बंदूक की नोक पर भारत नहीं करता है ट्रेड डील, देशहित में सरकार लेगी फैसला, बोले - पीयूष गोयल
पीयूष गोयल ने कहा, भारत और अमेरिका के बीच प्रस्तावित द्विपक्षीय व्यापार समझौते को लेकर बातचीत चल रही है, सरकार देश और जनता के हितों को ध्यान में रखते हुए कोई भी फैसला लेगी.;
US Tariff War: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के 26 फीसदी रेसिप्रोकल टैरिफ को 90 दिनों के लिए टालने के बाद वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने कहा है कि भारत और अमेरिका के बीच प्रस्तावित द्विपक्षीय व्यापार समझौते (BTA) को लेकर निरंतर बातचीत चल रही है, और सरकार देश और जनता के हितों को ध्यान में रखते हुए कोई भी फैसला लेगी.
भारत-अमेरिका के बीच प्रस्तावित द्विपक्षीय व्यापार समझौते की प्रगति को लेकर पूछे गए सवाल पर पीयूष गोयल ने कहा, हमने पहले भी कई बार कहा है कि हम बंदूक रखकर कभी नेगोशिएट नहीं करते हैं. समय की पाबंदियाँ अच्छी रहती हैं क्योंकि वो प्रोत्साहित करती हैं कि बात जल्दी हो, लेकिन जब तक देश हित और जन हित को हम सुरक्षित न रख सकें, तब तक कभी भी जल्दबाज़ी करना अच्छा नहीं है. उन्होंने कहा कि देश की सभी व्यापार वार्ताएं 'इंडिया फर्स्ट' की भावना के साथ अच्छी तरह आगे बढ़ रही हैं, और इसका उद्देश्य 'विकसित भारत 2047' के रास्ते को सुनिश्चित करना है. वाणिज्य मंत्री गोयल ने कहा कि भारत में ग्रोथ की संभावनाओं और डेमोग्राफी को देखते हुए अमेरिका के साथ द्विपक्षीय व्यापार समझौता बेहद महत्वपूर्ण है.
वाणिज्य मंत्री का यह बयान ऐसे समय में आया है जब अलग-अलग देश अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा घोषित 90 दिनों के टैरिफ विराम का अधिकतम लाभ उठाने की कोशिश कर रहे हैं, जिससे रेसिप्रोकल टैरिफ से बचने के लिए कोई व्यवस्था की जा सके. पीयूष गोयन ने इटली के उप-प्रधानमंत्री एंटोनियो ताजानी के साथ एक संयुक्त सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा, अगले 25-30 वर्षों में भारत जिस प्रकार की विकास संभावनाएं पेश करता है उससे एक बड़ी, आकांक्षी और युवा आबादी वस्तुओं और सेवाओं की मांग को बढ़ाएगी. उसे देखते हुए हम मानते हैं कि भारत अमेरिका के साथ एक बेहतर समझौते में प्रवेश करने के लिए एक सशक्त और आकर्षक मामला बनता है.
उन्होंने कहा, भारत और अमेरिका एक द्विपक्षीय व्यापार समझौते के खाके पर चर्चा कर रहे हैं, जो "मिशन 500" नामक एक नए लक्ष्य का हिस्सा है जिसका उद्देश्य 2030 तक दोनों देशों के बीच व्यापार को 500 बिलियन डॉलर तक ले जाना है.