पहलगाम मुद्दे पर आज मंथन का महादौर, जानें- क्यों है यह अहम

पहलगाम आतंकी हमले के बाद माहौल गरमाया हुआ है। आज पीएम नरेंद्र मोदी सीसीएस समेत चार बड़ी बैठकों की अध्यक्षता करने वाले हैं।;

Update: 2025-04-30 01:02 GMT
30 अप्रैल को दोबारा सीसीएस की बैठक होने जा रही है। इससे पहले 23 अप्रैल को बैठक हुई थी।

पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत ने अपना रुख पूरी तरह साफ कर दिया है। मंगलावर को तीनों सेनाओं के प्रमुखों से बैठक के बाद पीएम मोदी ने कहा कि उन्हें अपनी सेना पर पूरा भरोसा है। पाकिस्तान के खिलाफ कार्रवाई में पूरी तरह से छूट है। समय, जगह और कार्रवाई का फैसला फौज को करना है। इन सबके बीच आज बैठकों का लंबा दौर चलने वाला है। पहले कैबिनेट कमेटी ऑन सेक्यूरिटी फिर सीसीईए, सीसीपीए की बैठक होने वाली है। 

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज कैबिनेट की सबसे अहम समिति कैबिनेट कमेटी ऑन पॉलिटिकल अफेयर्स (CCPA) की एक महत्वपूर्ण बैठक की अध्यक्षता करेंगे। इस समिति को अक्सर "सुपर कैबिनेट" कहा जाता है क्योंकि यह देश के सबसे अहम राजनीतिक और आर्थिक फैसलों का केंद्र बिंदु होती है।

यह बैठक ऐसे समय पर हो रही है जब सरकार ने पिछले सप्ताह कश्मीर के पहलगाम में हुए पर्यटकों के भयावह नरसंहार के बाद कैबिनेट कमेटी ऑन सिक्योरिटी (CCS) की एक बैठक बुलाई थी। CCS की अगली बैठक बुधवार को प्रस्तावित है।पहली CCS बैठक के बाद सरकार ने पाकिस्तान के खिलाफ कई गैर-सैन्य कदमों की घोषणा की थी जिसमें सिंधु जल संधि को निलंबित करना, अटारी सीमा को बंद करना और वीजा रद्द करना शामिल है।

मंगलावर को  राजनाथ सिंह, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल और चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल अनिल चौहान के साथ एक और अहम बैठक के बाद, सूत्रों के अनुसार प्रधानमंत्री मोदी ने सेना को "भारत की सैन्य प्रतिक्रिया के तरीकों, लक्ष्यों और समय" तय करने की पूर्ण स्वतंत्रता दे दी है।

पुलवामा हमले के बाद भी हुई थी ऐसी ही बैठक

CCPA की पिछली महत्वपूर्ण बैठक 2019 में जम्मू-कश्मीर के पुलवामा आतंकी हमले के बाद हुई थी। उस समय सुरक्षा हालात की समीक्षा और जवाबी रणनीतियों को अंतिम रूप देने के लिए यह बैठक बुलाई गई थी। इसी बैठक में पाकिस्तान को दिए गए मोस्ट फेवर्ड नेशन (MFN) दर्जे को वापस लेने का निर्णय लिया गया था। इसके बाद, 26 फरवरी 2019 को भारतीय वायुसेना ने पाकिस्तान के बालाकोट में आतंकी ठिकानों पर एयरस्ट्राइक की थी।

CCPA के कार्य

देश के अहम राजनीतिक और आर्थिक मामलों पर निर्णय लेना।केंद्र और राज्यों के बीच संबंधों की समीक्षा और सहमति निर्माण की कोशिश।आंतरिक सुरक्षा और आर्थिक नीतियों पर विचार-विमर्श जो राजनीतिक असर डाल सकते हैं।मंत्रालयों के बीच तालमेल बनाए रखना, खासकर जब निर्णयों के राजनीतिक परिणाम हों।विदेश नीति से जुड़े मामलों पर भी विचार किया जाता है, विशेषकर जब उनके असर देश की राजनीति पर पड़ सकते हों।

CCPA के सदस्य

प्रधानमंत्री इस समिति के अध्यक्ष होते हैं। इसके सदस्य हैं:

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह

गृह मंत्री अमित शाह

सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण

वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल

स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा

नागरिक उड्डयन मंत्री के राम मोहन नायडू

एमएसएमई मंत्री जीतन राम मांझी

जहाजरानी मंत्री सर्बानंद सोनोवाल

पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव

महिला और बाल विकास मंत्री अन्नपूर्णा देवी

संसदीय कार्य मंत्री किरण रिजिजू

कोयला मंत्री जी किशन रेड्डी

इसके अतिरिक्त, गठबंधन दलों के कैबिनेट मंत्रियों को भी CCPA में शामिल किया गया है।

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