियाणा ने काफी अहम भूमिका निभाई थी.

हरियाणा की राजधानी चंडीगढ़ है, जो पंजाब की भी राजधानी है. हालाँकि हरियाणा ने पंचकुला को अपनी प्रशासनिक राजधानी के तौर पर विकसित किया है.

फरीदाबाद है सबसे ज्यादा आबादी वाला शहर

हरियाणा का फरीदाबाद शहर आबादी के हिसाब से सबसे अधिक आबादी वाला शहर है. फरीदाबाद और गुरुग्राम दो जिले ऐसे हैं, जो दिल्ली से लगते हुए हैं और इसी वजह से हरियाणा सरकार ने इन दोनों शहरों को दिल्ली की तर्ज पर ही विकसित करने की पहल की थी. आज की बात करें तो गुरुग्राम आईटी हब बन चुका है.

लोकसभा चुनाव से पहले बदल दिए गए मुख्यमंत्री और टूट गया गठबंधन

लोकसभा चुनाव से एन पहले बीजेपी और जेजेपी का गठबंधन टूट गया और बीजेपी ने मनोहरलाल खट्टर को मुख्यमंत्री पद से हटाकर नायब सिंह सैनी को मुख्यमंत्री बना दिया.

इस समय बीजेपी अलग चुनाव लड़ रही है, जेजेपी अलग. कांग्रेस और आप मिलकर चुनाव लड़ रहे हैं, कांग्रेस ने 9 सीट पर उम्मीदवार मैदान में उतारे हैं जबकि कुरुक्षेत्र सीट से आप ने उम्मीदवार मैदान में उतरा है. इंडियन नेशनल लोकदल भी मैदान में है.

पिछले लोकसभा चुनाव में बीजेपी ने सभी १० सीटें जीत लो थीं. अब देखना है कि यहाँ की जनता किस दल को वोटों के माध्कियम से कितना बल देती है.

लोकसभा की 10 सीटें आती हैं

  • सोनीपत
  • रोहतक
  • कुरुक्षेत्र
  • हिसार
  • करनाल
  • गुरुग्राम
  • फरिदाबाद
  • अम्बाला
  • सिरसा
  • भिवानी - महेंद्रगढ़

मतदाताओं की संख्या (2019):

18057010

पुरुष मतदाताओं की हिस्सेदारी (2019):

53.81%

महिला मतदाताओं की हिस्सेदारी (2019):

46.19%

सबके है अपने अपने दावे

बीजेपी का कहना है कि इस दफा भी जीत बंपर होने वाली है, हरियाणा के लोग इस बात को समझते हैं कि कांग्रेस और आईएनएलडी की वजह से किसका नुकसान हुआ है. हमारी सरकार ने हरियाणा के बेहतरी के लिए काम किया है. लेकिन कांग्रेस और आईएनएलडी का कहना है कि नतीजों का इंतजार करिए. कांग्रेस के कद्दावर नेता भूपेंद्र सिंह हुड्डा कहते हैं कि नफरत की राजनीति. महंगाई, भ्रष्टाचार, किसानों की अनदेखी बीजेपी पर भारी पड़ने जा रही है. चार जून को जब नतीजे सामने आएंगे तो पता चल जाएगा कि हरियाणा की जनता को किस दल पर भरोसा था.  

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