दो भाइयों ने एक साथ पास की यूपीएससी की परीक्षा, ऐसी है संघर्षों से भरी उनकी कहानी

यूपीएससी की ओर से घोषित परिणाम में उनके बड़े बेटे पंकज कुमावत ने 443वीं और छोटे बेटे अमित कुमावत ने 600वीं रैंक हासिल की है.;

Update: 2025-02-17 10:42 GMT

UPSC की परीक्षा को देश की सबसे कठिन परीक्षाओं में से एक माना जाता है, लेकिन इस दुनिया में कुछ भी असंभव नहीं है. कड़ी मेहनत के माध्यम से सफलता हासिल की जा सकती है. परीक्षा तो हर कोई दे देता है, लेकिन इस परीक्षा मे पास होना सबसे ज्यादा मुश्किल काम है. पास करने वाले युवाओं के आस पास सैकड़ों का बढ़ाई देने का तांता लग जाता है. वहीं, जिन्होंने सफलता नहीं पाई है, वो एक बार फिर से अपनी तैयारी में जुट जाते हैं. हर साल इस परीक्षा को पास और सफल उम्मीदवारों की सफलता की कहानी पढ़ने को मिलती है. ऐसी ही एक कहानी है राजस्थान के नागौर जिले में रहने वाले दो भाइयों की. इस परीक्षा में सफलता प्राप्त कर के अपनी अनपढ़ मां का सपने पूरा किया.

राजस्थान के दो भाई नागौर के भांवता गांव के रहने वाले है. दो भाई का नाम कृष्णकांत कनवाड़िया और राहुल कनवाड़िया है. इन दोनों भाईयों ने साल 2021 में यूपीएससी की परीक्षा एक साथ पास की थी और इस परीक्षा के मैदान में सफलता हासिल की थी. कृष्णकांत कनवाड़िया ने सिविल सेवा परीक्षा में साल 2021 में 382वीं और उनके छोटे भाई राहुल कनवाड़िया ने 536वीं रैंक हासिल की थी. आपको बता दें, इन दिनों ये दोनों भाई डॉक्टर हैं. कृष्णकांत ने यूपीएससी की परीक्षा चौथे अटेम्प्ट में और राहुल ने दूसरे अटेम्प्ट में पास की थी.

दोनों भाई ने अपनी शुरुआती पढ़ाई गांव से ही की थी. उनके पिता हीरालाल कनवाड़िया सरकारी स्कूल के प्रधानाचार्य थे. इसी के साथ उनकी माता पार्वती देवी अनपढ़ थी. लेकिन दोनों ने अपने बेटों की पढ़ाई में कोई कसर नहीं छोड़ी थी. उनकी मां का सपना था कि उनके दोनों बच्चें अफसर बने. इस सपने को दोनों भाइयों ने पूरा किया.

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